The Foreign Contribution Act
संदर्भ:
गृह मंत्रालय (MHA) ने हाल ही में जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के एनजीओ का एफसीआरए (Foreign Contribution Regulation Act) लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कार्रवाई लद्दाख के लेह में हुई हिंसक झड़पों के बाद की गई, जिनके बारे में सरकार का कहना है कि वे वांगचुक के बयानों से भड़काई गई थीं।
एफसीआरए (FCRA) क्या है?
Foreign Contribution (Regulation) Act, 2010 यानी विदेशी अंशदान (नियमन) अधिनियम, 2010 एक व्यापक कानून है, जो व्यक्तियों, संस्थाओं और कंपनियों द्वारा विदेशी धन या आतिथ्य (hospitality) के स्वीकार और उपयोग को नियंत्रित करता है।
- इसकी जड़ें एफसीआरए 1976 में हैं, जिसे आपातकाल के दौरान लागू किया गया था। इसका उद्देश्य विदेशी शक्तियों को भारत के आंतरिक मामलों पर प्रभाव डालने से रोकना था।
- 2010 का अधिनियम इन प्रावधानों को और सख्त व आधुनिक बनाता है, ताकि यह भारत के लोकतांत्रिक और संप्रभु (sovereign) मूल्यों के अनुरूप हो।
अधिनियम के उद्देश्य:
- संप्रभुता और लोकतंत्र की रक्षा: यह सुनिश्चित करना कि विदेशी धन चुनावी राजनीति, जनमत या नीतिनिर्धारण को राष्ट्रीय हित के विरुद्ध प्रभावित न करे।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: विदेशी अंशदान पाने वाले संगठनों के लिए कड़े रिपोर्टिंग और ऑडिटिंग प्रावधान।
- जनहित की सुरक्षा: सरकार को यह अधिकार कि जब भी दुरुपयोग या जोखिम दिखे, वह पंजीकरण को निलंबित या रद्द कर सके।
मुख्य प्रावधान:
- पंजीकरण और नवीनीकरण (Registration & Renewal):
- सभी NGO और संस्थाओं को एफसीआरए के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य।
- यह पंजीकरण 5 साल के लिए मान्य होता है।
- नवीनीकरण की अर्जी समाप्ति से 6 महीने पहले देनी होती है।
- निर्धारित बैंक खाता (Designated Bank Account):
- सभी विदेशी धनराशि एसबीआई, नई दिल्ली शाखा के खाते में ही आनी चाहिए, ताकि सरकार सीधे निगरानी कर सके।
- हस्तांतरण पर रोक (Prohibition of Transfer):
- पंजीकृत NGO विदेशी धन को अपंजीकृत संस्थाओं को नहीं दे सकते।
- प्रतिबंधित प्राप्तकर्ता: विदेशी अंशदान निम्न को नहीं दिया जा सकता:
- चुनाव उम्मीदवार
- पत्रकार या मीडिया कंपनियाँ
- न्यायाधीश और सरकारी सेवक
- विधायक, राजनीतिक दल या उनके पदाधिकारी
- राजनीतिक प्रकृति के संगठन
- रिश्तेदारों के लिए छूट: 2022 संशोधन के तहत विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों से आने वाले धन पर रिपोर्टिंग की सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख कर दी गई।
- पंजीकरण रद्द करने के आधार:
- झूठे बयान देना
- प्राप्त धन का उपयोग न करना
- “जनहित” के खिलाफ गतिविधियाँ करना
सोनम वांगचुक कौन है?
सोनम वांगचुक लद्दाख के एक प्रसिद्ध इंजीनियर, इनोवेटर, शिक्षा सुधारक और जलवायु कार्यकर्ता हैं। वह बॉलीवुड फिल्म 3 इडियट्स में आमिर खान द्वारा निभाए गए किरदार फुंसुख वांगडू के वास्तविक जीवन के प्रेरणास्रोत माने जाते हैं।
सोनम वांगचुक कौन हैं? जानिए लेह …
उनकी उपलब्धियाँ और कार्य:
सेकमोल की स्थापना: उन्होंने 1988 में ‘स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ (SECMOL) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य लद्दाख में सरकारी स्कूली शिक्षा में सुधार लाना था।
आइस स्तूप तकनीक: उन्होंने पानी के संरक्षण के लिए ‘आइस स्तूप’ नामक कृत्रिम ग्लेशियर बनाने की तकनीक का आविष्कार किया, जो सर्दियों के पानी को बर्फ के रूप में संग्रहीत कर गर्मियों में उपयोग करने में मदद करता है।
पुरस्कार: उनके कार्यों के लिए उन्हें 2018 में रेमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पर्यावरण सक्रियता: वह लद्दाख के पर्यावरण और वहाँ के लोगों के अधिकारों के लिए भी सक्रिय रूप से काम करते हैं। वे लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग के लिए जाने जाते हैं।