Super Typhoon Ragasa
संदर्भ:
नेशनल मौसम विज्ञान केंद्र ने बुधवार को बताया की फिलिपींस में भारी तबाही मचाने के बाद सुपर टाइफून रगासा अब चीन के गुआंगडोंग प्रांत के यांगजियांग तक पहुच चुका है। कई मौसम पूर्वानुमानकर्ताओं द्वारा इसे “तूफानों का राजा” कहा गया है। रगासा ने साउथ चाइना और हांगकांग में तेज हवाएं, भारी बारिश और ऊँचे समुद्री लहरें लायीं।
सुपर टाइफून रगासा का रास्ता:
- फिलिपींस: पहले सबसे अधिक प्रभावित हुआ, तेज हवाओं और बाढ़ के साथ व्यापक नुकसान।
- ताइवान: तूफान के पास से गुजरते हुए भारी बारिश और समुद्री ऊंची लहरें।
- हांगकांग: तेज हवाएं, बारिश और ऊँची लहरों का सामना।
साउथ चाइना (यांगजियांग, गुआंगडोंग): लैंडफॉल स्थान, जहां भारी बारिश और तूफानी लहरें जारी।
185 किमी प्रति घंटे की रफ्तार:
रगासा को पिछले कई वर्षो में आए सबसे ताकतवर तूफानों में से एक माना जा रहा है। हांगकांग के मौसम विभाग के मुताबिक, इस समय तूफान की रफ्तार 185 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा है।
क्या होता है साइक्लोन?
साइक्लोन यानी चक्रवात वायुमंडल की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो समुद्र की सतह पर तापमान बढ़ने और वायुदाब में बदलाव के कारण बनता है। इसके केंद्र में निम्न वायुदाब और बाहर उच्च वायुदाब होता है, जिसके चलते हवाएं तेजी से घूमती हैं। गर्म हवा हल्की होकर ऊपर उठती है और पृथ्वी के घूमने (कोरिओलिस प्रभाव) के कारण सीधी न चलकर गोलाकार घूमने लगती है। उत्तरी गोलार्ध में चक्रवात एंटी-क्लॉकवाइज और दक्षिणी गोलार्ध में क्लॉकवाइज दिशा में घूमते हैं। इनका आकार 80 से 300 किलोमीटर तक हो सकता है। पहले ये मुख्यतः गर्मियों में आते थे, लेकिन अब ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की वजह से सर्दियों में भी आने लगे हैं।
चक्रवातों का नामकरण क्यों जरूरी है?
चक्रवातों को नाम देने से भ्रम की स्थिति से बचा जा सकता है, खासकर जब एक ही समय में कई तूफान बन रहे हों। इससे लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना आसान होता है और आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकती है। नामकरण से जनता में जागरूकता भी बढ़ती है और चेतावनी अधिक प्रभावी ढंग से दी जा सकती है।
कैसे किया जाता है नामकरण?
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को नाम देने की परंपरा शुरू की।
- हिंद महासागर क्षेत्र के लिए 2004 में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाईलैंड ने मिलकर नामकरण प्रणाली तय की।
- इन देशों द्वारा पहले से दिए गए नामों की सूची से क्रमवार नाम चुना जाता है।
- नाम सरल, याद रखने योग्य और उच्चारण में आसान होते हैं।
- आपत्तिजनक या विवादास्पद नामों से बचा जाता है।
चक्रवातों के क्षेत्र और उनके नाम:
चक्रवातों के नाम |
क्षेत्र |
टाइफून |
दक्षिण पूर्व एशिया और चीन |
हरिकेन |
उत्तरी अटलांटिक पूर्वी प्रशांत क्षेत्र |
विली-विली |
उत्तर पश्चिम ऑस्ट्रेलिया |
साइक्लोन |
दक्षिण पश्चिम प्रशांत और हिन्द महासागर |
टॉरनैडो |
पश्चिम अफ्रीका और दक्षिणी संयुक्त राज्य अमेरिका |