Two Wetlands in Bihar Designated as Ramsar Sites
संदर्भ:
भारत ने बिहार से दो नए वेटलैंड्स — बक्सर का गोकुल जलाशय और पश्चिम चंपारण की उदयपुर झील — को अंतरराष्ट्रीय महत्व की रामसर साइट्स की सूची में शामिल किया है। इन नए जुड़ावों के साथ भारत की रामसर साइट्स की संख्या बढ़कर 93 हो गई है, जो कुल 13,60,719 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करती हैं। इसके साथ ही भारत एशिया में शीर्ष स्थान और वैश्विक स्तर पर ब्रिटेन (176) और मैक्सिको (144) के बाद तीसरे स्थान पर बना हुआ है।
प्रमुख बिंदु (Key Points):
गोकुल जलाशय (Gokul Jalashay), बक्सर जिला
- प्रकार (Type): ऑक्सबो झील, गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित।
- पारिस्थितिक भूमिका (Ecological Role): बाढ़ से गाँवों की रक्षा करता है और 50 से अधिक पक्षी प्रजातियों का आवास है।
- समुदाय से जुड़ाव (Community Linkages): मछली पालन, खेती और सिंचाई से आजीविका प्रदान करता है।
- स्थानीय परंपरा (Local Tradition): ग्रामीण हर वर्ष एक त्योहार के दौरान जलाशय के कैचमेंट क्षेत्र की सफाई करते हैं।
उदयपुर झील (Udaipur Jheel), पश्चिम चंपारण जिला
- प्रकार (Type): गाँव को घेरे हुए ऑक्सबो झील।
- जैव विविधता (Biodiversity):
- 280 पौधों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें Alysicarpus roxburghianus (भारत में स्थानिक) शामिल है।
- 35 प्रवासी पक्षी प्रजातियों का शीतकालीन आवास, जिनमें संकटग्रस्त (vulnerable) कॉमन पॉकर्ड भी शामिल है।
भारत की प्रगति: रामसर साइट्स (Ramsar Sites):
- 2012 में: भारत में केवल 26 रामसर स्थल थे।
- 2025 तक: यह संख्या बढ़कर 93 स्थल हो गई।
- क्षेत्रफल कवरेज: ये स्थल कुल मिलाकर 6 लाख हेक्टेयर (1.36 million hectares) से अधिक क्षेत्र को कवर करते हैं।
- 2020 के बाद: मात्र 5 वर्षों में 51 नए वेटलैंड्स (आर्द्रभूमि) जोड़े गए, जो तेज़ संरक्षण प्रयासों को दर्शाता है।
- वैश्विक रैंकिंग: भारत, रामसर स्थलों की संख्या में यूके और मेक्सिको के बाद तीसरे स्थान पर है।
आर्द्रभूमि (Wetlands):
- आर्द्रभूमि दलदली क्षेत्र, फेन, पीटलैंड या जल (प्राकृतिक/कृत्रिम) होती है, जहाँ स्थिर या बहता हुआ पानी मौजूद होता है।
- समुद्री क्षेत्र भी आर्द्रभूमि में शामिल हैं यदि उनकी गहराई 6 मीटर से कम हो।
- आर्द्रभूमि एक पारिस्थितिक संक्रमण क्षेत्र (Ecotone) है, जहाँ स्थल और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र आपस में मिलते हैं।
रामसर कन्वेंशन (Ramsar Convention):
- स्थापना: 1971, रामसर (ईरान) में।
- उद्देश्य: आर्द्रभूमियों का संरक्षण और उनका विवेकपूर्ण उपयोग (Wise Use)।
- भारत की सदस्यता: 1982 में।
मोंट्रेक्स रिकॉर्ड (Montreux Record – खतरे वाली सूची)
यह सूची उन आर्द्रभूमियों की है, जिनकी पारिस्थितिक स्थिति मानव गतिविधि या प्रदूषण से बिगड़ रही है।
भारत की आर्द्रभूमियाँ मोंट्रेक्स रिकॉर्ड में:
- केवलादेव नेशनल पार्क, राजस्थान (1990): यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल।
- लोकटक झील, मणिपुर (1993):
- पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील।
- फुमदिस (तैरते हुए पौधों, मिट्टी और कार्बनिक पदार्थ के समूह) के लिए प्रसिद्ध।
चिल्का झील, ओडिशा – 1993 में सूची में जोड़ी गई थी, लेकिन सुधार के बाद 2002 में हटाई गई।
यह एशिया की पहली झील थी जिसे मोंट्रेक्स रिकॉर्ड से हटाया गया।
आर्द्रभूमियों की भूमिका (Role of Wetlands)
- जल चक्र का नियमन: बाढ़ के जोखिम को कम करती हैं।
- जैव विविधता का संरक्षण: विभिन्न पौधों और जानवरों के लिए आवास प्रदान करती हैं।
- जीविका का स्रोत: मछली पालन, कृषि और कच्चे माल की आपूर्ति में सहायक।
- जलवायु लचीलापन (Climate Resilience): जलवायु परिवर्तन से निपटने और सतत विकास (Sustainable Development) के लिए महत्वपूर्ण।