Women E-Auto Programme

संदर्भ:
मदुरै (तमिलनाडु) में महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘महिला ई-ऑटो कार्यक्रम’ (Women E-Auto Programme) शुरू किया गया है, जो महिला सशक्तिकरण और शहरी परिवहन सुधार की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
महिला ई-ऑटो कार्यक्रम क्या हैं?
- तमिलनाडु के मदुरै में ‘चोलन टूर्स’ ने गैर-लाभकारी आधार पर एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की थी, जिसमें 20 महिलाओं को ई-ऑटो चालक के रूप में प्रशिक्षित किया गया।
- दिसंबर 2025 में संस्था द्वारा 13 नई महिलाओं को प्रशिक्षित करने की घोषणा की है।
- यह कार्यक्रम NGO ‘MOWO’ (Moving Women) के सहयोग से शुरू किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षित आवाजाही और आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करना है।
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों को केवल वाहन चलाने के साथ ही ‘सॉफ्ट स्किल्स’, ग्राहक सेवा और बुनियादी पर्यटन अभिविन्यास (Tourism Orientation) का भी प्रशिक्षण दिया गया है।
सरकारी सहयोग:
- अगस्त 2025 तक, मदुरै जिले में लगभग 644 महिला ऑटो चालकों को ₹1 लाख प्रति लाभार्थी की सब्सिडी प्रदान की गई है। यह वित्तीय सहायता “तमिलनाडु असंगठित चालक और ऑटोमोटिव मरम्मत श्रमिक कल्याण बोर्ड” के माध्यम से दी जाती है।
- तमिलनाडु सरकार ने फरवरी 2025 में पिंक ऑटो नीति 2025 के तहत “पिंक ऑटो” के लिए मसौदा नियम जारी किए। इन ऑटो के लिए गुलाबी रंग का होना अनिवार्य है और इनमें GPS/VLTD सिस्टम लगा होता है।
महत्व:
- महिला सशक्तिकरण: यह कार्यक्रम परिवहन क्षेत्र में महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाकर ‘Dravidian Model’ के तहत समावेशी विकास के लक्ष्य को पूरा करती है।
- हरित गतिशीलता: ई-ऑटो का उपयोग “PM E-DRIVE” योजना और भारत के शुद्ध शून्य उत्सर्जन (Net Zero Emission) लक्ष्यों के अनुरूप है। यह शहरी वायु प्रदूषण और शोर प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।
- सतत पर्यटन: मदुरै एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र है। महिला चालकों द्वारा संचालित ई-ऑटो पर्यटकों के लिए, विशेषकर महिला यात्रियों के लिए, एक सुरक्षित और विश्वसनीय विकल्प प्रदान करते हैं, जिससे “जिम्मेदार पर्यटन” (Responsible Tourism) को बढ़ावा मिलता है।
