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TRAI के नए नियम

चर्चा में क्यों?

भारत में टेलीमार्केटिंग कॉल और स्पैम कॉल से संबंधित समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी संदर्भ में, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने एक नया नियम लागू करने का निर्णय लिया है, जो 1 सितंबर 2024 से प्रभावी होगा। यह कदम TRAI की ओर से उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को अनचाही कॉल और ठगी से बचाना है।

नए नियम के अनुसार, अगर कोई भी निजी मोबाइल नंबर से टेलीमार्केटिंग कॉल की जाती है, तो टेलीकॉम ऑपरेटर्स को तुरंत और कठोर कदम उठाने होंगे। इसका मतलब है कि टेलीकॉम कंपनियों को इन कॉलों की पहचान करनी होगी और उन्हें रोकने के लिए प्रभावी उपाय अपनाने होंगे। सरकार का मानना है कि इस नियम के माध्यम से वे अनचाही कॉलों के कारण हो रही ठगी और धोखाधड़ी को कम कर सकेंगे।

टेलीकॉम सेक्टर में लगातार बढ़ती ठगी की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। पिछले कुछ वर्षों में, स्पैम कॉल्स और टेलीमार्केटिंग कॉल्स की बढ़ती संख्या ने उपभोक्ताओं के लिए परेशानियों का ढेर लगा दिया है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, TRAI ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे इस नियम का पालन करें और उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करें।

ट्राई (TRAI) के नए नियम क्या हैं?

हाल ही में स्पैम कॉल और ठगी की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने कुछ महत्वपूर्ण नियम लागू किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य टेलीमार्केटिंग कॉल्स के कारण हो रही परेशानियों को कम करना और उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करना है।

नए नियम के तहत, यदि कोई निजी मोबाइल नंबर से टेलीमार्केटिंग कॉल की जाती है, तो उस नंबर को टेलीकॉम ऑपरेटर्स द्वारा 2 साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि ब्लैकलिस्ट किए गए नंबर से कोई भी टेलीमार्केटिंग कॉल की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह नियम इस तरह के कॉल्स की संख्या को कम करने और ठगी की घटनाओं को रोकने में सहायक होगा।

इसके अलावा, सरकार ने एक नई मोबाइल नंबर सीरीज जारी की है, जिसे विशेष रूप से टेलीमार्केटिंग के लिए उपयोग किया जाएगा। बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर को अब केवल 160 नंबर की सीरीज से प्रमोशनल कॉल्स और मैसेज भेजने की अनुमति होगी। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि टेलीमार्केटिंग कॉल्स की पहचान करना आसान हो और उपभोक्ता स्पष्ट रूप से जान सकें कि उन्हें किस प्रकार की कॉल्स आ रही हैं।

TRAI नियम के महत्त्वपूर्ण बिंदु:

TRAI ने हाल ही में सख्त निर्देश जारी किए हैं ताकि स्पैम कॉल्स और अनधिकृत टेलीमार्केटिंग गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। यदि कोई संगठन अपनी SIP/PRI लाइनों का दुरुपयोग कर स्पैम कॉल करता है, तो इसके सभी दूरसंचार संसाधनों को उसके दूरसंचार सेवा प्रदाता (TSP) द्वारा तुरंत काट दिया जाएगा। इसके साथ ही, उस संगठन को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा और इस जानकारी को अन्य सभी TSPs के साथ साझा किया जाएगा। सभी TSPs मिलकर उस संगठन के दूरसंचार संसाधनों को काट देंगे और उसे दो साल तक के लिए ब्लैकलिस्ट करेंगे। इस अवधि के दौरान, उसे कोई नया दूरसंचार संसाधन आवंटित नहीं किया जाएगा।

1 सितंबर 2024 से, किसी भी SMS को डिलीवर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जिसमें स्पैम वाले URL या APK लिंक शामिल हैं, जो व्हाइटलिस्ट में नहीं होंगे। इसके अतिरिक्त, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को एंटिटी और टेलीमार्केटर चेन बाइंडिंग को लागू करने के लिए 31 अक्टूबर 2024 तक का समय दिया गया है, ताकि मैसेज फ्लो को ट्रैक किया जा सके और स्पैम गतिविधियों की पहचान की जा सके।

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI)

भारत की टेलीकॉम क्षेत्र की नियामक संस्था है। इसे 1997 में स्थापित किया गया था और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।

TRAI की प्रमुख भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ निम्नलिखित हैं:

●  नियम और दिशा-निर्देश बनाना: TRAI टेलीकॉम सेवाओं के लिए नियम और दिशा-निर्देश बनाता है ताकि टेलीफोनिक और इंटरनेट सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

●  सेवा प्रदाताओं की निगरानी: TRAI दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की निगरानी करता है, उनकी सेवाओं के मानकों को सुनिश्चित करता है, और उपभोक्ताओं की शिकायतों पर कार्रवाई करता है।

●  उपभोक्ता संरक्षण: TRAI उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करता है और उन्हें अनचाही कॉल्स, उच्च दरों, और सेवाओं की गुणवत्ता से संबंधित समस्याओं से बचाने के लिए उपाय करता है।

