SODAR System
संदर्भ:
CSIR के फाउंडेशन डे के अवसर पर इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) में SODAR (Sound Detection and Ranging) सिस्टम सुविधा का उद्घाटन किया गया। यह तकनीक वायुमंडलीय अध्ययन और मौसम विज्ञान में उन्नत माप और निगरानी को सक्षम करेगी।
SODAR (Sound Detection and Ranging) – परिचय:
विकास और उद्देश्य:
- डेवलपर:CSIR–Advanced Materials and Processes Research Institute (AMPRI), भोपाल।
- MoU:विभिन्न स्थानों पर SODAR डेटा साझा करने के लिए, जिससे मौसम पूर्वानुमान, डेटा वैलिडेशन और अनुसंधान में सहायता मिले।
- लाभ:
- मौसम विज्ञान और जलवायु विज्ञान में प्रगति
- पर्यावरण अध्ययन में मदद
- अनुसंधान समुदाय और राष्ट्रीय आपदा तैयारी के लिए उपयोगी
SODAR की कार्यप्रणाली:
- उद्देश्य:निचली वायुमंडल (लगभग 1 किमी तक) की थर्मल स्ट्रक्चर, टरबुलेंस, इनवर्ज़न लेयर्स, धुंध और धुएँ के स्तंभ का अध्ययन।
- प्रयोजन:एयर क्वालिटी मॉडलिंग, पूर्वानुमान, और मौसम संबंधी डेटा की व्याख्या।
कार्य करने का तरीका:
- एंटेना के माध्यम सेएक्यूस्टिक पल्स ऊपर की ओर भेजे जाते हैं।
- पल्सथर्मल असमानताओं और हवा के साथ इंटरैक्ट कर स्कैटर होते हैं।
- बैकस्कैटरेड पल्सको वही एंटेना रिसीव करता है (Monostatic System)।
- संकेतों कोएम्प्लीफाई, प्रोसेस और Echogram के रूप में डिस्प्ले किया जाता है।
मुख्य उपयोग (Applications):
- मौसम विज्ञान (Meteorology):वायु, तापमान और टरबुलेंस की ऊर्ध्वाधर प्रोफाइल मापना।
- वायु प्रदूषण निगरानी:प्रदूषकों के फैलाव का अध्ययन।