Sintered Rare Earth Permanent Magnets Scheme
संदर्भ:
भारत सरकार ने नवंबर 2025 में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ₹7,280 करोड़ की वित्तीय परिव्यय के साथ सिन्टर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) विनिर्माण प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी। यह भारत में अपनी तरह की पहली विनिर्माण पहल है, जो देश को वैश्विक REPM बाजार में एक महत्त्वपूर्ण प्रतिस्पर्धी राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए लागू की गई है।
सिन्टर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) विनिर्माण प्रोत्साहन योजना क्या है?
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- परिचय: सिन्टर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) विनिर्माण प्रोत्साहन योजना भारत सरकार की 2025 में शुरू की गई एक रणनीतिक औद्योगिक पहल है, जिसका उद्देश्य देश में पहली बार पूरी तरह एकीकृत और उच्च-प्रौद्योगिकी आधारित REPM उत्पादन क्षमता स्थापित करना है।
- लक्ष्य: यह योजना उच्च तकनीकी उद्योगों—जैसे इलेक्ट्रिक वाहन (EV), नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा, एयरोस्पेस और इलेक्ट्रॉनिक्स—के लिए आवश्यक मज़बूत और उच्च दक्षता वाले मैग्नेट्स के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देती है। लगभग 6,000 MTPA क्षमता पांच वैश्विक और घरेलू विनिर्माताओं को प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से आवंटित की जाएगी।
- बजट: सरकार ने इस योजना के लिए ₹7,280 करोड़ का वित्तीय परिव्यय निर्धारित किया है, जिसमें— ₹6,450 करोड़ सेल्स-लिंक्ड इंसेंटिव, और ₹750 करोड़ पूंजी अनुदान के रूप में प्रदान किए जाएंगे।
- चरण: इस योजना के अंतर्गत विनिर्माण की तीन चरणों को कवर किया जाएगा। जिसमें रेयर अर्थ ऑक्साइड्स को धातुओं में परिवर्तित करना, धातुओं से मिश्रधातु तैयार करना, मिश्रधातुओं से तैयार सिन्टर्ड REPM बनाना।
- अवधि: योजना की अवधि 7 वर्ष निर्धारित की गई है, जिसमें पहले 2 वर्ष विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए और शेष 5 वर्ष प्रोत्साहन वितरण के लिए निर्धारित हैं।
रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट क्या हैं?
- रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट ऐसे उच्च-क्षमतावान चुंबक हैं जो रेयर अर्थ धातुओं जैसे नीओडिमियम (Nd), समेरियम (Sm), डाइसप्रोसियम (Dy), टर्बियम (Tb) से बनाए जाते हैं।
- ये चुंबक बहुत मजबूत चुंबकीय शक्ति, उच्च ताप सहन क्षमता, और लंबे समय तक स्थिर प्रदर्शन देने के लिए प्रसिद्ध हैं।
- इनका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन (EV), ड्रोन, रोबोटिक्स, उपग्रह, रक्षा उपकरण, विंड टर्बाइन, कंप्यूटर हार्ड ड्राइव, मेडिकल इमेजिंग (MRI) और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जाता है।
- ये चुंबक अपेक्षाकृत हल्के, ऊर्जा–दक्ष, और कॉम्पैक्ट डिजाइन को संभव बनाते हैं, इसलिए इन्हें उच्च तकनीक उद्योग की रीढ़ माना जाता है।
- दुनिया में इनका सबसे अधिक उत्पादन चीन करता है, इसलिए इन मैग्नेट का रणनीतिक महत्व भी बहुत अधिक है।
इस योजना का महत्व:
- आत्मनिर्भरता: यह योजना भारत को रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट जैसे सामरिक और उच्च-तकनीकी उत्पादों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। आने वाले समय में आयात पर निर्भरता घटने से भारत का औद्योगिक ढांचा मजबूत होगा।
- रणनीतिक क्षेत्रों की सुरक्षा: REPM रक्षा, एयरोस्पेस, मिसाइल तकनीक और उपग्रह प्रणालियों में महत्वपूर्ण घटक हैं। स्वदेशी विनिर्माण स्थापित होने से भारत की रणनीतिक क्षमता अधिक सुरक्षित और स्थिर होगी।
- ऊर्जा परिवर्तन: इलेक्ट्रिक वाहनों और पवन ऊर्जा में उपयोग होने वाले REPM भारत के 2070 नेट-ज़ीरो लक्ष्य को हासिल करने के लिए अनिवार्य हैं। इस योजना से स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों का तेज विस्तार संभव होगा, जिससे भारत का ऊर्जा संक्रमण मजबूत और टिकाऊ बनेगा।
- उच्च तकनीकी रोजगार: यह योजना उन्नत विनिर्माण, सामग्री विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में उच्च-कौशल रोजगार उत्पन्न करेगी। इसके साथ ही MSMEs, सप्लाई-चेन इकाइयों और विनिर्माण-केंद्रित स्टार्टअप्स को नए अवसर मिलेंगे, जिससे औद्योगिक इकोसिस्टम मजबूत होगा।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा: 6,000 MTPA की घरेलू उत्पादन क्षमता भारत को वैश्विक REPM बाजार में एक उभरते प्रतिस्पर्धी के रूप में स्थापित करेगी। उच्च गुणवत्ता वाले मैग्नेट्स के निर्यात से विदेशी मुद्रा अर्जन बढ़ेगा।

