Successful test-fire of K-4 intermediate-range ballistic missile

संदर्भ:
भारत ने हाल ही में बंगाल की खाड़ी में अपनी परमाणु-संचालित पनडुब्बी आईएनएस अरिघात (INS Arighaat) से स्वदेशी रूप से विकसित K-4 इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) का सफल परीक्षण किया है।
K-4 बैलिस्टिक मिसाइल के बारे मे:
- परिचय: K-4 एक स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है, जिसे DRDO द्वारा विकसित किया गया है। यह भारत की ‘सेकंड स्ट्राइक’ क्षमता को मजबूत करता है।
- नामकरण: इसका नाम महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर ‘K’ सीरीज रखा गया है।
- श्रेणी: यह एक मध्यम दूरी की पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (Submarine-Launched Ballistic Missile – SLBM) है।
- लंबाई और वजन: 12 मीटर लंबी और 17 टन वजनी।
- रेंज (मारक क्षमता): लगभग 3,500 किलोमीटर।
- पेलोड क्षमता: 2.5 टन तक परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम।
- प्रणोदन: दो-चरण ठोस ईंधन प्रणाली (two-stage solid-fuel system)।
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: भारत की स्वदेशी अरिहंत-श्रेणी की परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां (SSBNs), विशेष रूप से आईएनएस अरिघात।
- लॉन्च तकनीक: ‘कोल्ड लॉन्च’ (missile is ejected from the submarine before engine ignition) तकनीक का उपयोग करता है, जो पनडुब्बी की सुरक्षा को बढ़ाता है।
- मार्गदर्शन प्रणाली: उच्च सटीकता के लिए उन्नत जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (Inertial Navigation System – INS) के साथ-साथ जीपीएस (GPS) और भारत के नाविक (NavIC) उपग्रह नेविगेशन प्रणाली का उपयोग करती है।
महत्व:
- परमाणु त्रय की पूर्णता (Completion of Nuclear Triad): K-4 मिसाइल भारत के ‘परमाणु त्रय’ के समुद्री घटक को मजबूत करती है। जमीन और हवा से परमाणु हमले की क्षमता के साथ, पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली K-4 मिसाइल इस त्रय को पूर्णता प्रदान करती है, जिससे भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता अधिक विश्वसनीय बनती है।
- सेकंड स्ट्राइक क्षमता (Second Strike Capability): भारत की ‘पहले उपयोग न करना’ की परमाणु नीति को देखते हुए, सेकंड स्ट्राइक क्षमता अत्यंत महत्वपूर्ण है। परमाणु पनडुब्बियों पर तैनात K-4 मिसाइलें दुश्मन के पहले हमले से बचने और जवाबी कार्रवाई करने की महत्वपूर्ण क्षमता प्रदान करती हैं, जो भारत की प्रतिरोधक रणनीति का एक मुख्य आधार है।
- विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध (Credible Minimum Deterrence): K-4 की लंबी दूरी भारत को एक सुरक्षित दूरी से प्रभावी प्रतिरोध बनाए रखने की क्षमता देती है। यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए आवश्यक है, जिससे किसी भी संभावित विरोधी के लिए आक्रामकता एक महंगा विकल्प बन जाती है।
