Spinning of Earth
संदर्भ:
पृथ्वी 9 जुलाई, 22 जुलाई और 5 अगस्त 2025 को थोड़ा तेज घूमने की उम्मीद है, जिससे हर दिन की लंबाई लगभग 1.3 से 1.51 मिलीसेकंड तक कम हो जाएगी।
पृथ्वी का घूर्णन (Spinning of Earth): विस्तृत विवरण
परिचय:
- पृथ्वी लगातार एक काल्पनिक अक्ष (axis) पर घूमती रहती है, जो उत्तरी ध्रुव, पृथ्वी के केंद्र और दक्षिणी ध्रुव से होकर गुजरती है।
- यह घूर्णन पृथ्वी के दिन और रात के चक्र के लिए ज़िम्मेदार है और हमारे सौर मंडल की एक मौलिक गतिशील प्रक्रिया है।
पृथ्वी के घूर्णन के मुख्य तथ्य:
- दिशा: पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा में घूमती है, जिसे प्रतिगामी (prograde) घूर्णन कहा जाता है।
- समय अवधि: पृथ्वी अपनी धुरी पर 23 घंटे 56 मिनट में एक चक्कर पूरा करती है, जिसे सौर दिवस (sidereal day) कहते हैं।
- गति: भूमध्य रेखा पर पृथ्वी की घूर्णन गति लगभग 1670 किमी/घंटा होती है।
ध्रुवीय गति और बदलाव (Polar Motion):
- पृथ्वी का घूर्णन अक्ष स्थिर नहीं होता; यह समय के साथ हल्का-फुल्का हिलता रहता है — इसे पोलर मोशन कहते हैं।
- इसका कारण है पृथ्वी पर द्रव्यमान (mass) का पुनर्वितरण — जैसे बर्फ की चादरों का पिघलना, महासागरों में जल स्तर में परिवर्तन या भूगर्भीय घटनाएँ।
हालिया घटनाएँ और वैज्ञानिक रुचि:
- 2020: वैज्ञानिकों ने पाया कि इस वर्ष पृथ्वी ने 28 बार औसत समय से तेजी से चक्कर लगाए — यह 1970 के दशक के बाद पहली बार हुआ।
- 5 जुलाई 2024: अब तक का सबसे छोटा दिन रिकॉर्ड किया गया — यह सामान्य 24 घंटे से मिलिसेकंड स्तर पर कम था।
प्रभाव: पृथ्वी के घूर्णन में सूक्ष्म बदलावों के कारण दिन की लंबाई मिलीसेकंड स्तर पर बदल सकती है, लेकिन हमारी घड़ियाँ (समय-मापन प्रणाली) सामान्यतः अपरिवर्तित रहती हैं, क्योंकि समय-क्षेत्रों में समायोजन तभी आवश्यक माना जाता है जब संचयी अंतर लगभग 900 मिलीसेकंड (0.9 सेकंड) तक पहुँचे।
- इन अंतरों की निगरानी अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी घूर्णन एवं संदर्भ प्रणालियाँ सेवा करती है, जो आवश्यकता पड़ने पर “लीप सेकंड” जोड़ती है।