Road Accidents in India 2023 Report
संदर्भ:
भारत में सड़क दुर्घटनाओं पर परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की रिपोर्ट ‘रोड एक्सीडेंट्स इन इंडिया 2023’ के अनुसार वर्ष 2023 में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं और मौतों का मुख्य कारण ओवरस्पीडिंग रहा। यह रिपोर्ट MoRTH के ट्रांसपोर्ट रिसर्च विंग द्वारा तैयार की गई है, जिसमें देशभर के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और 10 लाख से अधिक शहरों की पुलिस विभागों से जुटाए गए आंकड़ों को शामिल किया गया है।
सड़क दुर्घटनाओं पर रिपोर्ट 2023 – मुख्य निष्कर्ष:
दुर्घटनाओं और मौतों में बढ़ोतरी:
- 2023 में भारत में सड़क दुर्घटनाएं 4.2% बढ़कर 4,80,583 पर पहुँच गईं।
- इन हादसों में 1,72,890 लोगों की जान गई, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
- 2022 की तुलना में मौतों में 2.6% की वृद्धि, जबकि घायलों की संख्या 4.4% बढ़कर 4,62,825 हो गई।
जानलेवा हादसों का बढ़ना:
- 2022 में 1,55,781 घातक दुर्घटनाएं थीं, जो 2023 में बढ़कर 1,60,509 हो गईं (3.04% वृद्धि)।
- सभी सड़क दुर्घटनाओं में से 33.4% घातक रहीं।
- घातक दुर्घटना : ऐसी घटना जिसमें दो या उससे अधिक लोगों की मौत हो।
सबसे ज्यादा जोखिम किसे?
- युवा (18–45 वर्ष): कुल मौतों का 66.4%।
- कामकाजी आयु समूह (18–60 वर्ष): कुल मौतों का 83.4%।
- टू–व्हीलर चालक/सवार: मौतों का 44.8%।
- पैदल यात्री: लगभग 20% मौतें।
- बच्चे: सिर्फ 2023 में ही 9,489 बच्चे दुर्घटनाओं का शिकार हुए।
भारत में सड़क हादसों के मुख्य कारण:
- मानव व्यवहार:अधिक गति, लापरवाही और ट्रैफिक नियमों का पालन न करना (हेलमेट/सीट बेल्ट न पहनना) मुख्य कारण हैं। 2023 में 1% मौतें ओवर-स्पीडिंग की वजह से हुई।
- अपर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर:सड़क में गड्ढे, उचित अंडरपास या फुटओवरब्रिज का अभाव, और खराब रखरखाव हादसों में योगदान देते हैं।
- क्रैश मॉनिटरिंग सिस्टम की कमी:भारत में राष्ट्रीय स्तर पर दुर्घटना डेटा सिस्टम अधूरा है, जिससे नीति निर्माण में मदद नहीं मिलती।
- वाहन संबंधी समस्याएँ:पुराने और कमजोर सुरक्षा फीचर्स वाले वाहन हादसों की गंभीरता बढ़ाते हैं। 2014 में NCAP के क्रैश टेस्ट में कई लोकप्रिय कार मॉडल पास नहीं हुए।
- सचेतना और नियम प्रवर्तन की कमी:सुरक्षा फीचर्स (एयरबैग, ABS, सीट बेल्ट) के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता कम है और नियमों का पालन ठीक से नहीं होता।
भारत में सड़क सुरक्षा के लिए पहल:
- राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति (NRSP), 2010 – S. सुंदर समिति की सिफारिशों के अनुसार।
- सड़क सुरक्षा सूचना डेटाबेस और राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद का निर्माण।
- मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019।
- कैरेज बाय रोड एक्ट, 2007।
- राष्ट्रीय राजमार्ग (भूमि और यातायात) नियंत्रण अधिनियम, 2000।
- राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1998।
- ग्लोबल गोल 2030 के लिए तीसरी उच्च स्तरीय वैश्विक सड़क सुरक्षा सम्मेलन।