Skill India Mission
संदर्भ:
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने स्किल इंडिया मिशन के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सप्ताहभर चलने वाले समारोह की शुरुआत की है। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य भारत में कौशल प्रशिक्षण, रोज़गार उन्मुख शिक्षा, और युवाओं के सशक्तिकरण में पिछले एक दशक में हुई उपलब्धियों को रेखांकित करना है।
(Skill India Mission) स्किल इंडिया मिशन: एक दृष्टि में
प्रारंभ: यह मिशन 2015 में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।
- उद्देश्य: भारत के युवाओं को रोज़गारयोग्य कौशल देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।
प्रशिक्षण लक्ष्य: वर्ष 2022 तक 40 करोड़ व्यक्तियों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
अब तक की प्रगति:
- 27 करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
- इसमें ग्रामीण युवा, महिलाएं और वंचित समुदायों के लोग प्रमुख रूप से शामिल हैं।
गुणवत्ता और मानकीकरण:
- सभी प्रशिक्षण और प्रमाणन नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSQF) के अनुरूप होते हैं।
- इससे एकरूप मानक और उद्योग–प्रासंगिकता सुनिश्चित होती है।
डिजिटल एकीकरण:
- पाठ्यक्रमों को DigiLocker और राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचा (NCrF) से जोड़ा गया है।
- इससे डिजिटल प्रमाणपत्रों की सुरक्षित भंडारण और शैक्षणिक/करियर प्रगति में मदद मिलती है।
रोज़गार और शिक्षा से जुड़ाव:
- कौशल की औपचारिक मान्यता को बढ़ावा देता है।
- उद्योगों के साथ बेहतर समन्वय और रोज़गार व उच्च शिक्षा के अवसरों में वृद्धि करता है।
स्किल इंडिया प्रोग्राम के अंतर्गत प्रमुख पहलें
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY):
- वर्ष 2015 में शुरू की गई प्रमुख शॉर्ट-टर्म ट्रेनिंग योजना।
- प्रमाणन आधारित प्रशिक्षण, मौद्रिक प्रोत्साहन और पूर्व कौशल की मान्यता पर बल।
जन शिक्षण संस्थान (JSS):
- 15–45 वर्ष की आयु वर्ग की अशिक्षित, स्कूल छोड़ चुकी और हाशिए पर मौजूद महिलाओं को लक्षित करता है।
- ग्रामीण व शहरी गरीब क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करता है।
राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना (NAPS):
- इंडस्ट्री-आधारित ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग को बढ़ावा देता है।
- प्रशिक्षुओं को वेतन सहायता (स्टाइपेंड) प्रदान करता है।
स्किल इंडिया डिजिटल हब (SIDH):
- एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म, जो शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता से संबंधित सेवाओं को जोड़ता है।
- आधार आधारित ट्रैकिंग और प्रदर्शन-आधारित भुगतान प्रणाली सुनिश्चित करता है।
स्किल हब इनिशिएटिव (SHI):
- औपचारिक शिक्षा में व्यावसायिक शिक्षा एकीकृत करता है।
- स्कूल व कॉलेजों के ढांचे का उपयोग कर प्रशिक्षण उपलब्ध कराता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना: पारंपरिक शिल्पकारों के लिए समग्र समर्थन: प्रशिक्षण, क्रेडिट, टूलकिट, डिजिटलीकरण और विपणन सहायता।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY):
- ग्रामीण युवाओं को वेतनयुक्त रोजगार के लिए प्रशिक्षित करता है।
- ग्रामीण परिवारों की आय में विविधता लाने पर ध्यान केंद्रित।
स्किल इंडिया की प्रमुख उपलब्धियाँ :
- व्यापक प्रशिक्षण कवरेज:2015 से अब तक PMKVY के तहत 6 करोड़+ युवाओं को प्रशिक्षण; 2014 से अब तक MSDE की सभी योजनाओं के तहत 6 करोड़+ नागरिक प्रशिक्षित।
- लैंगिक और सामाजिक समावेशन:PMKVY में 45% प्रशिक्षु महिलाएं; SC, ST और OBC वर्गों की भी सशक्त भागीदारी।
- तकनीकी विस्तार:प्रशिक्षण में अब AI, रोबोटिक्स, IoT, मेक्ट्रॉनिक्स और ड्रोन तकनीक जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया।
- विशेष परियोजनाएँ:ब्रू जनजाति, जेल बंदियों और जम्मू-कश्मीर की नमदा कारीगर महिलाओं को प्रशिक्षण।
- इंटर्नशिप/अप्रेंटिसशिप में वृद्धि:PM-NAPS के तहत 47 लाख से अधिक प्रशिक्षु; 51,000+ प्रतिष्ठानों के साथ साझेदारी।
- PM विश्वकर्मा योजना: जुलाई 2025 तक 2.7 करोड़+ आवेदन प्राप्त, 29 लाख पंजीकृत।