SIR

संदर्भ:
भारत का निर्वाचन आयोग (ECI) अपने राज्य प्रतिनिधियों के साथ 10 सितंबर को एक अहम बैठक करेगा। इस बैठक में पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान चलाने की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी। बैठक का उद्देश्य मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करना, तैयारियों की समीक्षा करना और संभावित चुनौतियों की पहचान करना है, ताकि आने वाले चुनावों के लिए विश्वसनीय मतदाता आधार तैयार किया जा सके।
Special Intensive Revision (SIR) क्या है?
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) चुनाव आयोग (ECI) द्वारा विशेष परिस्थितियों में किया जाता है।
यह तब लागू होता है जब –
- मतदाता सूची में कोई हिस्सा छूट गया हो।
- बड़े पैमाने पर त्रुटियाँ सामने आई हों।
- कानूनी या राजनीतिक कारणों से तत्काल सुधार आवश्यक हो।
कानूनी आधार (Legal Basis):
- Representation of the People Act, 1950 की धारा 21(3) के तहत ECI को अधिकार है।
- इस धारा के अनुसार आयोग मतदाता सूची का पुनरीक्षण “जैसे उचित समझे” वैसा कर सकता है।
- यह Summary या Intensive Method या दोनों का मिश्रण हो सकता है।
प्रक्रिया (Process of SIR):
- घर–घर जाकर सत्यापन किया जाता है।
- House-to-house enumeration के जरिए मतदाता सूची की जांच और सुधार की जाती है।
इतिहास (History of SIR):
- भारत में गहन पुनरीक्षण कई बार किए गए हैं: 1952-56, 1957, 1961, 1965, 1966, 1983-84, 1987-89, 1992, 1993, 1995, 2002, 2003, 2004।
- समय-समय पर ये पुनरीक्षण बदलती प्राथमिकताओं को दर्शाते रहे
- शुरुआती प्रशासनिक खामियों को सुधारना।
- प्रवासऔर delimitation जैसी चुनौतियों को संबोधित करना।
- मतदाता सूची की गुणवत्ता सुनिश्चित करना।
हालिया घोषणा (Recent Update)
- यह प्रक्रिया केवल बिहार तक सीमित नहीं है।
- ECI ने घोषणा की है कि पूरे भारत में मतदाता सूची का गहन सत्यापन किया जाएगा।
- यह पिछले दो दशकों से अधिक समय बाद होने वाला पहला बड़ा SIR होगा।
