QDM
संदर्भ
हाल ही में IIT बॉम्बे के P-Quest समूह ने भारत का पहला स्वदेशी Quantum Diamond Microscope (QDM) विकसित किया। यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो देश को क्वांटम आत्मनिर्भरता की दिशा में नई गति प्रदान करती है।
क्वांटम डायमंड माइक्रोस्कोप (QDM) क्या हैं?
Quantum Diamond Microscope एक खास प्रकार का माइक्रोस्कोप है, जो हीरे (diamond) के अंदर मौजूद Nitrogen-Vacancy (NV) centres की मदद से बहुत सूक्ष्म चुंबकीय क्षेत्रों को 3D में देखने की क्षमता देता है। दुनिया में बहुत कम देशों के पास यह तकनीक है। भारत को इस तकनीक पर पहला पेटेंट प्राप्त हो चुका है, जो National Quantum Mission को सुदृढ़ करता है।
क्वांटम डायमंड माइक्रोस्कोप (QDM) की मुख्य विशेषताएँ
- 3D इमेजिंग क्षमता: Quantum Diamond Microscope की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता उसकी नैनो-स्तर पर चुंबकीय क्षेत्रों की त्रि-आयामी (3D) मैपिंग क्षमता है। सामान्य माइक्रोस्कोप केवल सतह को दिखाते हैं, लेकिन QDM किसी वस्तु के अंदर छिपी परतों तक में हो रही चुंबकीय गतिविधि को देखने में सक्षम है।
- नॉन-डिस्ट्रक्टिव क्षमता: QDM पूरी तरह नॉन-डिस्ट्रक्टिव तकनीक पर आधारित है, यानी यह किसी भी वस्तु, चिप या सामग्री को नुकसान पहुंचाए बिना उसके अंदर के चुंबकीय क्षेत्रों और संरचना का अध्ययन कर सकता है।
- उन्नत क्वांटम तकनीक: QDM कमरे के तापमान (room temperature) पर ही काम कर सकता है, जो इसे विश्व की सबसे व्यावहारिक क्वांटम इमेजिंग तकनीकों में से एक बनाता है। NV सेंटर वाले हीरे की क्वांटम विशेषताएं — जैसे क्वांटम स्पिन, फ्लोरोसेंस और चुंबकीय क्षेत्र के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता — सामान्य तापमान पर भी स्थिर रहती हैं।
क्वांटम डायमंड माइक्रोस्कोप (QDM) का महत्व
- न्यूरोसाइंस: QDM तंत्रिका कोशिकाओं में होने वाले अत्यंत सूक्ष्म चुंबकीय परिवर्तनों को वास्तविक समय में पकड़ सकता है। QDM नैनो-स्तर पर चुंबकीय उतार-चढ़ाव का मानचित्र तैयार कर सकता है, जिससे न्यूरोनल गतिविधि, आयन प्रवाह और सर्किट व्यवहार को नई गहराई से समझा जा सकता है।
- पदार्थ विज्ञान: पदार्थ विज्ञान में QDM विभिन्न पदार्थों के चुंबकीय गुणों का अत्यंत उच्च-रिज़ॉल्यूशन विश्लेषण प्रदान कर सकता है। कई उन्नत तकनीकों—जैसे मैग्नेटिक स्टोरेज डिवाइस, बैटरियां, सुपरकंडक्टर, और 2D मैटेरियल की सूक्ष्म संरचनाओं को यह बिना किसी क्षति के देख सकता है।
- चिप डायग्नोस्टिक्स: सेमीकंडक्टर उद्योग में QDM, 3D चिपों की छिपी परतों के भीतर करंट के वास्तविक पथ को बिना किसी नुकसान के दिखा सकता है। यह भविष्य के 3D ICs, ऑटोमोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स और क्वांटम प्रोसेसरों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण तकनीक है।
- जीवविज्ञान: जीवविज्ञान में QDM कोशिकाओं और जैविक संरचनाओं के भीतर होने वाली सूक्ष्म प्रक्रियाओं को समझने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। इसका उपयोग कोशिका-स्तर की इमेजिंग, बैक्टीरिया और वायरस के व्यवहार के अध्ययन तथा बायोमैग्नेटिक डायग्नोस्टिक्स में किया जा सकता है।
नेशनल क्वांटम मिशन (NQM)
- परिचय: नेशनल क्वांटम मिशन (NQM) भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पहल है, जिसका उद्देश्य क्वांटम विज्ञान के क्षेत्र में भारत को वैश्विक नेतृत्व की स्थिति में स्थापित करना है।
- बजट: सरकार ने इसे 2023 में स्वीकृति दी थी, जिसकी अवधि 2023–2031 है। इसके लिए कुल ₹6000 करोड़ की लागत अनुमानित है।
- लक्ष्य: मिशन का प्रमुख लक्ष्य क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग, क्वांटम मेट्रोलॉजी जैसे क्षेत्रों में स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देना है। इस मिशन का दीर्घकालिक उद्देश्य भारत को क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक क्वांटम इकोसिस्टम में अग्रणी बनाना है।
- योजना: इस मिशन में चार राष्ट्रीय क्वांटम हब विकसित करने की योजना है, जो अनुसंधान, स्टार्टअप, उद्योग और वैज्ञानिकों के बीच सहयोग को मजबूत करेंगे। इसके तहत 50–1000 क्यूबिट क्षमता वाले क्वांटम प्रोसेसर विकसित करने, सुरक्षित क्वांटम संचार नेटवर्क स्थापित करने और उन्नत क्वांटम सेंसर तैयार करने पर विशेष बल दिया गया है।
- भूमिका: यह मिशन सामरिक संचार सुरक्षा, साइबर-सुरक्षा, उन्नत दवा की खोज, मौसम पूर्वानुमान, उच्च-प्रदर्शन संगणना और सटीक नेविगेशन जैसी राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

