Apni Pathshala

परमाणु साझाकरण मॉडल (Nuclear Sharing Model) | Ankit Avasthi Sir

Nuclear Sharing Model

 

Nuclear Sharing Model

संदर्भ:

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि फ्रांस अपने परमाणु हथियारों को अन्य यूरोपीय देशों में तैनात करने की संभावना पर “संवाद के लिए तैयार” है। यह बयान यूरोप की सामूहिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वायत्तता को लेकर जारी चर्चाओं के बीच महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

रूसयूक्रेन युद्ध के बीच सुरक्षा चिंताएँ:

  • यह पहल यूरोप की सुरक्षा चिंताओं के बीच आई है, जो रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ी हैं।
  • फ्रांस की यह सोच उसकी नीति “European Strategic Autonomy” से मेल खाती है — जिसमें यूरोपीय संघ को सुरक्षा और रक्षा मामलों में स्वतंत्र रूप से कार्य करने की क्षमता विकसित करने पर बल है।

फ्रांस का पारंपरिक रुख:

  • फ्रांस ने अब तक अपनी परमाणु क्षमता को पूरी तरह राष्ट्रीय हथियार माना है।
  • परमाणु प्रतिरोधक क्षमता की स्वतंत्रता की रक्षा फ्रांस की रक्षा नीति का आधार रही है।
  • अब इस दिशा में खुलापन दिखाना रणनीतिक सोच में बदलाव को दर्शाता है।
परमाणु साझाकरण (Nuclear Sharing Model) क्या है?
  • इसमें परमाणु हथियार संपन्न देश (जैसे अमेरिका या फ्रांस) अपने हथियारों को गैर-परमाणु सहयोगी देशों में तैनात करता है।
  • NATO में अमेरिकी मॉडल वर्षों से लागू है —
    • अमेरिका के B61 परमाणु बम वर्तमान में बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और तुर्किये में तैनात हैं।
  • कानूनी स्वामित्व और नियंत्रण अमेरिका के पास ही रहता है।
  • फैसले का अधिकार भी केवल अमेरिकी राष्ट्रपति के पास रहता है, पर NATO से परामर्श किया जाता है।

प्रभाव: रणनीतिक सशक्तिकरण बनाम जोखिम

  • नाटो की परमाणु उपस्थिति बढ़ाकर रूस के प्रति प्रतिरोधक प्रभाव बढ़ सकता है।
  • यह यूरोपीय संकल्प को भी दर्शाएगा।
  • लेकिन रूस इस कदम को एक बड़ा उकसाव मान सकता है, और उसने पहले भी “सैन्य-तकनीकी प्रतिक्रिया” की चेतावनी दी है।
  • रूस लगातार NATO के पूर्व की ओर विस्तार का विरोध करता रहा है।

क्या यह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत वैध है?

  • 1968 का परमाणु अप्रसार संधि (NPT) इस विषय पर मुख्य अंतरराष्ट्रीय कानून है।
  • अनुच्छेद I:
    • परमाणु हथियार संपन्न देशों को हथियारों या उनके नियंत्रण के किसी भी रूप के हस्तांतरण से रोकता है।
  • NATO का तर्क:
    • शांतिपूर्ण समय में कोई कानूनी हस्तांतरण नहीं होता, इसलिए यह NPT के अनुरूप है।
  • हालांकि, परमाणु अप्रसार समर्थक संगठन और शोध संस्थान इस व्याख्या को लगातार चुनौती देते रहे हैं।

निष्कर्ष:

  • फ्रांस की इस नई सोच से यूरोपीय सुरक्षा ढांचे में बड़ा बदलाव संभव है।
  • लेकिन यह कदम रूस के साथ तनाव और टकराव को बढ़ा सकता है
  • इससे परमाणु हथियारों के नियंत्रण और गैरप्रसार पर नई बहसें भी तेज होंगी।

NATO (नाटो) के बारे:

  • परिचय: NATO (North Atlantic Treaty Organization) एक सैन्य गठबंधन है।

इसका उद्देश्य सदस्य देशों की सामूहिक सुरक्षा और रक्षा सुनिश्चित करना है।

  • स्थापना: 1949
  • संधि: North Atlantic Treaty (जिसे Washington Treaty भी कहा जाता है) पर हस्ताक्षर के साथ गठित हुआ।
  • उद्देश्य: “Collective Defense” (सामूहिक रक्षा) सिद्धांत पर आधारित —
  • यदि किसी एक सदस्य देश पर हमला होता है, तो उसे सभी देशों पर हमला माना जाएगा।
  • यह सिद्धांत अनुच्छेद 5 में वर्णित है।

Download Today Current Affairs PDF

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top