Ola Electric unveils India first rare earth free ferrite motor
संदर्भ:
इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) निर्माता कंपनी ओला इलेक्ट्रिक ने देश की पहली बिना रेयर अर्थ मेटल वाली टू-व्हीलर फेराइट मोटर तैयार की है। इस मोटर को केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी भी मिल गई है।
ओला की फेराइट मोटर को सरकारी मंजूरी – मुख्य बिंदु:
- सर्टिफिकेशन एजेंसी: ग्लोबल ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर (GARC), तमिलनाडु ने मोटर को सर्टिफाई किया।
- मानक: सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा तय AIS 041 के तहत टेस्ट किए गए।
- टेस्ट प्रकार: मोटर ने कड़े परफॉर्मेंस और पावर टेस्ट पास किए।
- महत्त्व: यह देश में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम है।
- प्रभाव: नई मोटर का इस्तेमाल आने वाले ओला इलेक्ट्रिक वाहनों में होगा, जिससे लागत कम और आपूर्ति निर्भरता घटेगी।
क्या है फेराइट मोटर?:
फेराइट मोटर एक प्रकार की इलेक्ट्रिक मोटर है, जो मैग्नेट के रूप में दुर्लभ-पृथ्वी तत्वों की बजाय फेराइट मैग्नेट का उपयोग करती है। फेराइट मैग्नेट लोहे के ऑक्साइड और स्ट्रोंटियम या बेरियम जैसे तत्वों से मिलकर बनते हैं। ये रेयर-अर्थ मैग्नेट की तुलना में कम शक्तिशाली होते हैं, लेकिन सस्ते और आसानी से उपलब्ध हैं।
मुख्य लाभ:
- कम लागत: निर्माण की कुल लागत घटती है।
- आपूर्ति स्थिरता: दुर्लभ-पृथ्वी तत्वों के आयात पर निर्भरता कम होती है।
- बेहतर प्रदर्शन: आधुनिक डिज़ाइन और नियंत्रण तकनीकों के चलते ईवी में रेयर-अर्थ मोटरों जैसा प्रदर्शन।
- जंग प्रतिरोध: फेराइट मैग्नेट जंग से अधिक सुरक्षित होते हैं।
मुख्य उपयोग:
- इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी): विशेष रूप से इलेक्ट्रिक स्कूटरों में, जैसा कि ओला इलेक्ट्रिक ने प्रमाणित किया है।
- घरेलू उपकरण: वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर में।
- छोटे इलेक्ट्रिक मोटर: खिलौनों और छोटे उपकरणों में।
- लाउडस्पीकर: ध्वनि उत्पन्न करने में प्रभावी उपयोग।
फेराइट मोटर देश में ईवी निर्माण को सस्ता, टिकाऊ और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
चीन का रेयर अर्थ पर दबदबा – मुख्य बिंदु
- दुनियाभर में प्रभुत्व: रेयर अर्थ मैग्नेट्स का लगभग 90% वैश्विक आपूर्ति चीन से होती है।
- आत्मनिर्भरता की आवश्यकता: इन प्रतिबंधों ने भारत और अन्य देशों को रेयर अर्थ पर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।
- खनन और प्रोसेसिंग चुनौती: रेयर अर्थ मैग्नेट्स को निकालना और संसाधित करना महंगा और जटिल है।
दुर्लभ–पृथ्वी तत्व के बारे मे: दुर्लभ-पृथ्वी तत्व कुल 17 धात्विक तत्वों का समूह है- जिनमें 15 लैंथेनाइड्स के साथ स्कैंडियम और येट्रियम शामिल हैं।
- ये तत्व धरती की परत में अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं, लेकिन इन्हें निकालना और शुद्ध करना कठिन व महंगा होता है।
- इनकी खासियत है इनके अनूठे चुंबकीय, ऑप्टिकल और इलेक्ट्रॉनिक गुण, जो इन्हें रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण बनाते हैं।
गुण और उपयोग:
- उच्च तकनीकी उपकरण: स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी, कैमरा डिस्प्ले, ऑडियो स्पीकर और लेज़र में इनका उपयोग होता है।
- स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी: विंड टर्बाइन और इलेक्ट्रिक वाहनों की मोटर व बैटरी में शक्तिशाली स्थायी मैग्नेट बनाने के लिए इनकी ज़रूरत होती है।
- रक्षा और चिकित्सा: लड़ाकू विमान, गाइडेड मिसाइल, रडार सिस्टम और एमआरआई मशीन जैसे अहम उपकरणों में भी इनका इस्तेमाल होता है।