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ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्ज़र्वेटरी (OCO) | UPSC Preparation

OCO

OCO

संदर्भ:

ट्रंप प्रशासन ने कथित तौर पर नासा से ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्ज़र्वेटरीज़ (Orbiting Carbon Observatories) को बंद करने के लिए कहा था।

ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्ज़र्वेटरी (OCO):

परिचय:

  • OCO पृथ्वी अवलोकन के लिए विशेष रूप से बनाए गए रिमोट सेंसिंग उपग्रहों की श्रृंखला है, जिनका उद्देश्य अंतरिक्ष से वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) का अध्ययन करना है, ताकि जलवायु परिवर्तन की विशेषताओं को बेहतर तरीके से समझा जा सके।

समयरेखा:

  • 2009 – पहला मिशन (OCO) लॉन्च वाहन की खराबी के कारण असफल रहा।
  • 2014 – OCO-2 का प्रक्षेपण हुआ, जो CO₂ स्तर मापता है और फसलों में प्रकाश-संश्लेषण (photosynthesis) को ट्रैक करता है।
  • 2019 – OCO-3 को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजा गया, जो OCO-2 के तय समय-सारणी की तुलना में अलग-अलग समय पर अवलोकन करता है, जिससे CO₂ के स्रोत, अवशोषण केंद्र (sinks) और फसल स्वास्थ्य पर अधिक सटीक डेटा मिलता है।

महत्त्व:

  • OCO मिशन वैश्विक स्तर पर वायुमंडलीय CO₂ की निगरानी में अहम भूमिका निभाते हैं।
  • वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद करते हैं कि जलवायु परिवर्तन कैसे और क्यों हो रहा है।
  • इन मिशनों ने नए तथ्य उजागर किए, जैसे कि बोरियल वन CO₂ अवशोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और कुछ स्थितियों में वन स्वयं कार्बन उत्सर्जक भी बन सकते हैं।
  • OCO डेटा का उपयोग फसलों की निगरानीसूखा ट्रैकिंग और उपज पूर्वानुमान में किया जाता है, जिससे किसानों और नीतिनिर्माताओं को लाभ मिलता है।

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