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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की योजना ‘विज्ञान धारा’ को मंजूरी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की तीन प्रमुख योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दी। इन योजनाओं को एकीकृत कर ‘विज्ञान धारा’ (Vigyan Dhara) नामक एक नई केन्द्रीय क्षेत्र योजना में विलय कर दिया गया है।

विज्ञान धारा (Vigyan Dhara) के तीन प्रमुख घटक :

‘विज्ञान धारा’ योजना के अंतर्गत तीन मुख्य घटक शामिल किए गए हैं:

  1. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (S&T) से संबंधित संस्थागत एवं मानव क्षमता निर्माण
  2. अनुसंधान एवं विकास (R&D)
  3. नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास एवं तैनाती

वित्तीय आवंटन और योजना का उद्देश्य

  • 15वें वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 के दौरान ‘Vigyan Dhara’ योजना के कार्यान्वयन के लिए 10,579.84 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है।
  • इन तीनों योजनाओं का एकीकरण करने से निधियों के उपयोग में दक्षता बढ़ेगी और विभिन्न उप-योजनाओं तथा कार्यक्रमों के बीच समन्वय को बढ़ावा मिलेगा।

विज्ञान धारा (Vigyan Dhara) योजना का उद्देश्य:

  • ‘विज्ञान धारा’ योजना का मुख्य उद्देश्य देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से संबंधित इकोसिस्टम को मजबूत करना है।
  • इस योजना के तहत, अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे शैक्षणिक संस्थानों में उच्च गुणवत्ता वाली अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं की स्थापना होगी और देश का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़ा बुनियादी ढांचा सुदृढ़ होगा।

अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:

  • इस योजना के तहत, अंतर्राष्ट्रीय मेगा सुविधाओं तक पहुंच, टिकाऊ ऊर्जा, जल आदि के क्षेत्र में उपयोगी अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • इसके अलावा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे, ताकि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में लैंगिक समानता सुनिश्चित की जा सके।

विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में कदम:

  • ‘Vigyan Dhara’ योजना के तहत प्रस्तावित सभी कार्यक्रम ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को साकार करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के 5 वर्षीय लक्ष्यों के अनुरूप होंगे।
  • इस योजना का अनुसंधान और विकास घटक राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन (एनआरएफ) के अनुरूप तैयार किया जाएगा और इसका कार्यान्वयन वैश्विक मानदंडों के अनुरूप किया जाएगा।

पृष्ठभूमि: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की भूमिका

  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित गतिविधियों के आयोजन, समन्वय और संवर्धन के लिए नोडल विभाग के रूप में कार्य करता है।
  • इससे पहले विभाग द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) को बढ़ावा देने के लिए तीन केंद्रीय क्षेत्र की अंब्रेला योजनाएं लागू की जा रही थीं, जिन्हें अब ‘विज्ञान धारा’ (Vigyan Dhara) योजना में एकीकृत किया गया है।

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