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सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने पर जोर (Supreme Court pushes for adoption of electric vehicles) | UPSC

Supreme Court pushes for adoption of electric vehicles

Supreme Court pushes for adoption of electric vehicles

संदर्भ:

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण और लगातार बिगड़ते AQI स्तरों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को तेजी से अपनाने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि स्वच्छ वायु नागरिकों का मौलिक अधिकार है।

भारत का वायु प्रदूषण संकट: 

  • भारत विश्व के सबसे प्रदूषित देशों में लगातार शीर्ष पर बना हुआ है। वर्ष 2024 में PM2.5 का औसत स्तर लगभग 50.6 µg/m³ रहा, जो WHO मानक से लगभग 10 गुना अधिक है। 
  • दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद और अन्य महानगर सर्दियों में AQI 400+ की ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच रहे हैं। 
  • भारत में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत—वाहन उत्सर्जन, उद्योग, कोयला-आधारित बिजली उत्पादन, निर्माण धूल, पराली जलाना और कचरा दहन एक साथ मिलकर लगातार प्रदूषण का घना आवरण तैयार करते हैं।
  • स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2024” रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर वर्ष लगभग 2.1 मिलियन मौतें प्रदूषण से जुड़ी हैं—जो श्वसन, हृदय रोग और कैंसर का बड़ा कारण बनती हैं।

सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी: 

  • 13 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने NEMMP 2020 की पुनर्समीक्षा का निर्देश देते हुए कहा कि EV नीति को पाँच वर्षों बाद तकनीकी प्रगति और बाजार स्थिति के अनुरूप अद्यतन करने की आवश्यकता है। 
  • न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमल्या बागची की पीठ ने सरकार को बड़े महानगर में EV-केंद्रित पायलट परियोजना शुरू करने का सुझाव दिया। 
  • अदालत ने कहा कि उच्च-उत्सर्जन लक्ज़री पेट्रोल-डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने से बाजार में स्वच्छ तकनीक का स्पष्ट संकेत जाएगा और आम नागरिकों पर इसका न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा।

इलेक्ट्रिक वाहन जलवायु-लचीले भविष्य का आधार:

  • इलेक्ट्रिक वाहन शून्य टेलपाइप उत्सर्जन के कारण CO₂ और PM दोनों को कम करते हैं। 
  • भारत में BEVs लगभग 38% कम CO₂ उत्सर्जन प्रति किमी उत्पन्न करते हैं। सरकार के अनुमान के अनुसार, 2030 तक EV अपनाने से 28 मिलियन टन CO₂ उत्सर्जन में कमी आ सकती है। 
  • TERI का अनुमान है कि 44 बड़े शहरों में व्यापक EV संक्रमण (2030-35) 61 मिलियन टन CO₂ घटा सकता है। 
  • जैसे-जैसे भारत की विद्युत ग्रिड नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित होगी, EVs की पर्यावरणीय क्षमता और बढ़ेगी। 
  • EV ऊर्जा दक्षता को बढ़ाते हैं, आयातित तेल पर निर्भरता कम करते हैं, शहरी शोर प्रदूषण घटाते हैं और सतत शहरी ढांचे को मजबूत करते हैं।

National Electric Mobility Mission Plan (NEMMP) 2020:

  • 2013 में शुरू NEMMP 2020 का लक्ष्य 2020 तक 6–7 मिलियन EV/हाइब्रिड वाहनों को सड़कों पर लाना था, परंतु 2022 तक सिर्फ 1.4 मिलियन EV ही दर्ज किए गए। 
  • इस मिशन ने घरेलू विनिर्माण, बैटरी अनुसंधान, चार्जिंग अवसंरचना और मांग-आधारित प्रोत्साहनों को बढ़ावा दिया, परंतु उच्च लागत, सीमित चार्जिंग नेटवर्क, बैटरी कच्चे माल पर निर्भरता, तथा नीतिगत अस्थिरता इसके मुख्य अवरोध रहे। 

सरकार के प्रमुख EV कार्यक्रम:

  • FAME-II के तहत सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण पर जोर दिया गया है। 
  • PLI योजना देश में उन्नत बैटरी निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है।
  • PM e-Bus Sewa और PM E-DRIVE जैसी नई योजनाएँ शहरों में सार्वजनिक EV बेड़े को बढ़ाने में सहायक हैं। 
  • चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर दिशानिर्देश राष्ट्रीय स्तर पर एकसमान मानक निर्धारित करते हैं। ग्रीन अर्बन ट्रांसपोर्ट स्कीम शहरों में इलेक्ट्रिक बसों और साझा-गतिशीलता को बढ़ावा देती है।

आगे की राह:

भविष्य की EV नीति को केवल वाहन-खरीद प्रोत्साहन तक सीमित न होकर चार स्तंभों पर आधारित होना चाहिए—(1) व्यापक चार्जिंग नेटवर्क, (2) सस्ती बैटरी तकनीक और पुनर्चक्रण, (3) स्वच्छ बिजली ग्रिड, और (4) कठोर उत्सर्जन मानक।

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