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NOMADIC ELEPHANT 2024: मेघालय में भारत- मंगोलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास का हुआ आरंभ

NOMADIC ELEPHANT

हाल ही में भारत और मंगोलिया की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास (Joint Military Exercises) “NOMADIC ELEPHANT” का 16वां संस्करण मेघालय के उमरोई स्थित विदेशी प्रशिक्षण नोड में आरंभ हुआ।

मंगोलिया (Mongolia) के बारे में

Mangolia map

● Mongolia एक विशाल देश है जो एशिया के बीचों-बीच स्थित है।

● यह चारों ओर से जमीन से घिरा है, उत्तर में रूस और बाकी तरफ चीन है।

● यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है जिसमें समुद्र नहीं लगता और यहां आबादी बहुत कम है।

● यहां के लोग ज्यादातर घुमंतू हैं, यानी वे एक जगह टिक कर नहीं रहते, बल्कि जानवर चराते हुए घूमते रहते हैं। यहां कई तरह के लोग रहते हैं, जैसे मंगोल, कज़ाख और तुवन।

● Mongolia को “अनंत नीले आकाश की भूमि” और “घोड़ों की भूमि” कहा जाता है।

● यहां दक्षिण में गोबी रेगिस्तान है और पश्चिम में अल्ताई नाम के बड़े-बड़े पहाड़ हैं।

● Mongolia की राजधानी उलानबटार है, जो तेजी से आधुनिक बन रही है, लेकिन यहां अब भी पुराने मंदिर, मठ और ऐतिहासिक चीजें देखने को मिलती हैं।

● बहुत समय पहले, Mongolia में मंगोल साम्राज्य था, जो बहुत बड़ा और ताकतवर था। यह यूरोप से लेकर एशिया तक फैला हुआ था।

अभ्यास के मुख्य उद्देश्य:

  • दोनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और संचार (Coordination & Communication) विकसित करना, ताकि वे जटिल परिस्थितियों (Complex situations) में एक साथ प्रभावी ढंग से काम कर सकें।
  • चुनौतीपूर्ण भू-भागों में प्रशिक्षण देकर सेनाओं को विभिन्न परिचालन वातावरणों (Operating Environments) के लिए तैयार करना।
  • अभ्यास के दौरान किए जाने वाले युद्धाभ्यास संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों की आवश्यकताओं के अनुरूप हैं, जिससे दोनों देशों की सेनाएं अंतरराष्ट्रीय मिशनों (International missions) के लिए तैयार रहें।

ऐतिहासिक संदर्भ और हालिया विकास:

  • “NOMADIC ELEPHANT” एक वार्षिक द्विपक्षीय प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो बारी-बारी से Mongolia और भारत में आयोजित किया जाता है।
  • 2023 में, इसका 15वां संस्करण Mongolia के उलानबटार में आयोजित किया गया था, जिसमें मंगोलियाई सशस्त्र बल इकाई 084 और भारतीय सेना की जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट ने भाग लिया था।
  • इस वर्ष मई में, भारत और Mongolia के रक्षा मंत्रालयों के बीच 12वीं संयुक्त कार्य समूह (JWG) की बैठक हुई, जिसमें विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों की समीक्षा की गई और इस साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
  • 16वें संस्करण में 45 कर्मियों वाले भारतीय दल का प्रतिनिधित्व सिक्किम स्काउट्स की एक बटालियन तथा अन्य शाखाओं तथा सैन्य कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। मंगोलियाई दल का प्रतिनिधित्व Mongoliaई सेना की 150 त्वरित प्रतिक्रिया बल बटालियन (Quick Reaction Force Battalion) के कर्मियों द्वारा किया जा रहा है।

भविष्य पर प्रभाव:

“NOMADIC ELEPHANT” श्रृंखला की निरंतरता रक्षा क्षेत्र में भारत और Mongolia के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी (Strategic partnership) को दर्शाती है। नियमित रूप से उच्च स्तरीय सैन्य अभ्यास आयोजित करके, दोनों देश जटिल सैन्य अभियानों को संभालने के लिए अपने सहयोग और तैयारी को बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं। यह सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए शांति और स्थिरता (Peace and Stability) बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

अभ्यास का महत्व:

यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे की संस्कृति, रणनीति और तकनीकों (Culture, Strategy and Technologies) को समझने का अवसर प्रदान करता है। इससे दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक संबंध (Diplomatic Relations) मजबूत होते हैं। इसके अलावा, यह अभ्यास भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पूर्वी एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना है।

भारतीय सैन्य अभ्यास (Indian Military Exercises):

भारतीय सेना घरेलू सैन्य अभ्यास तथा दुनिया भर के कई देशों के साथ मिलकर नियमित रूप से सैन्य अभ्यास करती है। इन अभ्यासों का मुख्य मकसद होता है आपसी सैन्य संबंधों को मजबूत करना, एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाकर काम करने की क्षमता बढ़ाना और युद्ध की नई तकनीकों को सीखना व सिखाना।

इन अभ्यासों में कई तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ता है, जैसे आतंकवाद से लड़ना, प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की मदद करना, शांति स्थापित करना, ऊंचे पहाड़ों पर लड़ना, रेगिस्तान और जंगलों में युद्ध करना, और शहरों में लड़ाई लड़ना।

आजकल के युद्ध के तरीके बदल रहे हैं, इसलिए इन अभ्यासों में ड्रोन (drone) से लड़ाई और बिना किसी नियम के छिपकर होने वाली लड़ाई जैसी नई चुनौतियों को भी शामिल किया जाता है। इससे सेना को असली युद्ध के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने में मदद मिलती है।

भारतीय सैन्य अभ्यासों को 3 श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:

  1. घरेलू अभ्यास (Domestic Exercises)
  2. द्विपक्षीय अभ्यास (Bilateral Exercises)
  3. बहुपक्षीय अभ्यास (Multilateral Exercises)

घरेलू अभ्यास (Domestic Exercises): ये अभ्यास भारतीय सेना के विभिन्न अंगों के बीच समन्वय और सहयोग को बढ़ाने के लिए आयोजित किए जाते हैं। इनमें थल सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच संयुक्त अभ्यास भी शामिल हो सकते हैं।

घरेलू सैन्य अभ्यास की सूची:

  • गाण्डीव विजय (आर्मी)
  • पश्चिम लेहर (नेवी)
  • वायु शक्ति (एयर फ़ोर्स)
  • विजय प्रहार (आर्मी)

द्विपक्षीय अभ्यास (Bilateral Exercises): ये अभ्यास भारत और किसी अन्य देश की सेनाओं के बीच होते हैं। इनका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत करना, एक-दूसरे की रणनीतियों को समझना और संयुक्त अभियानों की क्षमता विकसित करना होता है।

भारत के महत्वपूर्ण द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास

देश

सेना/नौसेना/वायु सेना

द्विपक्षीय अभ्यास का नाम

भारत और ऑस्ट्रेलिया

थल सेना

ऑस्ट्रा हिंद (AUSTRA HIND)

नौसेना

ऑसइंडेक्स (AUSINDEX)

भारत और बांग्लादेश

थल सेना

सम्प्रीति (SAMPRITI)

नौसेना

IN-बीएन कॉर्पेट (IN-BN CORPAT)

वायु सेना

टेबल टॉप एक्स

भारत और चीन

थल सेना

हैंड इन हैंड (HAND IN HAND)

भारत और फ्रांस

थल सेना

शक्ति

नौसेना

वरुण

वायु सेना

गरूड़

भारत और इंडोनेशिया

थल सेना

गरुड़ शक्ति

नौसेना

इंड-इंडो कॉर्पोरेट (IND-INDO CORPAT)

भारत और जापान

थल सेना

धर्म गार्जियन (DHARMA GUARDIAN)

नौसेना

जिमेक्स (JIMEX)

भारत और कजाकिस्तान

थल सेना

प्रबल दोस्तिक (PRABAL DOSTYK)

भारत और किर्गिज़स्तान

थल सेना

खंजर

भारत और मालदीव

थल सेना

एकुवेरिन (EKUVERIN)

भारत और Mongolia

थल सेना

नोमैडिक एलीफेंट (NOMADIC ELEPHANT)

