Sir Creek dispute
संदर्भ:
भारत के रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को सिर क्रीक क्षेत्र में किसी भी सैन्य हरकत के खिलाफ निर्णायक प्रतिक्रिया की चेतावनी दी है। उन्होंने विवादित क्षेत्र में पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य तैनाती का हवाला देते हुए इसे गंभीर चुनौती बताया।
सर क्रीक विवाद: संक्षिप्त परिचय और मुख्य मुद्दे:
सर क्रीक एक 96 किलोमीटर लंबा ज्वारीय जलमार्ग है, जो रन ऑफ कच्छ के दलदली क्षेत्र में स्थित है और गुजरात (भारत) को सिंध (पाकिस्तान) से अलग करता है। यह अरब सागर में गिरता है और अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट होने के कारण रणनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र है।
महत्व:
सर क्रीक क्षेत्र के महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं में देखा जा सकता है:
- सुरक्षा और रणनीति
- मछली पकड़ने के अधिकार
- तेल और गैस की खोज
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) निर्धारण
विवाद का स्वरूप:
विवाद की जड़ 1914 के बॉम्बे गवर्नमेंट रिज़ॉल्यूशन की अलग-अलग व्याख्याओं में है, जिसे सिंध (तत्कालीन ब्रिटिश भारत) और कच्छ के शासक के बीच हस्ताक्षरित किया गया था।
- पाकिस्तान का दावा: सीमा क्रीक के पूर्वी किनारे पर होनी चाहिए, जिससे क्रीक पूरी तरह सिंध को मिले।
- भारत का दावा: सीमा थाल्वेग सिद्धांत (सभी नेविगेबल जलमार्गों के मध्य रेखा) के अनुसार होनी चाहिए।
पाकिस्तान का विरोध
- पाकिस्तान का कहना है कि सर क्रीक नेविगेबल नहीं है, इसलिए थाल्वेग सिद्धांत लागू नहीं होता।
भारत का रुख
- भारत का कहना है कि क्रीक उच्च ज्वार के समय नेविगेबल है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री नियम लागू होते हैं।
Sir Creek का महत्व:
- सामरिक महत्व: Sir Creek राण ऑफ कच्छ के पास स्थित है, जो भारत और पाकिस्तान की सीमा क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र पर नियंत्रण समुद्री सुरक्षा, निगरानी और सीमा प्रबंधन के लिहाज से बेहद अहम माना जाता है। 1965 के भारत-पाक युद्ध में इस क्षेत्र का सामरिक महत्व सामने आया था।
- आर्थिक महत्व: Sir Creek एशिया के सबसे बड़े मछली पकड़ने वाले क्षेत्रों में से एक है, जो हजारों मछुआरों की आजीविका का स्रोत है। इसके अलावा, समुद्र तल के नीचे संभावित तेल और गैस भंडार मौजूद हैं, जो क्षेत्र की आर्थिक संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं, हालांकि विवाद के कारण खोज अभी रुकी हुई है।
- पारिस्थितिक महत्व: यह क्षेत्र पर्यावरण और जैव विविधता के लिए संवेदनशील माना जाता है। सर्दियों में यहाँ प्रवासी पक्षियों जैसे फ्लेमिंगो आते हैं, जो इसे संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाते हैं।
Sir Creek विवाद का समाधान प्रयास:
Sir Creek विवाद को सुलझाने के लिए कई बार प्रयास किए गए हैं, लेकिन अब तक अंतिम समाधान नहीं निकला है।
- 1965 युद्ध के बाद: ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैरोल्ड विल्सन की मध्यस्थता से एक ट्रिब्यूनल बनाया गया। 1968 के फैसले में पाकिस्तान को केवल अपने दावे का 10% हिस्सा दिया गया।
- 1997 का समग्र संवाद: इस वार्ता में Sir Creek मुद्दे पर चर्चा हुई, जो भारत-पाकिस्तान संबंधों को सुधारने के व्यापक प्रयास का हिस्सा थी।
- 1999 की तनातनी: एक भारतीय लड़ाकू विमान ने Creek पर पाकिस्तानी निगरानी विमान को मार गिराया। भारत ने इसे हवाई क्षेत्र का उल्लंघन बताया, जबकि पाकिस्तान ने इसे खारिज किया।
- 2005–2007 संयुक्त सर्वेक्षण: दोनों देशों ने क्षेत्र का सर्वेक्षण किया ताकि विवाद के संभावित समाधान का मार्ग खोजा जा सके।