Poverty Line
संदर्भ:
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अर्थशास्त्रियों ने रंगराजन समिति (2014) द्वारा स्थापित गरीबी रेखा को अपडेट किया है। इसके लिए उन्होंने 2022-23 के नवीनतम हाउसहोल्ड कंजम्पशन एक्सपेंडिचर सर्वे (HCES) के आंकड़ों का उपयोग किया। यह कदम भारत में गरीब और कमजोर वर्गों की आर्थिक स्थिति को और सटीक तरीके से समझने में मदद करेगा।
गरीबी रेखा (Poverty Line):
परिभाषा (Definition)
- गरीबी रेखा वह आय या उपभोग स्तर (threshold level) है, जिससे यह तय किया जाता है कि कोई व्यक्ति या परिवार गरीब है या नहीं।
- इस रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले व्यक्ति बुनियादी आवश्यकताओं (खाना, आवास, कपड़े, शिक्षा और स्वास्थ्य) को पूरा करने में असमर्थ माने जाते हैं।
महत्त्व (Importance)
- सरकार को गरीबी की व्याप्ति का अंदाज़ा लगाने में मदद करता है।
- गरीबों के लिए कल्याणकारी नीतियाँ बनाने और उनकी सफलता का मूल्यांकन करने में सहायक।
रंगराजन समिति (Rangarajan Committee – 2014)
- गठित: 2012, रिपोर्ट प्रस्तुत: 2014
- सिफारिशें:
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रोंके लिए अलग उपभोग बास्केट।
- ग्रामीण गरीबी रेखा: ₹972/माह (₹32/दिन)
- शहरी गरीबी रेखा: ₹1,407/माह (₹47/दिन)
- इसके अनुसार2011–12 में भारत की 5% आबादी गरीब मानी गई।
सरकारी स्थिति: सरकार ने रंगराजन समिति की रिपोर्ट पर निर्णय नहीं लिया।
- इसलिए वर्तमान में गरीबी का आंकलन टेंडुलकर गरीबी रेखा के आधार पर किया जाता है।