PM Modi In China After 7 Years SCO Summit 2025
संदर्भ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सात साल बाद पहली बार द्विपक्षीय वार्ता की। यह मुलाकात 31 अगस्त को तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के इतर हुई, जिसने भारत-चीन संबंधों में नए आयाम जोड़ने की उम्मीदें जगाई हैं।
मोदी–शी मुलाकात के प्रमुख निष्कर्ष:
- द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता:
- पीएम मोदी ने भारत की आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर चीन के साथ संबंध आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
- पिछले साल की सीमा सुलह के बाद शांति और स्थिरता बनी हुई है।
- संयोजन और सांस्कृतिक आदान–प्रदान:
- भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानों का फिर से संचालन।
- कैलाश मानसरोवर यात्रा कोविड प्रतिबंधों के कारण पांच साल के बाद फिर शुरू हुई।
- दोनों देशों के सहयोग से 8 अरब लोगों की भलाई जुड़ी हुई है।
- अच्छे पड़ोसी और सभ्यताओं का सहयोग:
- शी जिनपिंग ने भारत और चीन के अच्छे पड़ोसी बनने पर जोर दिया।
- “हाथी और ड्रैगन को साथ आना चाहिए” – वैश्विक बदलाव के दौर में दोनों सभ्यतापूर्ण देशों के सहयोग का प्रतीक।
- वैश्विक जिम्मेदारियां और बहुध्रुवीय दुनिया:
- दोनों नेताओं ने बहुपक्षवाद बनाए रखने पर बल दिया।
- सहयोग से बहुध्रुवीय विश्व, अंतरराष्ट्रीय संबंधों में अधिक लोकतंत्र, और एशिया व विश्व में शांति एवं समृद्धि सुनिश्चित करने की आवश्यकता।
- आपसी विकास और गैर–प्रतिस्पर्धा:
- भारत और चीन विकास साझेदार हैं, न कि खतरा या प्रतिद्वंद्वी।
- सीमा मुद्दों को द्विपक्षीय संबंधों की पूरी तस्वीर पर हावी नहीं होने देना चाहिए।
- संबंधों को किसी तीसरे देश के दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए; आतंकवाद और बहुपक्षीय मंचों में न्यायसंगत व्यापार जैसे द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर साझा आधार बढ़ाना जरूरी है।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के बारे में:
यह एक क्षेत्रीय अंतरसरकारी संगठन है, जो राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित है।
स्थापना: 2001 में शंघाई में, “Shanghai Five” (1996) से विकसित होकर।
मुख्यालय: बीजिंग, चीन।
सदस्यता:
- 8 स्थायी सदस्य:चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, कज़ाख़स्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान।
- अवलोकक सदस्य:अफ़ग़ानिस्तान, बेलारूस, मंगोलिया, ईरान (अब पूर्ण सदस्यता की ओर बढ़ रहा)।
- संवाद सहयोगी:तुर्की, श्रीलंका, नेपाल, मिस्र, सऊदी अरब, क़तर आदि।
उद्देश्य:
- क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना।
- आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ सहयोग मजबूत करना।
- आर्थिक कनेक्टिविटी और व्यापार एकीकरण को बढ़ाना।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान और जनता के बीच संपर्क को प्रोत्साहित करना।
- बहुध्रुवीयता और आंतरिक मामलों में गैरहस्तक्षेप के सिद्धांत को बनाए रखना।
मुख्य पहलें:
- Regional Anti-Terrorist Structure (RATS):ताशकंद में मुख्यालय।
- SCO डेवलपमेंट बैंक का प्रस्ताव:वित्तीय सहयोग के लिए।
- ऊर्जा सुरक्षा, परिवहन मार्ग, कृषि, डिजिटल अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में पहल।
- वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास (Peace Mission श्रृंखला)।