PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana
संदर्भ:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” को मंजूरी दे दी है, जिसकी अवधि 2025–26 से शुरू होकर छह वर्षों तक चलेगी। इस योजना के तहत देश के 100 जिलों को कवर किया जाएगा, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र को समग्र रूप से सशक्त बनाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
प्रधानमंत्री धन–धान्य कृषि योजना (PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana): प्रमुख तथ्य
योजना का परिचय:
- कृषि और संबद्ध क्षेत्रों पर केंद्रित पहली समर्पित योजना।
- नीति आयोग की आकांक्षी जिलों की योजना (Aspirational Districts Programme) से प्रेरित।
कुल वार्षिक बजट: ₹24,000 करोड़ प्रति वर्ष
संसाधन संयोजन:
- 11 केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं का एकीकरण
- राज्य योजनाएं और निजी क्षेत्र की भागीदारी भी शामिल
कवरेज:
- 100 ज़िले (हर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से कम से कम एक जिला)
- चयन के 3 प्रमुख आधार:
- कम कृषि उत्पादकता
- कम फसल तीव्रता (cropping intensity)
- कम ऋण वितरण (credit disbursement)
लक्षित लाभार्थी: 1.7 करोड़ किसान
कार्यान्वयन अवधि: 6 वर्ष (2025–26 से आरंभ)
प्रमुख उद्देश्य:
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि
- फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन
- सतत कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना
- पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कटाई के बाद भंडारण ढांचे को सुदृढ़ करना
- सिंचाई अवसंरचना में सुधार
- किसानों को दीर्घकालिक व अल्पकालिक ऋण उपलब्ध कराना
प्रधानमंत्री धन–धान्य कृषि योजना: कार्यान्वयन व्यवस्था
कार्यान्वयन की रूपरेखा: योजना के प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी के लिए तीन स्तरों पर समितियों का गठन किया जाएगा:
- ज़िला स्तर
- राज्य स्तर
- राष्ट्रीय स्तर
ज़िला कृषि और संबद्ध गतिविधि योजना (DAAAP):
- प्रत्येक जिले के लिए एक विशिष्ट कृषि योजना (DAAAP) तैयार की जाएगी।
- इसे ज़िला धन-धान्य समिति द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा।
निगरानी और मूल्यांकन:
- 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (KPIs) के आधार पर मासिक प्रगति ट्रैकिंग की जाएगी।
- एक डिजिटल डैशबोर्ड के ज़रिए नियमित मूल्यांकन होगा।
नीति आयोग की भूमिका: जिला योजनाओं को मार्गदर्शन देना और उनकी समीक्षा करना।
केंद्रीय नोडल अधिकारी: प्रत्येक जिले में एक केंद्रीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है जो नियमित समीक्षा करेगा।