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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने पालघर में वाढवण बंदरगाह की आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में 76,000 करोड़ रुपये की लागत से वाढवण बंदरगाह (Vadhvan Port) की आधारशिला रखी। इसका उद्देश्य एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का समुद्री प्रवेश द्वार स्थापित करना है, जो बड़े कंटेनर जहाजों को सुविधा प्रदान करेगा, गहरे ड्राफ्ट की सुविधा देगा और विशाल मालवाहक जहाजों को समायोजित करके देश के व्यापार और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगा।

वाढवण बंदरगाह (Vadhvan Port):

वाढवण बंदरगाह महाराष्ट्र के पालघर जिले के वाढवण में प्रस्तावित एक गहरा समुद्री बंदरगाह है। यह अरब सागर के तट पर विकसित किया जाएगा और इसका निर्माण जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) के द्वारा किया जाएगा। निर्माण के बाद, यह भारत का तिरुवनंतपुरम के विजिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट के बाद दूसरा सबसे गहरा समुद्री बंदरगाह होगा और मुंबई पोर्ट तथा जवाहरलाल नेहरू पोर्ट से भी गहरा होगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹76,220 करोड़ (US$9.1 बिलियन) है।

निर्माण और साझेदारी:

वाढवण बंदरगाह का निर्माण वाढवण पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड नामक विशेष उद्देश्य वाहन (SPV) द्वारा किया जाएगा। इसमें जवाहरलाल नेहरू पोर्ट की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जो एक सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) का उदाहरण है।

बंदरगाह की संरचना

  • कृत्रिम बंदरगाह: वाढवण बंदरगाह (Vadhvan Port) एक कृत्रिम संरचना होगी, जो ब्रेकवाटर द्वारा सुरक्षित होगी। इसमें बर्थ, आंतरिक नौगम्य चैनल के साथ होंगे और बाहरी नौगम्य चैनल खुले समुद्र से जुड़ा होगा।
  • गहराई और ड्राफ्ट:
    • वाढवण पॉइंट से समुद्र की ओर 10 किलोमीटर की दूरी पर प्राकृतिक गहराई 20 मीटर है, जिससे बड़े जहाजों के लिए यह उपयुक्त होगा।
    • बंदरगाह की गहराई 17.5 मीटर और घाट की गहराई 19.5 मीटर होगी, जो पैनामेक्स और कैपसाइज़ जहाजों को समायोजित कर सकेगी।
    • अधिकतम ड्राफ्ट ज्वारीय समर्थन के साथ 16.5 मीटर होगा, जिससे 24,000 कंटेनर जहाजों का प्रवेश संभव होगा; बिना ज्वार के ड्राफ्ट 14.5 मीटर है।
    • 732 मीटर चौड़े और 4 किमी लंबे नौगम्य चैनल का उपयोग जहाजों की आवाजाही के लिए किया जाएगा।

बुनियादी ढांचा:

  • बंदरगाह: वाढवण बंदरगाह (Vadhvan Port) को एक कृत्रिम संरचना के रूप में योजनाबद्ध किया गया है, जो ब्रेकवाटर द्वारा संरक्षित होगी। कंटेनर घाटों के लिए पानी की गहराई 19.5 मीटर सीडी होगी; हार्बर बेसिन और पैंतरेबाज़ी बेसिन की गहराई 17.5 मीटर सीडी होगी। बंदरगाह 233,000 DWT के बड़े कंटेनर जहाजों को प्रवेश की अनुमति देगा।
  • एप्रोच चैनल: ब्रेकवाटर के बाहर 4 किलोमीटर लंबा एप्रोच चैनल अरब सागर के 17.5 मीटर सीडी गहरे पानी को बंदरगाह से जोड़ता है। एप्रोच चैनल की डिज़ाइन गहराई 20 मीटर और न्यूनतम चौड़ाई 732 मीटर है।
  • कंटेनर टर्मिनल: पहले चरण में चार कंटेनर टर्मिनल बनाए जाएंगे, प्रत्येक में 1,000 मीटर लंबे घाट के साथ 2 बर्थ होंगे। घाटों की डेक ऊंचाई औसत निम्न जल (MLLW) से 7.6 मीटर ऊपर होगी। इन टर्मिनलों में 400 मीटर लंबाई और 61 मीटर बीम वाले जहाजों को संभालने की सुविधा होगी।

निष्कर्ष:

वाढवण बंदरगाह (Vadhvan Port) एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्देश्य भारत की बढ़ती व्यापार आवश्यकताओं को पूरा करना और देश की समुद्री क्षमता को बढ़ाना है। इसकी गहरी ड्राफ्ट क्षमता और अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ, यह बंदरगाह भारत के पश्चिमी तट पर एक प्रमुख व्यापार केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर|

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