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RBI द्वारा सरकार को अधिशेष स्थानांतरण (Surplus transfer by RBI to the Government) | Ankit Avasthi Sir

Surplus transfer by RBI to the Government

Surplus transfer by RBI to the Government

संदर्भ:

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के केंद्रीय निदेशक मंडल ने आर्थिक पूंजी ढांचे (Economic Capital Framework – ECF) की समीक्षा की। इस ढांचे के अंतर्गत केंद्रीय बैंक द्वारा जोखिम प्रावधान (risk provisioning) और सरकार को दिए जाने वाले लाभांश (surplus/dividend) के वितरण का निर्धारण किया जाता है। ECF का उद्देश्य केंद्रीय बैंक की वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए, सरकार के साथ उचित लाभ साझा करना है।

क्या है ECF ? Economic Capital Framework (ECF) एक संरचित व्यवस्था है जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनाया है। इसका उद्देश्य यह तय करना है कि:

  • RBI को कितने जोखिम प्रावधान (risk provisions) रखने चाहिए
  • सरकार को RBI का कितना अधिशेष (surplus/profit) हस्तांतरित किया जा सकता है (RBI अधिनियम, 1934 की धारा 47 के अंतर्गत)

पृष्ठभूमि:

  • इस फ्रेमवर्क की सिफारिश बिमल जलान समिति (2018) ने की थी
  • इसे वर्ष 2019 में औपचारिक रूप से लागू किया गया

उद्देश्य:

  • मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु पर्याप्त वित्तीय सुरक्षा (buffers) बनाए रखना
  • साथ ही सरकार को अधिशेष राशि का संतुलित और विवेकपूर्ण हस्तांतरण सुनिश्चित करना

प्रमुख विशेषताएँ:

  • यह RBI को Contingency Risk Buffer (CRB) बनाए रखने की अनुमति देता है, जो अप्रत्याशित झटकों (जैसे मुद्रा अस्थिरता, आर्थिक संकट) से सुरक्षा प्रदान करता है
  • CRB की सीमा: RBI की बैलेंस शीट का 5.5% से 6.5%
  • यह RBI को संकट की स्थिति में “Lender of Last Resort” के रूप में कार्य करने की क्षमता प्रदान करता है

RBI द्वारा सरकार को अधिशेष (Surplus) स्थानांतरण:

अधिशेष स्थानांतरण की प्रक्रिया:

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) हर वर्ष Economic Capital Framework (ECF) के तहत केंद्र सरकार को लाभांश (dividend) के रूप में अधिशेष राशि स्थानांतरित करता है।
  • प्रक्रिया निम्नानुसार होती है:
  1. RBI की कुल आय से पहले Contingency Risk Buffer (CRB) और ऑपरेशनल व्यय (जैसे वेतन, प्रचालन लागत आदि) घटाए जाते हैं।
  2. शेष राशि को “अधिशेष” माना जाता है, जिसे केंद्र सरकार को स्थानांतरित किया जाता है।
Surplus transfer by RBI to the Government – 

केंद्र सरकार के लिए महत्व:

  • यह अधिशेष स्थानांतरण राजस्व प्राप्तियों का गैरकर (Non-Tax Revenue) स्रोत है।
  • इससे सरकार के वित्तीय घाटे (fiscal deficit) को कम करने में सहायता मिलती है।

बिमल जलान समिति की सिफारिशें (2019):

  • ECF की हर 5 वर्षों में समीक्षा की जानी चाहिए।
  • Contingency Risk Buffer (CRB) की सीमा RBI की बैलेंस शीट के 5.5% से 6.5% तक होनी चाहिए।
  • यदि RBI अधिक जोखिम बफर रखता है, तो सरकार को कम अधिशेष मिलेगा, और यदि बफर कम रखा जाए, तो अधिशेष अधिक होगा।

हालिया आंकड़े:

  • FY 2023-24: RBI ने अब तक का सर्वाधिक अधिशेष ₹2.11 लाख करोड़ स्थानांतरित किया।
  • FY 2024-25 (अनुमान): ₹2.5 लाख करोड़ से ₹3 लाख करोड़ तक अधिशेष स्थानांतरित किया जा सकता है।

FY25 में अधिशेष वृद्धि के कारण:

  • डॉलर की बिक्री के माध्यम से रुपये की अस्थिरता को नियंत्रित कर लाभ कमाना
  • सोने की कीमतों में तेज़ वृद्धि
  • RBI द्वारा धारण किए गए सरकारी प्रतिभूतियों (government securities) के मूल्य में वृद्धि

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा सरकार को अधिशेष (Surplus) हस्तांतरण का महत्व:

  1. राजकोषीय घाटा कम करता है
  2. राजस्व प्राप्ति बढ़ाता है
  3. सरकारी उधारी घटाता है
  4. उधारी लागत को कम करता है

ब्याज दरों को नियंत्रित रखता है

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