●  प्रस्ताव और सिफारिशें: TRAI सरकार को दूरसंचार नीति और नियमों पर सिफारिशें करता है, जो टेलीकॉम सेक्टर की सुधार प्रक्रिया में सहायक होती हैं।

●  संचार सुधार: TRAI तकनीकी और संरचनात्मक सुधारों को प्रोत्साहित करता है ताकि टेलीकोम क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और सेवाओं का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँच सके।

TRAI द्वारा स्पैम कॉल्स और अनचाही टेलीमार्केटिंग के खिलाफ उठाए गए पूर्व कदम:

  1. डीएनडी (Do Not Disturb) सेवा: TRAI ने उपभोक्ताओं को अनचाही कॉल्स से बचाने के लिए डीएनडी सेवा शुरू की है, जिससे उपभोक्ता अपनी पसंद के अनुसार टेलीमार्केटिंग कॉल्स को ब्लॉक कर सकते हैं।
  2. टीआरआईपी (Telemarketing Registration and Identification Platform): TRAI ने एक प्लेटफॉर्म स्थापित किया, जिसमें टेलीमार्केटिंग कंपनियों को रजिस्टर करना होता है और उपभोक्ताओं को केवल प्रमाणित टेलीमार्केटर्स से ही कॉल प्राप्त होती है।
  3. डीएनडी पोर्टल: TRAI ने एक पोर्टल लॉन्च किया, जहां उपभोक्ता अपनी डीएनडी सेटिंग्स को मैनेज कर सकते हैं और अनचाही कॉल्स की रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके लिए उसने E- Verification अनिवार्य किया था।
  4. कॉल और एसएमएस ब्लॉकिंग ऐप्स: TRAI ने टेलीमार्केटिंग कॉल्स और स्पैम एसएमएस को ब्लॉक करने के लिए विभिन्न मोबाइल ऐप्स और तकनीकी उपायों की सिफारिश की है।

TRAI के नए नियम लाने के पीछे कारण:

  1. स्पैम कॉल्स और ठगी की बढ़ती शिकायतें: हाल के समय में स्पैम कॉल्स और धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हुई है, जिससे उपभोक्ताओं को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
  2. उपभोक्ता सुरक्षा: नए नियम उपभोक्ताओं को अनचाही कॉल्स और ठगी से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं, जिससे वे सुरक्षित रह सकें।
  3. पारदर्शिता में वृद्धि: नए नियम टेलीमार्केटिंग कॉल्स की पहचान को आसान बनाते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को यह जानने में मदद मिलती है कि कौन कॉल कर रहा है।
  4. टेलीमार्केटिंग की निगरानी: नियमों के माध्यम से, TRAI टेलीमार्केटिंग गतिविधियों की निगरानी को मजबूत करना चाहता है और अवैध कॉल्स की रोकथाम सुनिश्चित करना चाहता है।
  5. सुधारित टेलीफोनिक अनुभव: ये नियम उपभोक्ताओं को एक बेहतर और सुरक्षित टेलीफोनिक अनुभव प्रदान करने के लिए हैं, जिससे वे अनचाही कॉल्स से मुक्त रह सकें।

उपभोक्ताओं पर इनका प्रभाव:

  1. कम स्पैम कॉल्स: उपभोक्ताओं को अनचाही स्पैम कॉल्स की संख्या में कमी देखने को मिलेगी, जिससे उन्हें रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कम परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
  2. बढ़ी हुई सुरक्षा: ठगी और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी, क्योंकि टेलीमार्केटिंग कॉल्स की पहचान और निगरानी आसान होगी। इससे उपभोक्ता सुरक्षित महसूस करेंगे।
  3. स्पष्टता और पारदर्शिता: नए नियम के तहत, टेलीमार्केटिंग कॉल्स एक विशेष नंबर सीरीज से की जाएंगी, जिससे उपभोक्ताओं को पता चलेगा कि कौन कॉल कर रहा है और वे संदिग्ध कॉल्स से बच सकते हैं।
  4. सीमित टेलीमार्केटिंग कॉल्स: केवल वैध और अनुमोदित नंबरों से ही प्रमोशनल कॉल्स की जाएंगी, जिससे उपभोक्ताओं को अनावश्यक कॉल्स से राहत मिलेगी।

स्पैम कॉल्स की शिकायत कैसे दर्ज करवाए:

दूरसंचार विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन महीनों में 10 हजार से अधिक धोखाधड़ी वाले मैसेजेस भेजे गए हैं। यह समस्या तेजी से बढ़ रही है और उपभोक्ताओं को लगातार परेशान कर रही है। यदि आपको बार-बार इस तरह के धोखाधड़ी वाले मैसेजेस और कॉल्स प्राप्त हो रहे हैं, तो आप इसकी शिकायत सीधे “संचार साथी पोर्टल” पर कर सकते हैं। यह पोर्टल आपको इन समस्याओं को रिपोर्ट करने और समाधान प्राप्त करने में मदद करेगा।

यदि आपको किसी 10 डिजिट वाले मोबाइल नंबर से मैसेज भेजा गया है, तो आप इसकी शिकायत सीधे 1909 पर कर सकते हैं। यह नंबर टेलीफोनिक सुरक्षा के लिए शिकायत करने के लिए एक विशेष हेल्पलाइन है।

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