Suspension of Operations Agreement
संदर्भ:
हाल ही में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय और मणिपुर राज्य सरकार ने कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (KNO) और यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट (UPF) के तहत आने वाले 24 कुकी-जो उग्रवादी समूहों के साथ संशोधित सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह कदम क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
SoO (Suspension of Operations) समझौता:
पृष्ठभूमि: यह समझौता पहली बार 2008 में हुआ था, 1990 के दशक में हुए कुकी–नागा संघर्षों के बाद, उद्देश्य था – हिंसा रोकना और राजनीतिक संवाद की ओर बढ़ना।
मूल प्रावधान:
- करीब 2200 कैडर (KNO और UPF से जुड़े) को नामित शिविरों में भेजा गया।
- उन्हें प्रति माह ₹6,000 वजीफा दिया गया।
- कैडरों ने यह सहमति दी कि वे राज्य और केंद्र की सुरक्षा सेनाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार का अभियान नहीं चलाएँगे।
समझौते का विस्तार:
- यह समझौता हर साल बढ़ाया जाता रहा।
- फरवरी 2024 तक इसे लगातार नवीनीकृत किया गया।
विवाद और ताज़ा घटनाक्रम:
- 29 फरवरी 2024 को मणिपुर सरकार ने इस समझौते को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया।
- कारण बताए गए: नियमों के उल्लंघन
- SoO समूहों पर 2023 के जातीय हिंसा भड़काने का आरोप
- इसके बाद SoO की वैधता पर सवाल उठ खड़े हुए और शांति प्रक्रिया में नई चुनौती पैदा हो गई।
2025 संशोधित SoO समझौते के मुख्य प्रावधान:
- सुरक्षा बल कैडरों का सत्यापन करेंगे और सरकार पूरी सूची तैयार करेगी (नाम, जन्मतिथि, आधार, फोटो सहित)।
- विदेशी नागरिक (खासतौर पर म्यांमार के चिन-कुकी समुदाय से) सूची से हटाए जाएंगे और निर्वासित किए जाएंगे।
- नामित कैंपों की संख्या 14 से घटाकर 12 की जाएगी (6 KNO और 6 UPF), ये कैंप सीमाओं/हाईवे/संवेदनशील क्षेत्रों से दूर होंगे।
- हथियार CRPF/BSF कैंपों में रखे जाएंगे, न कि उग्रवादी कैंपों में।
- कैडर स्टाइपेंड केवल आधार-लिंक्ड खातों में और कैंप में भौतिक उपस्थिति पर ही मिलेगा।
- सभी कैडरों को मणिपुर पुलिस फोटो-आईडी जारी करेगी।
- कुकी-जो काउंसिल (KZC) ने राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (इंफाल-दीमापुर) यातायात और आपूर्ति के लिए खोलने पर सहमति दी।
- प्रिंसिपल सेक्रेटरी (गृह) की अध्यक्षता में ज्वाइंट मॉनिटरिंग ग्रुप निगरानी करेगा और उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करेगा।
- KNO और UPF हिंसा त्यागेंगे, भारतीय संविधान और मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता मानेंगे, तथा अन्य सशस्त्र समूहों से दूरी रखेंगे।
- नए कैडर भर्ती, हमले और विदेशी/घरेलू सशस्त्र समूहों से जुड़ने पर प्रतिबंध।
- समझौते का पालन करने पर सेना और सुरक्षा बल इनके खिलाफ अभियान नहीं चलाएंगे।
- केंद्र, मणिपुर सरकार और KNO/UPF के बीच त्रिपक्षीय राजनीतिक संवाद होगा।
महत्त्व:
- यह समझौता 2024 में समझौते के टूटने के बाद शांति-स्थापना की नई पहल है।
- मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को दोहराता है, जिससे मैतेई समुदाय की चिंताओं को संबोधित किया गया है।
- कुकी-जो समुदाय की राजनीतिक समाधान की मांग को स्वीकार करता है, लेकिन भारतीय संविधान की रूपरेखा में।
- राष्ट्रीय राजमार्ग-2 का खुलना इम्फाल घाटी के लिए आर्थिक जीवनरेखा बहाल करता है और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
- कैंपों का संवेदनशील क्षेत्रों से हटना हिंसा की संभावना घटाता है और नागरिक सुरक्षा को मजबूत करता है।