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निपाह वायरस (Nipah Virus): क्या है इसके लक्षण और निदान

Nipah Virus

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केरल के मलप्पुरम में एक 24 वर्षीय छात्र की मौत ने निपाह वायरस (Nipah Virus) को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि मृतक का टेस्ट परिणाम निपाह वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया है, जिसे पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में जांचा गया था।

  • अब तक 151 लोग प्राथमिक संपर्क सूची में हैं। जिन लोगों का सीधे संपर्क हुआ था, उन्हें आइसोलेशन में भेजा गया है। आइसोलेशन में रह रहे पांच लोगों में हल्के लक्षण दिखाई देने के बाद उनके सैंपल परीक्षण के लिए भेजे गए हैं।

इससे पहले भी केरल कई बार निपाह (Nipah) से प्रभावित हो चुका है:

निपाह के मामले केरल मे कई बार आ चुके हैं। केरल के कोझिकोड में 2018, 2021 और 2023 में निपाह का केस देखा गया था और एर्नाकुलम में 2019 में निपाह के केस सामने आया था।  जुलाई, 2024 मे मलप्पुरम मे को निपाह वायरस (Nipah virus) का एक केस मिला था, जिसमे एक 14 साल के लड़के में संक्रमण के बाद मौत हो गई थी। केरल के कोझिकोड, वायनाड, इडुक्की, मलप्पुरम और एर्नाकुलम जिलों में चमगादड़ों में निपाह वायरस एंटीबॉडी की मौजूदगी पाई गई है, जिसके कारण यहा इस वायरस के केस ज्यादा देखे जाते है।

निपाह वायरस (Nipah virus) क्या है?

  • निपाह वायरस (NiV) एक जूनोटिक वायरस (zoonotic virus) है। जो जानवरों और मनुष्य के बीच फैलता है, यह मुख्य रूप से फल चमगादड़ों (जिसे फ्लाइंग फॉक्स flying foxes भी कहा जाता है) के माध्यम से भी फैलता है
  • निपाह वायरस रोग पैदा करने वाला जीव  पैरामाइक्सोविरिडे परिवार (Paramyxoviridae family) , हेनिपावायरस जीनस (Henipavirus genus)  का एक आरएनए वायरस (RNA virus) है , और यह हेंड्रा वायरस (Hendra virus) से संबंधित है जो घोड़ों और मनुष्यों में तीव्र श्वसन संक्रमण का कारण बनता है।
  • यह दूषित भोजन (contaminated food) के माध्यम से या सीधे लोगों के बीच भी फैल सकता है। संक्रमित लोगों में, यह तीव्र श्वसन बीमारी (acute respiratory illness) और घातक इंसेफेलाइटिस (encephalitis) तरह की बीमारियों का कारण बनता है।
  • पहली बार 1998 और 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में घरेलू सूअरों (pigs) में दिखाई दिया था। निपाह नाम, मलेशिया के एक गाँव (सुंगई निपाह/Sungai Nipah) के नाम से उत्पन्न हुआ है जहाँ सबसे पहले इसका पता चला था।

Nipah virus” कहां पाया जाता है?

निपाह वायरस एशिया के कुछ हिस्सों, मुख्यतः बांग्लादेश, भारत, मलेशिया, सिंगापुर में फैलने की संभावना अधिक है। इसके अतिरिक्त कंबोडिया, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, फिलीपींस और थाईलैंड जैसे क्षेत्रो भी इस वायरस के लक्षण देखे गए हैं। क्योंकि निपाह वायरस फैलाने वाली चमगादड़ प्रजातियाँ (bat species) इन क्षेत्रों में पाई जा सकती हैं।

निपाह वायरस से संक्रमण (Infection):

निपाह वायरस संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित चमगादड़ों और सूअरों (infected bats and pigs) से मनुष्यों में फैलता है।

यह संक्रमण निम्नलिखित तरीकों से फैल सकता है:

  • संक्रमित चमगादड़ों द्वारा खाए गए फल (Fruits eaten by infected bats): खजूर और दूसरे फल चमगादड़ के यूरिन और लार से दूषित हो जाते हैं। दूषित कच्चे खजूर के रस को पीने से निपाह वायरस का संक्रमण होता है। इसके अतिरिक्त खजूर के पेड़ों पर चमगादड़ ज्यादा रहते हैं। खजूर के पेड़ों पर चढ़ने वाले लोगों में भी निपाह संक्रमण का खतरा है।
  • संक्रमित सूअर (Infected pigs): सूअरों के संपर्क में आने से जो पहले से संक्रमित हों।
  • मनुष्यों से मनुष्यों में (from humans to humans): संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों (जैसे लार, मूत्र) के सीधे संपर्क से।

निपाह वायरस का संक्रमण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसमें मस्तिष्क की सूजन (encephalitis) और श्वसन संबंधी समस्याएं शामिल हैं।

निपाह वायरस (Nipah virus) के लक्षण (symptoms) क्या हैं?

