Project Suncatcher
संदर्भ:
Project Suncatcher (प्रोजेक्ट सनकैचर) Google द्वारा 4 नवम्बर 2025 को घोषित एक शोध-मूनशॉट है, जिसके माध्यम से अंतरिक्ष में एआई कम्प्यूटिंग आधार (डेटा-सेंटर) स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
Project Suncatcher (प्रॉजेक्ट सनकैचर) क्या हैं?
- प्रॉजेक्ट सनकैचर Google द्वारा घोषित एक अनुसंधान “मूनशॉट” है, जिसके तहत सौर-ऊर्जा से चलने वाले उपग्रहों (satellites) के माध्यम से अंतरिक्ष में एआई डेटा-सेंटर संचालित करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है।
- इस योजना में आधुनिक डेटा-सेंटर में लगने वाले शीतलक उपकरण, बिजली-ग्रिड आदि की समस्याओं को कम करने पर भी विचार किया जाएगा।
- प्रारंभिक प्रोटोटाइप उपग्रह मिशन का लक्ष्य प्रारंभ में 2027 तक दो उपग्रह लॉन्च करना है।
उद्देश्य:
- सौर-ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करना — Google का आकलन है कि उपग्रह-सौर पैनल प्रणाली पृथ्वी पर समान पैनल से लगभग आठ गुना अधिक ऊर्जा उत्पादन कर सकती है।
- उच्च गति-वाली संचार व्यवस्था तैयार करना — उपग्रहों के बीच लेजर/ऑप्टिकल लिंक द्वारा “दशों टेराबिट प्रति सेकंड” की दर से डेटा आदान-प्रदान करना।
- सामर्थ्य-सक्षम अंतरिक्ष-डेटा-सेंटर मॉडल बनाना — यह विचार कि 2030 के मध्य में लॉन्च-लागत कम होने पर यह मॉडल भूमि-डेटा-सेंटर की तुलना में आर्थिक रूप से प्रतिस्पर्धी हो सकता है।
विशेषताएँ:
- छोटे आकार के उपग्रह-समूह (constellation) — शोध में 650 किमी की कक्षा में एक 81-उपग्रह समूह का मॉडल प्रस्तावित है, जिसमें प्रत्येक उपग्रह कुछ सौ मीटर की दूरी पर रहेगा।
- लेजर/ऑप्टिकल लिंक तकनीक — उपग्रह-उपग्रह तथा उपग्रह-धरती संचार के लिए DWDM (Dense Wavelength Division Multiplexing) सहित नवीनतम तकनीक पर ध्यान दिया जाएगा।
- रेडिएशन-सहिष्णुता परीक्षण — उदाहरण के लिए Trillium TPU v6e को 67 MeV प्रोटॉन बीम द्वारा परीक्षण किया गया, जिसका लक्ष्य 5 वर्ष के मिशन-जीवन के अनुरूप रेडिएशन प्रभाव करना था।
- पृथ्वी-ग्रिड की निर्भरता कम करना — भूमि-डेटा-सेंटरों की बिजली-लागत, ठंडक, स्थान-व्यय आदि कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

