USAID
संदर्भ:
दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिकी सहायता एजेंसी (USAID) ने भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर (लगभग 175 करोड़ रुपये) का फंड दिया है। दूतावास ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार को इस प्रकार की कोई वित्तीय सहायता नहीं प्रदान की गई है।
United States Agency for International Development (USAID):
परिचय:
- USAIDएक स्वतंत्र अमेरिकी सरकारी एजेंसी है, जो नागरिक विदेश सहायता और विकास सहयोग के लिए ज़िम्मेदार है।
- यह विश्व की सबसे बड़ी सहायता एजेंसियों में से एक है और अमेरिका की आधी से अधिक विदेशी सहायता इसी के माध्यम से दी जाती है।
- मुख्यालय: वॉशिंगटन, डी.सी., अमेरिका
- स्थापना: 1961, राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी द्वाराForeign Assistance Act के तहत एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) से
उद्देश्य (Aims of USAID):
- गरीबी उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देना।
- विकासशील देशों में लोकतंत्र और सुशासन (Governance) को मज़बूत करना।
- मानवीय सहायता, आपदा राहत और जलवायु लचीलापन में सहयोग।
- आर्थिक विकास और स्थायी प्रगति को प्रोत्साहित करना।
मुख्य कार्य (Key Functions of USAID):
- NGOs, विदेशी सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को विकास परियोजनाओं के लिए फंडिंग।
- आर्थिक वृद्धि, खाद्य सुरक्षा और जलवायु कार्यवाही को बढ़ावा देना।
- संकटग्रस्त देशों में आपातकालीन मानवीय राहत प्रदान करना।
- मानवाधिकार, लोकतंत्र और शासन सुधारों को प्रोत्साहित करना।
यूएसएआईडी का बजट और वैश्विक खर्च
2023 में कुल अंतरराष्ट्रीय सहायता पर अमेरिकी खर्च: 68 बिलियन डॉलर।
यूएसएआईडी का बजट: लगभग 40 बिलियन डॉलर (कुल अमेरिकी सरकारी वार्षिक खर्च 6.75 ट्रिलियन डॉलर का केवल 0.6%)।
फंड का प्रमुख उपयोग:
- एशिया
- उप–सहारा अफ्रीका
- यूरोप (हाल के वर्षों में विशेष रूप सेयूक्रेन को मानवीय सहायता पर अधिक खर्च)।
वैश्विक स्तर पर स्थिति:
- अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सहायता देने वाला देश है।
- तुलना में, ब्रिटेन (चौथा सबसे बड़ा डोनर)ने 2023 में केवल £15.3 बिलियन खर्च किए, जो अमेरिका की सहायता का लगभग एक चौथाई है।
भारत में योगदान (Contribution to India):
स्वास्थ्य पहल:
- मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी।
- टीबी (Tuberculosis), एचआईवी (HIV) और स्वच्छता संबंधी समस्याओं से निपटना।
जल एवं स्वच्छता:
- 1,000 शहरों कोOpen-Defecation-Free बनाने में सहयोग।
- डायरिया से होने वाली मौतों में कमी लाने में योगदान।
स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु लचीलापन:
- सौर ऊर्जा (Solar Energy) के विस्तार में मदद।
- ग्रीन बॉन्ड्स और टिकाऊ वानिकी (Sustainable Forestry) परियोजनाओं को बढ़ावा।