US tariffs could cut 0.5% from India’s GDP in FY26
संदर्भ:
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने हाल ही में कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ से भारत की जीडीपी पर वित्त वर्ष 2025-26 में लगभग 0.5 प्रतिशत तक का असर पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि इसका प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि ये टैरिफ कितने समय तक लागू रहते हैं। यदि ये टैरिफ लंबे समय तक बने रहते हैं, तो जीडीपी में 0.5 से 0.6 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है।
पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.8 प्रतिशत रही–
- वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत की जीडीपी ग्रोथ सालाना आधार पर 5 प्रतिशत से बढ़कर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
- यह पिछले पांच तिमाहियों में सबसे तेज़ वृद्धि है। मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस और एग्रीकल्चर सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन के कारण इस तिमाही में जीडीपी में उछाल आया है।
RBI ने 6.5% इकोनॉमी ग्रोथ का अनुमान जताया था
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग (6 अगस्त) में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान 5 प्रतिशत पर बनाए रखा।
- RBI गवर्नर ने कहा कि मौसमी हालात अच्छे हैं और मानसून सीजन ठीक चल रहा है। इसके अलावा, त्योहारों का सीजन भी नजदीक आने के कारण आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के बारे में–
जीडीपी किसी देश की आर्थिक गतिविधियों का माप है और यह दर्शाता है कि एक निश्चित अवधि में देश की सीमाओं के भीतर कितनी अंतिम वस्तुएं और सेवाएं उत्पादित हुई हैं। यह देश की अर्थव्यवस्था के आकार और स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण संकेतक है। जीडीपी में वृद्धि अर्थव्यवस्था के विस्तार और जीवन स्तर में सुधार को दर्शाती है, जबकि गिरावट मंदी और आर्थिक कठिनाइयों का संकेत देती है।
जीडीपी की गणना कैसे की जाती है–
जीडीपी की गणना का फॉर्मूला है: GDP = C + G + I + NX
- जिसमें C = घरेलू खर्च
- G = सरकारी खर्च
- I = निवेश और
- NX = नेट एक्सपोर्ट (निर्यात – आयात) होता है।
इसे दो प्रकार में मापा जाता है- नॉमिनल GDP, जो वर्तमान कीमतों पर होती है, और रियल GDP, जो स्थिर कीमतों पर आधारित होती है।
जीडीपी पर कई कारक असर डालते हैं–
- उपभोक्ताओं की खरीदारी और प्राइवेट सेक्टर का विकास आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाते हैं, जबकि सरकारी खर्च भी GDP में योगदान देता है।
- इसके अलावा, निर्यात और आयात के अंतर (नेट डिमांड) का भी GDP पर प्रभाव पड़ता है; यदि आयात निर्यात से ज्यादा हों, तो इसका GDP पर नकारात्मक असर होता है।
जीडीपी का महत्व:
- जीडीपी किसी देश की अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन और स्वास्थ्य का मुख्य पैमाना है।
- इसका बढ़ना आर्थिक विकास को दर्शाता है, जिससे रोजगार और आय के अवसर बढ़ते हैं।
जीडीपी का डेटा सरकारों को नीतियां बनाने और देश की आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने में मदद करता है, वहीं निवेशकों के लिए यह यह तय करने का महत्वपूर्ण संकेत देता है कि किस क्षेत्र में निवेश करना लाभकारी होगा।
अमेरिका के 50% टैरिफ से भारत पर असर:
भारत से अमेरिका जाने वाले सामानों पर 27 अगस्त से 50% टैरिफ लागू हो गया है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, यह भारत के लगभग ₹5.4 लाख करोड़ के एक्सपोर्ट को प्रभावित कर सकता है।
इस टैरिफ के कारण कपड़े, ज्वेलरी, फर्नीचर और सी-फूड जैसे भारतीय उत्पाद अमेरिका में महंगे हो जाएंगे, जिससे इनकी मांग में लगभग 70% तक कमी आ सकती है।
वहीं, चीन, वियतनाम और मेक्सिको जैसे कम टैरिफ वाले देश अपने उत्पाद सस्ते दाम पर बेचकर भारतीय कंपनियों की अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी घटा सकते हैं।
भारत पर टैरिफ क्यों लगाया: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने आरोप लगाया है कि भारत की रूसी तेल आयात से मॉस्को को युद्ध फंडिंग में मदद मिल रही है। इसके जवाब में उन्होंने भारत से आने वाले आयात पर शुल्क को दोगुना कर 50% कर दिया।