VijAIpatha Initiative

संदर्भ:
हाल ही में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री ने कर्नाटक के विजयनगर जिले के होसपेट तालुक में ‘विजAIपथ’ (VijAIpatha) नामक एक पायलट कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) शिक्षा पहल का शुभारंभ किया।
VijAIpatha पहल क्या हैं?
‘विजAIपथ’ (VijAIpatha) भारत सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी पायलट परियोजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और सरकारी स्कूलों के छात्रों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और आधुनिक तकनीक में प्रशिक्षित करना है।
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- मुख्य लक्ष्य: सरकारी स्कूलों के छात्रों को AI, रोबोटिक्स, कोडिंग और STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) की शिक्षा प्रदान करना ताकि वे भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए तैयार हो सकें।
- साझेदारी: यह परियोजना साइंट फाउंडेशन (Cyient Foundation) द्वारा कर्नाटक सरकार के शिक्षा विभाग के सहयोग से चलाई जा रही है।
- पायलट चरण: शुरुआती चरण में होसपेट तालुक के पांच सरकारी स्कूलों में विश्व स्तरीय AI, STEM और रोबोटिक्स प्रयोगशालाएं (Labs) स्थापित की जा रही हैं।
- लक्षित समूह: यह परियोजना मुख्य रूप से कक्षा 6 से 10 तक के 2,000 से अधिक छात्रों को लाभान्वित करेगी और 200 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करेगी।
इस पहल की प्रमुख विशेषताएं:
- अत्याधुनिक उपकरण: उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटर, AI-तैयार सॉफ्टवेयर, रोबोटिक्स किट और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) उपकरण का इस्तेमाल किया जाएगा।
- कनेक्टिविटी: सुरक्षित ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और विभिन्न सेंसरों की उपलब्धता हर प्रयोगशाला में उपलब्ध कराया जाएगा।
- व्यापक पाठ्यक्रम: कार्यक्रम में सीबीएसई (CBSE) के AI पाठ्यक्रम को एकीकृत किया गया है, जो वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने के लिए छात्रों की समस्या-समाधान क्षमताओं को विकसित करता है।
- अत्याधुनिक लैब्स: इस पहल के तहत स्कूलों में विश्व स्तरीय ‘AI और रोबोटिक्स लैब्स’ स्थापित की गई हैं।
- शिक्षक प्रशिक्षण: छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे आधुनिक तकनीक को प्रभावी ढंग से सिखा सकें।
राष्ट्रीय महत्व:
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020: यह पहल NEP 2020 के उद्देश्यों को पूरा करती है, जो प्रारंभिक स्तर से ही तकनीकी कौशल और आलोचनात्मक सोच पर जोर देती हैं।
- डिजिटल इंडिया मिशन: ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भविष्य की तकनीकों को पेश करके यह डिजिटल विभाजन को कम करने का कार्य करती हैं।
- विकसित भारत 2047: यह प्रधानमंत्री के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण में योगदान देती है, जहां युवा तकनीकी रूप से सक्षम और नवाचारी हों।
- CSR मॉडल: इसे एक स्केलेबल और प्रतिलिपि योग्य कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) मॉडल के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जिसे भविष्य में अन्य जिलों और राज्यों में विस्तारित किया जा सकता है।