भारत और म्यांमार

थल सेना

IMBEX

नौसेना

IMCOR

भारत और नेपाल

थल सेना

सूर्य किरण

भारत और ओमान

थल सेना

अल नगाह

नौसेना

नसीम-अल-बहर

वायु सेना

EASTERN BRIDGE-IV

भारत और रूस

थल सेना

इंद्र

नौसेना

इंद्र नौसेना

वायु सेना

इंद्र

भारत और सेशेल्स

थल सेना

लामितिये (LAMITIYE)

भारत और श्रीलंका

थल सेना

मित्र शक्ति

नौसेना

स्लाइनेक्स (SLINEX)

भारत और थाईलैंड

थल सेना

मैत्री

नौसेना

इंडो-थाई कॉर्पेट (INDO-THAI CORPAT)

वायु सेना

सियाम भारत

भारत और यूनाइटेड किंगडम

थल सेना

अजय योद्धा (AJEYA WARRIOR)

नौसेना

कोंकण (KONKAN)

वायु सेना

इन्द्रधनुष-IV

भारत और अमेरिका

थल सेना

युद्धाभ्यास और वज्र प्रहार

नौसेना

मालाबार (बहुपक्षीय)

वायु सेना

रेड फ़्लैग16-1

भारत और वियतनाम

थल सेना

विनबैक्स (VINBAX)

बहुपक्षीय अभ्यास (Multilateral Exercises): ये अभ्यास तीन या अधिक देशों की सेनाओं के बीच आयोजित किए जाते हैं। इनका उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना, विभिन्न देशों की सेनाओं के बीच अंतर-संचालनीयता को बढ़ाना और वैश्विक स्तर पर शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान देना होता है। 

भारत के बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास

क्र.सं

बहुपक्षीय अभ्यास 

भाग लेने वाले देश

1.

रिमपैक (RIMPAC)

ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, चीन, कोलंबिया, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पेरू, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया सिंगापुर, थाईलैंड, टोंगा, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका 

2.

मालाबार

भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान

3.

कोबरा-गोल्ड

एशिया-प्रशांत देश

4.

संवेदना (Samvedna) 

दक्षिण एशियाई क्षेत्र के राष्ट्र

सैन्य अभ्यास के क्या लाभ हैं?

  • बेहतर तालमेल (Better coordination): अभ्यास अलग-अलग देशों की सेनाओं को एक साथ काम करने का अभ्यास कराते हैं, जिससे वे एक-दूसरे की भाषा, संस्कृति और रणनीति (Language, Culture and Strategy) को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। यह वास्तविक युद्ध (Real war) की स्थिति में उनके बीच बेहतर तालमेल बनाने में मदद करता है।
  • ज्ञान का आदान-प्रदान (Exchange of knowledge): अभ्यासों के दौरान सेनाएं एक-दूसरे के साथ अपने अनुभव, तकनीक और ज्ञान (Experience, Techniques and Knowledge) साझा करती हैं। इससे उन्हें नई चीजें सीखने और अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का मौका मिलता है।
  • मजबूत रिश्ते (Strong relationships): सैन्य अभ्यास देशों के बीच राजनीतिक और रक्षा संबंधों (Political and defense relations) को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इससे एक-दूसरे पर भरोसा बढ़ता है और भविष्य में सहयोग की संभावनाएं बढ़ती हैं।
  • क्षमता का आकलन (Capacity Assessment): अभ्यासों से सेनाओं को अपनी कमजोरियों और ताकत (Weaknesses and strengths) का पता चलता है। इससे वे अपनी कमियों को दूर करने और अपनी तैयारी को बेहतर बनाने के लिए कदम उठा सकते हैं।
  • दुश्मनों को चेतावनी (Warning to Enemies): संयुक्त अभ्यास (Joint Exercises) दुश्मन देशों को यह संदेश देते हैं कि संबंधित देश एक साथ मिलकर लड़ने के लिए तैयार हैं। इससे युद्ध की संभावना कम होती है।
  • मानवीय सहायता की तैयारी (humanitarian aid preparation): कुछ अभ्यासों में आपदा राहत और मानवीय सहायता (Disaster relief and humanitarian assistance) के लिए भी तैयारी की जाती है। इससे सेनाएं वास्तविक आपदा की स्थिति में लोगों की मदद करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो पाती हैं।

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