Trump Gaza peace plan
संदर्भ:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मिलकर गाज़ा संघर्ष समाप्त करने की व्यापक योजना पेश की। यह 20 बिंदुओं वाला प्रस्ताव लंबे समय से चले आ रहे तनाव को दूर करने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
ट्रम्प की गाज़ा शांति योजना – मुख्य बिंदु:
- हमास निरस्त्रीकरण (Disarmament)– हमास को अपने हथियार छोड़ने होंगे। जो सदस्य शांति को स्वीकार करेंगे उन्हें माफी (Amnesty) और सुरक्षित रास्ता (जॉर्डन, मिस्र, क़तर) दिया जाएगा।
- कोई जबरन विस्थापन नहीं– फिलिस्तीनियों को गाज़ा से नहीं निकाला जाएगा। इज़राइल ने वादा किया कि वह इस क्षेत्र को न तो कब्ज़ा करेगा और न ही मिलाएगा।
- सुरक्षा तंत्र:– एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF) (अमेरिका, अरब और वैश्विक साझेदार):
- फिलिस्तीनी पुलिस को प्रशिक्षित करेगा
- गाज़ा की सीमाओं की सुरक्षा करेगा
- सहायता और हथियारों की आपूर्ति को नियंत्रित करेगा
- इज़राइली वापसी: इज़राइल धीरे-धीरे गाज़ा कोISF के हवाले करेगा, सिर्फ़ अस्थायी सुरक्षा घेरा तब तक रखेगा जब तक खतरे पूरी तरह समाप्त न हो जाएँ।
- अंतरिम शासन: गाज़ा का संचालन एकतकनीकी फिलिस्तीनी समिति (स्थानीय + अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ) करेगी, जिस पर एक “बोर्ड ऑफ पीस” नज़र रखेगा। इसकी अध्यक्षता ट्रम्प करेंगे और पूर्व ब्रिटिश पीएम टोनी ब्लेयर भी शामिल होंगे।
- मानवीय सहायता:– संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रेसेंट की देखरेख मेंअस्पतालों, बेकरी, ढांचा निर्माण और मलबा हटाने के लिए सहायता दी जाएगी।
- कैदियों और बंधकों की अदला–बदली (Prisoner & Hostage Swap)– समझौते के 72 घंटे के भीतर:
- हमास बंधकों को छोड़ेगा
- इज़राइल250 उम्रकैद कैदियों और 1700 बंदियों (महिलाएँ और बच्चे शामिल) को रिहा करेगा।
- क्षेत्रीय गारंटी:– अरब और मुस्लिम देश यह सुनिश्चित करेंगे कि हमास समझौते का पालन करे और दोबारा खतरा न बने।
- अंतरराष्ट्रीय समर्थन: योजना को8 देशों का समर्थन: क़तर, जॉर्डन, यूएई, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, तुर्की, सऊदी अरब और मिस्र।
ट्रम्प की गाज़ा शांति योजना – प्रमुख चुनौतियाँ:
- हमास की भूमिका– क्या हमास वास्तव में सत्ता और हथियार छोड़कर समझौते को मान लेगा, यह सबसे बड़ी चुनौती है।
- इज़राइली राजनीति– प्रधानमंत्री नेतन्याहू को अपनी कट्टर-दक्षिणपंथी सहयोगी पार्टियों को इस योजना के लिए मनाना कठिन होगा।
- विदेशी नियंत्रण:गाज़ा का संचालन सीधे एक बाहरी अंतरराष्ट्रीय समिति को सौंपा जाएगा, जिससे पैलेस्टिनियन अथॉरिटी को दरकिनार कर दिया गया है।
- ट्रम्प की प्रतिबद्धता– ट्रम्प द्वारा गाज़ा पुनर्निर्माण की अध्यक्षता लंबी अमेरिकी भूमिका का संकेत देती है, लेकिन व्यावसायिक नजरिया यह संदेह पैदा करता है कि क्या वे वास्तव में राजनीतिक रूप से लगातार प्रतिबद्ध रहेंगे।
- योजना की कमियाँ: दस्तावेज़ मेंसमयसीमा, नक्शे और ठोस कार्यान्वयन व्यवस्था की स्पष्ट जानकारी नहीं है।
- वेस्ट बैंक का बहिष्कार: योजना मेंवेस्ट बैंक की बस्तियों, कब्ज़ों और हिंसा का कोई उल्लेख नहीं है, जबकि यह मूल राजनीतिक मुद्दा है।
- क्षेत्रीय जटिलताएँ: अरब देशों की भूमिका अस्पष्ट और सीमित है, ईरान को पूरी तरह बाहर रखा गया है।
भारत के लिए निहितार्थ:
सकारात्मक पहलू:
- वेस्ट एशिया में शांति स्थापित होने से भारत के 90 लाख प्रवासियों की सुरक्षा और 80% तेल आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
- भारत की रणनीतिक परियोजनाओं, जैसे इंडिया–मिडिल ईस्ट–यूरोप कॉरिडोर को मजबूती मिलेगी।
सावधानियां:
- पाकिस्तान की भागीदारी और योजना के समर्थन से भारत के लिए नई चुनौती उत्पन्न हो सकती है।
- भारत को इज़राइल, अरब देशों और ईरान के साथ अपने रिश्तों में संतुलन बनाए रखना होगा, खासकर बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों के बीच।