Take It Down Act
संदर्भ:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में “Take It Down Act” पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत बिना सहमति के साझा की गई अंतरंग तस्वीरों, विशेष रूप से AI-जनित डीपफेक इमेजेस, को आपराधिक कृत्य घोषित किया गया है। वर्तमान में, AI टूल्स की बढ़ती उपलब्धता के कारण बिना सहमति वाले डीपफेक कंटेंट का प्रसार वैश्विक स्तर पर तकनीकी नियमन से कहीं तेज़ गति से हो रहा है।
क्या है Take It Down Act?
- यह अधिनियम किसी की सहमति के बिना अंतरंग चित्रों को प्रकाशित करना या प्रकाशन की धमकी देना अवैध बनाता है।
- इसमें AI द्वारा बनाए गए “डीपफेक” चित्र भी शामिल हैं।
मुख्य प्रावधान–
- यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य की इंटिमेट तस्वीर या वीडियो जानबूझकर पोस्ट करता है (या उसकी धमकी देता है) — यह दंडनीय अपराध है।
- सोशल मीडिया कंपनियों और वेबसाइटों को:
- पीड़ित द्वारा सूचना मिलने के 48 घंटों के भीतर उस सामग्री को हटाना अनिवार्य है।
- एक जैसी अन्य डुप्लिकेट सामग्री को भी हटाने के लिए कदम उठाने होंगे।
प्रभाव और महत्व:
- यह अधिनियम डिजिटल निजता की सुरक्षा और ऑनलाइन उत्पीड़न के खिलाफ महत्वपूर्ण कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
- AI और डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग को रोकने में एक अहम कदम माना जा रहा है।
क्या हैं Deepfakes?
- Deepfakes वे कृत्रिम मीडिया सामग्री (वीडियो, ऑडियो, या चित्र) हैं जो Deep Learning एल्गोरिद्म से बनाई जाती हैं ताकि उन्हें वास्तविक जैसा दिखाया जा सके।
- यह शब्द “Deep Learning” और “Fake” (नकली) का संयोजन है।
- इसका उपयोग किसी व्यक्ति के चेहरे, आवाज़ या हावभाव को डिजिटल रूप से बदलने में किया जाता है
Deep Learning क्या है?
- Machine Learning की एक उन्नत शाखा है।
- इसमें बहु–स्तरीय न्यूरल नेटवर्क होते हैं जो मानव मस्तिष्क की निर्णय लेने की क्षमता की नकल करते हैं।
Deepfakes से उत्पन्न खतरे:
- किसी कंपनी के सीईओ या अधिकारी का रूप धारण करके धोखाधड़ी से पैसे ट्रांसफर करवा सकते हैं।
- राजनीतिक नेताओं के नकली वीडियो बनाकर गलत जानकारी फैलाई जा सकती है।
- मीडिया की साख को नुकसान पहुंचता है — असली वीडियो की विश्वसनीयता पर संदेह पैदा होता है।
- सामाजिक विश्वास और लोकतांत्रिक संस्थानों पर असर डाल सकते हैं।
भारत में Deepfakes और डिजिटल अपराधों से निपटने के लिए कानूनी प्रावधान:
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000:
- धारा 66E: निजी जानकारी जैसे चित्र आदि को बिना अनुमति इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से साझा करने पर दंड।
- धारा 67: अश्लील सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रसारित करने पर सजा।
- भारतीय दंड संहिता, 1860 (अब: भारतीय न्याय संहिता – BNS, 2023):
- धारा 356: मानहानि (Defamation) से संबंधित।
- धारा 111: संगठित अपराध (Organized Crime)।
- धारा 316: डिजिटल रूप में चोरी (Theft in Digital Form)।
- धारा 318: धोखाधड़ी (Cheating) से संबंधित प्रावधान।
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023:
- बिना अनुमति व्यक्तिगत डेटा के प्रोसेसिंग पर रोक और सख्त दंड का प्रावधान।
- महिलाओं का अशोभनीय प्रस्तुतीकरण (निषेध) अधिनियम, 1986: महिलाओं की अशोभनीय छवि या प्रस्तुति को प्रतिबंधित करता है – विज्ञापन, प्रकाशन या चित्रों के माध्यम से।