निपाह वायरस के प्रारंभिक लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • बुखार (Fever)
  • सिरदर्द (Headache)
  • उल्टी करना (Vomiting)
  • दस्त (Diarrhea)
  • चक्कर आना (Dizziness)
  • साँस लेने में कठिनाई(Difficulty breathing)
  • खांसी और खराब गला (Cough and sore throat)
  • मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी (Muscle pain and weakness)
  • चेतना में बदलाव (Changes in consciousness)

क्या निपाह वायरस से बचने के लिए कोई वैक्सीन (vaccine) या दवा है ?

निपाह वायरस के लिए कोई वैक्सीन या दवा उपलब्ध नहीं है। हालांकि, वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस वायरस के खिलाफ एक प्रभावी वैक्सीन विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं। इस वायरस से बचने के लिए खुद सावधानीयां (precautions) बरतनी होंगी।

निपाह वायरस से बचाव या निदान (Prevention or diagnosis of Nipah virus) :

  • संक्रमित क्षेत्रों से बचें (Avoid infected areas): उन क्षेत्रों से दूर रहें जहां निपाह वायरस के प्रकोप की सूचना है।
  • चमगादड़ों के संपर्क से बचे (Do not contact bats): फल या अन्य खाद्य पदार्थ जो चमगादड़ों के संपर्क में आ सकते हैं, उन्हें न खाएं।
  • संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें (Maintain distance from infected persons): निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से बचें।
  • स्वच्छता बनाए रखें (Maintain hygiene): नियमित रूप से हाथ धोना और अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना।
  • सुरक्षित भोजन का सेवन करें (Eat safe food): केवल अच्छे से पके हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करें और ताजे फल व सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाएं।
  • इन सावधानियों का पालन करके निपाह वायरस के संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।

रोकथाम (Prevention):

निपाह वायरस को ठीक करने के लिए कोई टीका या एंटीवायरल दवा नहीं है। निपाह वायरस से संक्रमित मनुष्यों की गहन देखभाल की आवश्यकता होती है।

वायरस (virus) क्या है?

वायरस अत्यंत सूक्ष्म संक्रामक (micro infectious organisms) जीवाणु होते हैं जो जीवित कोशिकाओं के भीतर रहकर ही बढ़ते और प्रजनन करते हैं। वे अन्य सभी जीवित प्राणियों से काफी अलग होते हैं क्योंकि वे खुद से जीवित नहीं रह सकते। वायरस के बारे में निम्नलिखित मुख्य बातें जाननी चाहिए:

संरचना (Structure):

  • कोर (Core): वायरस के अंदर एक न्यूक्लिक एसिड (DNA या RNA) होता है, जो वायरस की आनुवंशिक जानकारी को संचित करता है।
  • कैप्सिड (Capsid): न्यूक्लिक एसिड के चारों ओर एक प्रोटीन का खोल (protein shell) होता है, जिसे कैप्सिड कहा जाता है, जो न्यूक्लिक एसिड की रक्षा करता है।
  • कुछ वायरस के चारों ओर एक बाहरी लिपिड परत भी होती है, जिसे एनवेलप (envelope) कहा जाता है।

संक्रमण का तरीका (Mode of infection):

  • वायरस एक मेजबान कोशिका (host cell) में प्रवेश करता है और अपनी आनुवंशिक सामग्री को उस कोशिका में प्रविष्ट करता है।
  • मेजबान कोशिका का तंत्र, वायरस के आनुवंशिक निर्देशों का पालन करते हुए नए वायरस का निर्माण शुरू कर देता है।
  • नए वायरस कोशिका से निकलते हैं और अन्य कोशिकाओं को संक्रमित करने लगते हैं।

वायरस के प्रकार (Types of viruses):

  • एचआईवी (Influenza): जो एड्स का कारण बनता है।
  • इन्फ्लूएंजा वायरस (Influenza virus): जो फ्लू का कारण बनता है।
  • कोरोना वायरस (Coronavirus): जो कोविड-19 जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
  • हेपेटाइटिस वायरस (Hepatitis virus): जो हेपेटाइटिस बी और सी (hepatitis B and C)का कारण बनता है।

रोकथाम और इलाज (Prevention and treatment):

  • टीके (Vaccines): कुछ वायरसों के खिलाफ टीके विकसित किए गए हैं, जैसे कि पोलियो, मीजल्स, और इन्फ्लूएंजा के लिए।
  • एंटीवायरल दवाएं (Antiviral drugs): कुछ वायरस संक्रमणों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवाएं उपलब्ध हैं।
  • स्वच्छता (Hygiene): व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना वायरस संक्रमण से बचाव में मदद करता है।

Nipah Virus संरचना

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