SWIFT ISO 20022
संदर्भ:
भारतीय बैंक SWIFT ISO 20022 को लागू करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं ताकि इसे नवंबर 2025 की समयसीमा तक पूरा किया जा सके। आंशिक रूप से माइग्रेशन पहले ही पूरा हो चुका है। इस नए वैश्विक मैसेजिंग मानक से सीमापार भुगतान की दक्षता, पारदर्शिता और आपसी संगतता में सुधार होने की उम्मीद है।
SWIFT (Society for Worldwide Interbank Financial Telecommunication):
- SWIFT एक वैश्विक वित्तीय मैसेजिंग सेवा प्रदाता है।
- यह दुनिया भर के बैंकों और वित्तीय संस्थानों को आपस में जोड़ता है।
- इसका मुख्य कार्य सुरक्षित और मानकीकृत वित्तीय संदेशों का आदान-प्रदान करना है।
स्थापना और मुख्यालय (Establishment & HQ)
- स्थापना: 1973 में ब्रसेल्स, बेल्जियम में।
- मुख्यालय: ला हुल्पे, बेल्जियम।
संचालन और निगरानी (Operation & Oversight)
- SWIFT की निगरानी G10 देशों (अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी आदि) के केंद्रीय बैंकों द्वारा की जाती है।
- इसके साथ ही यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) और नेशनल बैंक ऑफ बेल्जियम (NBB) भी इसकी देखरेख करते हैं।
- NBB इसमें प्रमुख निगरानी भूमिका निभाता है।
भूमिका (Role of SWIFT)
- क्रॉस–बॉर्डर पेमेंट्स (Cross-border payments) को आसान और सुरक्षित बनाता है।
- सिक्योरिटीज़ ट्रांजैक्शन्स (Securities transactions) को सुगम करता है।
- ट्रेजरी ऑपरेशन्स (Treasury operations) को सपोर्ट करता है।
- ट्रेड–रिलेटेड कम्युनिकेशन (Trade-related communication) को संभव बनाता है।
विस्तार (Reach & Usage)
- दुनिया भर के 200+ देशों की 11,000 से अधिक वित्तीय संस्थाएं SWIFT पर निर्भर हैं।
- यह सिस्टम तेज़, सुरक्षित और मानकीकृत वित्तीय संचार उपलब्ध कराता है।
