WII
संदर्भ:
भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) द्वारा हाल ही में की गई एक विस्तृत समीक्षा में आंध्र प्रदेश के वन्यजीव अभयारण्यों के पारिस्थितिकीय प्रबंधन में मौजूद चुनौतियों और कमियों को उजागर किया गया है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि इन अभयारण्यों के संरक्षण को बेहतर बनाने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण, आधुनिकीकरण एवं आधारभूत ढांचे का विकास, और स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी को मिलाकर एक समग्र रणनीति अपनाई जानी चाहिए।
वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) : प्रमुख तथ्य
- स्थापना: वर्ष 1982 में, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संस्था के रूप में स्थापित किया गया।
- स्थान: यह संस्थान देहरादून, उत्तराखंड में स्थित है।
- उद्देश्य: भारत में वन्यजीव विज्ञान (Wildlife Science) के विकास को प्रोत्साहित करना।
मुख्य विशेषताएं:
- यह एक अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त संस्थान है जो:
- प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training)
- शैक्षणिक पाठ्यक्रम (Academic Courses)
- वन्यजीव अनुसंधान व प्रबंधन में सलाह (Advisory Services) प्रदान करता है।
- संस्थान देशभर में जैव विविधता (Biodiversity) से संबंधित मुद्दों पर सक्रिय अनुसंधान करता है।
अनुसंधान के प्रमुख क्षेत्र:
- जैव विविधता और पारिस्थितिकीय अध्ययन
- संकटग्रस्त प्रजातियाँ (Endangered Species)
- वन्यजीव प्रबंधन (Wildlife Management)
- वन्यजीव फोरेंसिक अनुसंधान
- पारिस्थितिकीय विकास (Eco-development)
- स्थानिक मॉडलिंग (Spatial Modelling)
- जलवायु परिवर्तन से संबंधित अध्ययन
प्रशासनिक संरचना:
- इसके शासी निकाय का अध्यक्ष केंद्रीय पर्यावरण मंत्री होते हैं।
- इसमें केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, संस्थान और शैक्षणिक जगत से सदस्य शामिल होते हैं।
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