WHO Global Report on Trends in Prevalence of Tobacco Use
संदर्भ:
WHO का ग्लोबल रिपोर्ट – Trends in Prevalence of Tobacco Use 2000–2024 और Projections 2025–2030 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले व्यक्तियों में तंबाकू के उपयोग की व्यापक अनुमानित दर 2000 से 2024 तक प्रस्तुत करता है, साथ ही 2030 तक के रुझानों का प्रक्षेपण भी प्रदान करता है। यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति और तंबाकू नियंत्रण रणनीतियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देती है।
रिपोर्ट के प्रमुख वैश्विक निष्कर्ष और भारत की स्थिति:
वैश्विक निष्कर्ष:
- वयस्कों में तंबाकू उपयोग में गिरावट: 2010 में वयस्कों में तंबाकू का उपयोग 2% था, जो 2024 तक घटकर 19.5% हो गया।
- स्थायी लत: गिरावट के बावजूद, दुनिया के हर पांच वयस्कों में से एक अब भी तंबाकू का सेवन करता है।
- ई–सिगरेट का बढ़ना: दुनिया भर में 100 मिलियन से अधिक लोग अब ई-सिगरेट का उपयोग कर रहे हैं, जिसमें 13–15 वर्ष के लगभग 15 मिलियन किशोर शामिल हैं।
- लिंग आधारित अंतर: महिलाएँ 2025 के 30% कम करने के लक्ष्य को पाँच साल पहले ही पूरा कर चुकी हैं, जबकि पुरुषों के लिए यह लक्ष्य 2031 तक पूरा होने का अनुमान है। तंबाकू उपयोगकर्ताओं में से पाँच में से चार पुरुष हैं।
क्षेत्रीय रुझान:
- अमेरिका: इस क्षेत्र ने 36% सापेक्ष कमी हासिल की है।
- यूरोप: अब वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक प्रचलन वाला क्षेत्र है, 2024 में 1% वयस्क तंबाकू का उपयोग करते हैं।
- दक्षिण–पूर्व एशिया: पुरुषों में तंबाकू उपयोग में महत्वपूर्ण कमी देखी गई, जो 2000 के बाद लगभग आधी हो गई है।
- अफ्रीका: प्रचलन सबसे कम है, लेकिन जनसंख्या वृद्धि के कारण उपयोगकर्ताओं की कुल संख्या बढ़ रही है।
भारत की प्रगति:
- भारत 2010–2025 के बीच तंबाकू उपयोग में 43% सापेक्ष कमी के लक्ष्य पर है, जो WHO के 30% लक्ष्य से अधिक है।
- 2024 में, लगभग 48 मिलियन भारतीय (15 वर्ष और उससे अधिक आयु) तंबाकू का उपयोग कर रहे थे।
- तंबाकू उपयोग को कम करने के लिए भारतीय सरकार ने कई उपाय लागू किए हैं, जिनमें सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA), इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम, और राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम शामिल हैं।
भारत में तंबाकू उपयोग को कम करने के लिए किए गए उपाय:
- सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA), 2003: सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध, तंबाकू विज्ञापन पर रोक, नाबालिगों को बिक्री पर प्रतिबंध, पैकेजिंग और लेबलिंग का नियमन।
- इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम, 2019: इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट और समान उपकरणों का उत्पादन, आयात, बिक्री और विज्ञापन पूरी तरह प्रतिबंधित।
- राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (2007-08 में लॉन्च): हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना, WHO के Framework Convention on Tobacco Control (FCTC) के अनुरूप।
- टॉबैको–फ्री फिल्म नियम (2024): फिल्मों और टीवी में तंबाकू के चित्रण के लिए नए मानक लागू किए गए।
- येलो लाइन अभियान: स्कूलों के आसपास 100 गज के दायरे में तंबाकू बिक्री पर प्रतिबंध को सुदृढ़ करने के लिए दृश्यमान संकेतक (पीली लाइनें) पेश की गईं।
- कर और मूल्य हस्तक्षेप: उत्पाद शुल्क और GST में क्रमिक वृद्धि, हालांकि विशेषज्ञों का सुझाव है कि प्रभाव अधिकतम करने के लिए और वृद्धि की जानी चाहिए।
सिफारिशें: रिपोर्ट सरकारों से आग्रह करती है कि वे तंबाकू उद्योग की आक्रामक विपणन रणनीतियों का मुकाबला करने के लिए मजबूत तंबाकू नियंत्रण उपाय लागू और कड़ाई से लागू करें। सुझाए गए कदमों में शामिल हैं:
- तंबाकू उत्पादों पर कर वृद्धि।
- तंबाकू विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध।
- ई–सिगरेट जैसी नई निकोटीन उत्पादों का नियमन।
- तंबाकू छोड़ने की सेवाओं तक पहुँच का विस्तार।