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प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रताप’ भारतीय तटरक्षक बल में शामिल

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने गोवा के वास्को में भारतीय तटरक्षक बल के लिए 2,500 करोड़ रुपये की लागत वाले प्रदूषण नियंत्रण पोत, GSL यार्ड 1267 का शुभारंभ किया।

प्रदूषण नियंत्रण पोत (PCV), GSL यार्ड 1267:

  • प्रदूषण नियंत्रण पोत, GSL यार्ड 1267 को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) ने भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के लिए तैयार किया है और यह तेल रिसाव की घटनाओं का पता लगाने और रोकने में मदद करेगा।
  • श्रीमती नीता सेठ ने पोत का जलावतरण किया और इसका नाम ‘समुद्र प्रताप’ रखा।
  • इस जहाज की कुल लंबाई 5 मीटर, चौड़ाई 16.5 मीटर और विस्थापन भार 4170 टन है। इसका निर्माण कार्य 21 नवंबर, 2022 को शुरू हुआ था।
  • इसे 2,500 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया हैं।

प्रदूषण नियंत्रण पोत (PCV):

प्रदूषण नियंत्रण पोत (PCV) एक विशेष प्रकार का जहाज है जिसे समुद्री पर्यावरण में तेल रिसाव और अन्य प्रदूषकों को नियंत्रित करने और साफ करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये पोत अक्सर तेल रिसाव की स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए रणनीतिक स्थानों पर तैनात किए जाते हैं।

प्रदूषण नियंत्रण पोत की मुख्य विशेषताएं:

  • तेल रिसाव नियंत्रण उपकरण: ये पोत बूम, स्किमर्स, सॉर्बेंट्स और अन्य उपकरणों से लैस होते हैं जिनका उपयोग तेल को फैलने से रोकने और पानी की सतह से उसे इकट्ठा करने के लिए किया जाता है।
  • तेल भंडारण क्षमता: एकत्रित तेल को अस्थायी रूप से पोत पर ही संग्रहीत किया जा सकता है जब तक कि उसे उचित निपटान सुविधा में स्थानांतरित नहीं किया जाता।
  • आग बुझाने की क्षमता: कुछ PCV में आग बुझाने के उपकरण भी होते हैं, जो तेल रिसाव के कारण लगी आग को बुझाने में मदद कर सकते हैं।
  • नेविगेशन और संचार प्रणाली: ये पोत उन्नत नेविगेशन और संचार प्रणालियों से लैस होते हैं, जो उन्हें तेल रिसाव स्थल पर तेजी से पहुंचने और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने में सक्षम बनाते हैं।

प्रदूषण नियंत्रण पोत का महत्व:

  • समुद्री पर्यावरण की रक्षा: PCV समुद्री जीवन, तटीय पारिस्थितिक तंत्र और मानव स्वास्थ्य पर तेल रिसाव के हानिकारक प्रभावों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • आर्थिक नुकसान को कम करना: तेल रिसाव मत्स्य पालन, पर्यटन और अन्य उद्योगों को प्रभावित कर सकते हैं। PCV द्वारा त्वरित सफाई आर्थिक नुकसान को कम करने में मदद कर सकती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय नियमों का अनुपालन: कई अंतर्राष्ट्रीय समझौते तेल रिसाव से निपटने के लिए देशों को PCV जैसी क्षमताओं को बनाए रखने की आवश्यकता होती है।

भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard):

·        भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) भारत के समुद्री सुरक्षा और तटीय सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाला एक प्रमुख संगठन है।

·        इसकी स्थापना 1978 में हुई थी, और यह भारतीय नौसेना के अधीन काम करता है।

·        भारतीय तटरक्षक बल का मुख्य उद्देश्य समुद्री आपदाओं से राहत, तटीय सुरक्षा, समुद्री मार्गों की निगरानी, और समुद्री अपराधों की रोकथाम है।

·        इसके कार्यक्षेत्र में समुद्री खोज और बचाव (SAR), समुद्री प्रदूषण नियंत्रण, तस्करी और अवैध गतिविधियों की निगरानी, और समुद्री संसाधनों का संरक्षण शामिल है।

·        यह बल तटीय क्षेत्रों और समुद्र में सुरक्षा बनाए रखने के लिए नियमित गश्त और निगरानी करता है और आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करता है।

 गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के बारे में:

गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख जहाज निर्माण कंपनी है। यह वास्को द गामा, गोवा में स्थित है और रक्षा और वाणिज्यिक दोनों क्षेत्रों के लिए जहाजों और अन्य समुद्री संरचनाओं के निर्माण, मरम्मत और रखरखाव में माहिर है।

GSL के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

  • स्थापना: 1957 में स्थापित
  • उद्देश्य: भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के लिए जहाजों और अन्य समुद्री संरचनाओं का निर्माण और मरम्मत करना।
  • उत्पाद और सेवाएँ:
    • गश्ती नौकाएँ
    • अपतटीय गश्ती पोत
    • मिसाइल नौकाएँ
    • टैंकर
    • बार्ज
    • पोंटून
    • जहाज मरम्मत और रखरखाव सेवाएँ

महत्त्वपूर्ण बिंदु:

  • गोवा शिपयार्ड लिमिटेड भारत का प्रमुख शिपयार्ड है और उसने भारतीय तटरक्षक बल के लिए 583 करोड़ रुपये की लागत से दो प्रदूषण नियंत्रण जहाजों का निर्माण करने का अनुबंध किया है।
  • यह पहली बार है जब इन जहाजों को पूरी तरह स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित किया गया है।
  • समुद्र प्रताप पोत को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने भारतीय तटरक्षक बल की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया है।
  • ‘समुद्र प्रताप’ भारत की पोत निर्माण क्षमताओं का एक बेहतरीन उदाहरण है और इसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड को अत्याधुनिक प्रदूषण नियंत्रण जहाजों का निर्माण करने में सक्षम भारतीय शिपयार्डों की श्रेणी में शामिल करता है।

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