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शिल्प दीदी कार्यक्रम (Shilp Didi Program) | UPSC Preparation

Shilp Didi Program

Shilp Didi Program

संदर्भ:

हाल ही में केंद्रीय वस्त्र सचिव नीलम शमी राव ने कहा कि शिल्प दीदी कार्यक्रम ने महिला कारीगरों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि की है। कुछ महिला कारीगरों की वार्षिक आय ₹5 लाख से अधिक दर्ज की गई है। जो महिला के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु बड़ी उपलब्धि है। 

शिल्प दीदी कार्यक्रम क्या हैं?

  • शिल्प दीदी कार्यक्रम महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु चलाई गई केंद्रीय योजना है। जिसके माध्यम से महिला कारीगरों को घर आधारित हस्तकला गतिविधियों से निकालकर टिकाऊ व्यवसाय मॉडल से जोड़ा जाता है। 
  • यह कार्यक्रम वस्त्र मंत्रालय द्वारा जून 2024 में पायलट आधार पर आरंभ किया गया था। इसका उद्देश्य पारंपरिक महिला कारीगरों को आत्मनिर्भर उद्यमी बनाना है।
  • इसके पायलट चरण में 100 महिला कारीगरों को शामिल किया गया, जो 23 राज्यों के 72 जिलों से थीं। इनमें 30 से अधिक पारंपरिक शिल्प शामिल थे। 

कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएँ:

  • आय में वृद्धि: कार्यक्रम से जुड़ी महिला कारीगरों की आय में बहु-गुना वृद्धि देखी गई है। परंपरागत शिल्प कौशल को व्यावसायिक दृष्टिकोण से जोड़कर उन्हें स्वयं का ब्रांड और ग्राहक आधार विकसित करने में सहायता दी गई।

  • बाजार तक पहुँच: कार्यक्रम के अंतर्गत महिला कारीगरों को भौतिक और डिजिटल दोनों बाजारों से जोड़ा गया। डिजिटल मंच के रूप में उन्हें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म इंडीहाट से जोड़ा गया, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पादों की बिक्री संभव हुई।

  • ई-प्रशिक्षण: महिला कारीगरों को राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया गया। इसमें उद्यमिता विकास, ई-कॉमर्स पंजीकरण, सोशल मीडिया विपणन, नियामक अनुपालन जैसे जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया। 

  • नेतृत्व क्षमता: इससे महिला कारीगरों में आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता और सामुदायिक नेतृत्व का विकास हुआ। कई महिलाएँ अब नियोक्ता के रूप में कार्य कर रही हैं और अन्य महिलाओं को रोजगार दे रही हैं।

कार्यक्रम का महत्व:

  • महिला सशक्तिकरण: यह सीधे तौर पर महिलाओं के आर्थिक उत्थान को संबोधित करता है, जो “लखपति दीदियों” के सृजन और महिलाओं को सामुदायिक नेताओं और नियोक्ताओं के रूप में बढ़ावा देने के सरकारी लक्ष्यों के अनुरूप है।

  • समावेशी विकास: असंगठित हस्तशिल्प क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करके, यह समावेशी विकास को बढ़ावा देता है और पारंपरिक भारतीय कला रूपों को संरक्षित करता है।

  • स्किल इंडिया पहल: यह स्किल इंडिया मिशन का एक व्यावहारिक अनुप्रयोग है, जो आधुनिक व्यवसाय और डिजिटल ज्ञान के साथ पारंपरिक कौशल को उन्नत बनाता है।

  • डिजिटल इंडिया एकीकरण: ई-कॉमर्स और डिजिटल कौशल पर जोर देने से पारंपरिक कारीगरों को डिजिटल इंडिया पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत किया जाता है।

  • अन्य योजनाओं के साथ संबंध: यह कार्यक्रम सरकार की अन्य मौजूदा पहलों का पूरक है, जैसे कि: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, अम्बेडकर हस्तशिल्प विकास योजना, राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (NHDP)।

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