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प्रोटीन लैंग्वेज मॉडल (PLMs) | Ankit Avasthi Sir

PLMs

PLMs

संदर्भ:

हाल ही में बड़े भाषा मॉडलों (LLMs) के उभरने ने प्रोटीन पर होने वाले शोध में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है। प्रोटीन वे सूक्ष्म तंत्र हैं जो सभी जीवित प्राणियों के भीतर लगभग हर महत्वपूर्ण गतिविधि में शामिल होते हैं।

प्रोटीन लैंग्वेज मॉडल (Protein Language Models – PLMs)

क्या हैं PLMs?

  • PLMs मशीन लर्निंग मॉडल हैं, जिन्हें नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) में इस्तेमाल होने वाले Large Language Models (LLMs) से अनुकूलित किया गया है।
  • इनमें प्रत्येक अमीनो एसिड (Amino Acid) को एक टोकन (शब्द) और पूरे प्रोटीन को एक वाक्य माना जाता है।
  • इसका उद्देश्य प्रोटीन सीक्वेंस (Protein Sequences) को समझना और उनके कार्य का विश्लेषण करना है।

PLMs के अनुप्रयोग (Applications of PLMs)

  1. Drug Discovery (दवा खोज):
    • प्रोटीन-प्रोटीन इंटरैक्शन की तेज पहचान।
    • नए drug targets खोजने की प्रक्रिया को गति मिलती है।
  2. Vaccine Development (वैक्सीन विकास):
    • वायरस के महत्वपूर्ण प्रोटीन संरचनाओं की भविष्यवाणी और मॉडलिंग।
    • इससे vaccine design अधिक प्रभावी और सटीक बनता है।
  3. Disease Research (रोग अनुसंधान):
    • प्रोटीन में होने वाले mutation और misfolding को समझना।
    • Alzheimer’s और Cancer जैसी बीमारियों के कारणों और उपचार पर गहन शोध में मदद।
  4. Synthetic Biology (सिंथेटिक बायोलॉजी):
    • नई प्रोटीन संरचनाएँ और गुण (properties/functions) डिज़ाइन करने में सक्षम।
    • उद्योग और चिकित्सा दोनों में novel proteins का निर्माण संभव।

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