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परमाणु हथियार परीक्षण (Nuclear weapons testing) | UPSC Preparation

Nuclear weapons testing

Nuclear weapons testing

संदर्भ:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की है कि उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका को अन्य शक्तियों के समान स्तर पर परमाणु हथियार परीक्षण दोबारा शुरू करने का आदेश दिया है। ट्रंप का दावा है कि रूस, चीन और पाकिस्तान पहले से ही गुप्त परमाणु परीक्षण कर रहे हैं।

परमाणु हथियार:

क्या हैं? परमाणु हथियार सामूहिक विनाश के अत्यंत शक्तिशाली उपकरण हैं। ये नाभिकीय प्रक्रियाओं — विखंडनसंलयन, या दोनों — से भारी मात्रा में ऊर्जा छोड़ते हैं और बड़े पैमाने पर जनहानि तथा दीर्घकालिक पर्यावरणीय नुकसान कर सकते हैं।

यह कैसे काम करते हैं:

  • विखंडन: यूरेनियम या प्लूटोनियम जैसे भारी परमाणुओं के नाभिक पर न्यूट्रॉन टकराने से वे टूट जाते हैं। इस टूटने से बहुत ऊर्जा निकलती है और विस्फोट होता है।
  • संलयन: हल्के तत्वों (जैसे हाइड्रोजन के समस्थानिक) के नाभिक मिलकर एक भारी नाभिक बनाते हैं। यह प्रक्रिया विखंडन की तुलना में कहीं अधिक ऊर्जा छोड़ती है। थर्मोन्यूक्लियर (हाइड्रोजन) बम में आम तौर पर पहले विखंडन विस्फोट की ज़रूरत होती है ताकि संलयन शुरू हो सके।

प्रमुख प्रकार:

  • विखंडन बम:केवल विखंडन प्रक्रिया का उपयोग।
  • थर्मोन्यूक्लियर/हाइड्रोजन बम:विखंडन और संलयन दोनों का संयोजन; बहुत अधिक शक्तिशाली।

उपयोग के अनुसार वर्गीकरण:

  • रणनीतिक हथियार:लंबी दूरी के, बड़े लक्ष्य (शहर/बुनियादी ढाँचा) नष्ट करने के लिए।
  • गैररणनीतिक/सामरिक:सीमित दूरी/समरिक उद्देश्य के लिए छोटे हथियार।

प्रभाव:

  • विस्फोट और तीव्र ऊष्मा:अत्यधिक गर्मी और विनाशकारी धमाका; आग का बड़ा गोला बनना।
  • विकिरण:तत्काल और दीर्घकालिक रेडियोधर्मी विकिरण — गंभीर बीमारी, मृत्यु और आनुवंशिक क्षति।
  • दीर्घकालिक पर्यावरणीय नुकसान:जमीन बंजर होना, जैविक और आनुवंशिक समस्याएँ पीढ़ियों तक।

परमाणु हथियारों का परीक्षण करने वाला पहला देश:

पहला परमाणु उपकरण संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा 16 जुलाई, 1945 को न्यू मैक्सिको के ट्रिनिटी स्थल पर परीक्षण के तौर पर विस्फोटित किया गया था, जिसकी क्षमता लगभग 20 किलोटन टीएनटी के बराबर थी।

परमाणु वारहेड का वैश्विक अनुमान:

  • रूस: 5,459 वारहेड
  • संयुक्त राज्य अमेरिका (USA): 5,177 वारहेड
  • चीन: 600 वारहेड
  • फ्रांस: 290 वारहेड
  • यूनाइटेड किंगडम (UK): 225 वारहेड
  • भारत: 180 वारहेड (जनवरी 2025 तक अनुमान)
  • पाकिस्तान: 170 वारहेड
  • इज़राइल: 90 वारहेड (अनुमानित)
  • उत्तर कोरिया: 50 वारहेड (अनुमानित)

मुख्य तथ्य:

  • रूस और अमेरिका के पास पारंपरिक रूप से सबसे बड़े भंडार हैं; चीन की तेज़ बढ़ोतरी स्पष्ट रूप से चिंता का विषय बनी हुई है।
  • भारत-पाकिस्तान क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता में लगभग बराबरी पर दिखते हैं, जबकि अन्य परमाणु शक्तियाँ (यूरोपीय व मध्य-पूर्व) अपेक्षाकृत कम शिखर पर हैं।

भारत के परमाणु परीक्षण पोखरणI और पोखरणII:

पोखरणI (1974) – ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा: 1974 में भारत ने राजस्थान के पोखरण में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया, जिसे ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा” कहा गया। यह भारत की परमाणु शक्ति में प्रवेश का प्रतीक था और देश की वैज्ञानिक व रणनीतिक क्षमता को प्रदर्शित करता था।

पोखरणII (1998) – ऑपरेशन शक्ति: इसके बाद 1998 में भारत ने ऑपरेशन शक्ति के तहत पाँच और सफल परमाणु परीक्षण किए। इन परीक्षणों ने भारत को एक घोषित परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया।

महत्त्व:

  • इन घटनाओं ने भारत कीराष्ट्रीयसुरक्षा और रणनीतिक क्षमता को मज़बूत किया।
  • साथ ही, इनसे भारत केअंतरराष्ट्रीय संबंधों, विशेष रूप से परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के प्रति रुख पर गहरा प्रभाव पड़ा।
  • इन परीक्षणों ने भारत कीस्वदेशी वैज्ञानिक क्षमता और आत्मनिर्भरता को भी दर्शाया।

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