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यूनेस्को का विश्व बायोस्फीयर रिजर्व नेटवर्क (UNESCO World Network of Biosphere Reserves) | UPSC

UNESCO World Network of Biosphere Reserves

UNESCO World Network of Biosphere Reserves

संदर्भ:

भारत के हिमाचल प्रदेश स्थित कोल्ड डेजर्ट बायोस्फीयर रिज़र्व को हाल ही में यूनेस्को के वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिज़र्व्स (WNBR) में शामिल किया गया है। यह निर्णय चीन के हांगझोउ में आयोजित मैन एंड द बायोस्फीयर प्रोग्राम (MAB) की 37वीं अंतरराष्ट्रीय समन्वय परिषद की बैठक के दौरान लिया गया।

विश्व बायोस्फीयर रिज़र्व नेटवर्क:

विश्व बायोस्फीयर रिज़र्व नेटवर्क (WNBR) एक वैश्विक नेटवर्क है जो यह दिखाता है कि इंसान और प्रकृति के बीच संतुलित संबंध कैसे बनाए जा सकते हैं। यह यूनेस्को (UNESCO) के मैन एंड बायोस्फीयर (MAB) प्रोग्राम के अंतर्गत संचालित होता है। यह नेटवर्क ज्ञान साझा करने, क्षमता निर्माण और सतत विकास (sustainable development) की सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने का एक मंच है।

बायोस्फीयर रिज़र्व के तीन मुख्य कार्य:

  1. संरक्षण – जैव विविधता और सांस्कृतिक विविधता की रक्षा करना।
  2. विकास – सतत मानव और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
  3. लॉजिस्टिक सहयोग – शोध, निगरानी, पर्यावरण शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से संरक्षण और विकास का समर्थन करना।

नेटवर्क कैसे काम करता है?

  • वैश्विक सहयोग का साधन – देशों के बीच ज्ञान, अनुभव और सर्वोत्तम तरीकों का आदान-प्रदान।
  • नेटवर्क का विस्तार
    • शुरुआत: 1971 में MAB प्रोग्राम के अंतर्गत।
    • सितंबर 2025 तक: 142 देशों में 785 बायोस्फीयर रिज़र्व शामिल (नई साइटें लगातार जुड़ रही हैं)।
  • नामांकन – देश अपने-अपने रिज़र्व को नेटवर्क में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजते हैं, जिन्हें MAB के मानदंडों पर परखा जाता है।
  • सहयोगात्मक प्रबंधन – इसमें सरकारें, स्थानीय समुदाय, आदिवासी प्रतिनिधि और निजी संस्थाएँ मिलकर काम करती हैं।
  • क्षेत्रीय और विषयगत नेटवर्क – सहयोग बढ़ाने के लिए अलग-अलग नेटवर्क बनाए गए हैं, जैसे:
    • AfriMAB – अफ्रीकी बायोस्फीयर रिज़र्व नेटवर्क।
    • EABRN – पूर्वी एशियाई बायोस्फीयर रिज़र्व नेटवर्क।
    • विशेष वातावरणों (जैसे पहाड़ और द्वीप) पर आधारित नेटवर्क।

भारत के बायोस्फीयर रिज़र्व:

  1. नीलगिरी बायोस्फीयर रिज़र्व: 2000 में शामिल, तमिलनाडु–केरल–कर्नाटक में फैला भारत का पहला बायोस्फीयर रिज़र्व।
  2. गल्प ऑफ मन्नार बायोस्फीयर रिज़र्व: 2001 में शामिल, तमिलनाडु तट पर समुद्री जैव विविधता का केंद्र।
  3. सुंदरबन बायोस्फीयर रिज़र्व: 2001 में शामिल, पश्चिम बंगाल में विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन।
  4. नंदा देवी बायोस्फीयर रिज़र्व: 2004 में शामिल, उत्तराखंड में हिमालयी पारिस्थितिकी और दुर्लभ प्रजातियों का घर।
  5. नोकरेक बायोस्फीयर रिज़र्व: 2009 में शामिल, मेघालय की गारो हिल्स में स्थित जैव विविधता हॉटस्पॉट।
  6. पचमढ़ी बायोस्फीयर रिज़र्व: 2009 में शामिल, मध्य प्रदेश का पहाड़ी वनों और सांस्कृतिक धरोहर से समृद्ध
  7. सिमलीपाल बायोस्फीयर रिज़र्व: 2009 में शामिल, ओडिशा में हाथियों और बाघों का प्रमुख आवास।
  8. अचानकमारअमरकंटक बायोस्फीयर रिज़र्व: 2012 में शामिल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की नर्मदा नदी का उद्गम स्थल।
  9. ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिज़र्व: 2013 में शामिल, अंडमान–निकोबार द्वीप का विशिष्ट समुद्री व स्थलीय पारिस्थितिकी क्षेत्र।
  10. अगस्थ्यमलाई बायोस्फीयर रिज़र्व: 2016 में शामिल, पश्चिमी घाट में दुर्लभ औषधीय पौधों और पक्षियों का निवास।
  11. कांचनजंघा बायोस्फीयर रिज़र्व: 2018 में शामिल, सिक्किम में हिमालयी जैव विविधता और बौद्ध संस्कृति का अद्भुत मिश्रण।
  12. पन्ना बायोस्फीयर रिज़र्व: 2020 में शामिल, मध्य प्रदेश में बाघों और हीरों की खदानों के लिए प्रसिद्ध।
  13. कोल्ड डेज़र्ट बायोस्फीयर रिज़र्व: 2025 में शामिल, हिमाचल प्रदेश का भारत का पहला उच्च–ऊँचाई वाला शीत मरुस्थल।

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