Red Fort blast
संदर्भ
हाल ही में, दिल्ली के ऐतिहासिक लाल क़िले के पास एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ। इस धमाके में कई लोग घायल हुए और कुछ की मृत्यु हुई। इस भयानक विस्फोट की आवाज सुनकर आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई।
भारतीय इतिहास का प्रतीक स्थल लाल क़िला
- लाल क़िला पुरानी दिल्ली के हृदय में स्थित एक भव्य मुगल किला है।
- इसे मुगल सम्राट शाहजहाँ ने 1639 में बनवाने की शुरुआत की थी और 1648 में पूरा हुआ। उन्होंने जब अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली स्थानांतरित की, तब इस किले का निर्माण करवाया।
- इस किले का डिजाइन प्रसिद्ध वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने तैयार किया था, जिन्होंने ताजमहल का भी निर्माण किया था।
स्थापत्य विशेषताएँ
- लाल बलुआ पत्थर से बना यह किला मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
- किले की दीवारें लगभग 2.5 किलोमीटर लंबी हैं और यमुना नदी के किनारे स्थित हैं। इसकी ऊँचाई 18 से 33 मीटर के बीच है।
- किले के भीतर दिवान-ए-आम, दिवान-ए-खास, मोती मस्जिद और नहर-ए-बहिश्त जैसी अनोखी इमारतें हैं।
- इन संरचनाओं में फारसी और भारतीय कला का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है। चारबाग़ शैली के बागान और संगमरमर से बने जालियां इस किले को अद्वितीय बनाते हैं।
ऐतिहासिक घटनाएँ
- लाल क़िला भारतीय इतिहास के कई निर्णायक क्षणों का साक्षी रहा है। 1739 में नादिर शाह ने इस किले को लूटा और मोर सिंहासन समेत अनेक बहुमूल्य वस्तुएं लेकर चला गया।
- 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह किला भारतीय सैनिकों के विद्रोह का केंद्र बना। इसी वर्ष अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह ज़फर को ब्रिटिश सेना ने यहीं से गिरफ्तार किया।
- 1945 में यहाँ आज़ाद हिंद फौज (INA) के सैनिकों पर मुकदमे चले, जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई को नई दिशा दी।
- 15 अगस्त 1947 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसी किले के लाहौरी गेट पर तिरंगा फहराया, जो आज भी हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर फहराया जाता है।
आधुनिक काल में लाल क़िला
2007 में लाल क़िला को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। यह न केवल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि भारत की स्वतंत्रता और एकता का प्रतीक भी है। वर्तमान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इसके संरक्षण का कार्य कर रहा है। आधुनिक तकनीकों से सुरक्षा बढ़ाई गई है, लेकिन हालिया धमाके ने इन व्यवस्थाओं पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

