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3R और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम

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संदर्भ:

3R और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम: भारत 3 से 5 मार्च, 2025 तक जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में 12वें क्षेत्रीय 3R और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम की मेजबानी करेगा। इस वर्ष का विषय एशियाप्रशांत में एसडीजी और कार्बन न्यूट्रलिटी प्राप्त करने की दिशा में सर्कुलर सोसाइटीज़ को साकार करना होगा।

12वें 33R और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम  (2025) के मुख्य बिंदु

  • घोषणा – केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में कर्टेन-रेज़र इवेंट के दौरान की।
  • प्रतिभागी – 500+ अंतरराष्ट्रीय और घरेलू प्रतिभागियों की अपेक्षा।
  • कार्यक्रम अवधि – तीन दिवसीय आयोजन में सत्र, चर्चा, गोलमेज सम्मेलन और नेटवर्किंग अवसर।

प्रमुख आकर्षण:

  • इंडिया पवेलियन – 3R (Reduce, Reuse, Recycle) और सर्कुलर इकॉनमी में भारत की प्रगति को दर्शाएगा।
  • राष्ट्रीय संस्थानों की प्रदर्शनी – सरकारी मंत्रालयों और राष्ट्रीय मिशनों द्वारा सतत विकास पहल का प्रदर्शन।
  • मुख्य सत्र – मंत्रियों और राजदूतों की चर्चा, मेयर डायलॉग और नीति संवाद।
  • CITIIS 2.0 कार्यक्रम – इस दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर।
  • NIUA का योगदान – 100+ सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं पर आधारित संकलन जारी किया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी और नवाचार

  • 3R व्यापार और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी – 40+ भारतीय और जापानी व्यवसायों व स्टार्टअप्स की भागीदारी।
  • अपशिष्टसेसम्पदा पहल – NGOs और स्वयं सहायता समूहों द्वारा सतत उद्यमिता को बढ़ावा।

समापन और घोषणाएँ

  • जयपुर डिक्लेरेशन (2025-34) – एशिया-प्रशांत देशों को सर्कुलर इकॉनमी की ओर बढ़ाने के लिए एक मार्गदर्शक।
  • हनोई डिक्लेरेशन (2013-23) की अगली कड़ी – संसाधन दक्षता नीतियों के निर्माण में सहायक।
  • गैरबाध्यकारी (Non-Binding) घोषणा

संगठन और सहभागिता: आयोजक – स्वच्छ भारत मिशन-शहरी, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, जापान सरकार, UN ESCAP, UNCRD, UNDSDG, UNDESA और राजस्थान सरकार।

3R फोरम की पृष्ठभूमि

  • शुरुआत – 2009 में संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय विकास केंद्र (UNCRD) द्वारा।
  • उद्देश्य – सरकारों को 3R (Reduce, Reuse, Recycle) सिद्धांतों को नीतियों में शामिल करने में सहायता।
  • पिछला फोरम (2023) – कंबोडिया द्वारा आयोजित।
  • भारत में पूर्व आयोजन – 8वां फोरम (2018) इंदौर में आयोजित

सर्कुलर इकॉनमी  (Circular Economy)

परिभाषा: विश्व आर्थिक मंच (WEF) के अनुसार, सर्कुलर इकॉनमी एक औद्योगिक प्रणाली है जो पुनर्स्थापनीय (restorative) या पुनरुत्पादक (regenerative) होती है।

मुख्य सिद्धांत:

  • उत्पादन और खपत का ऐसा मॉडल, जिसमें साझा करना, लीज पर देना, पुनः उपयोग (reuse), मरम्मत (repair), नवीनीकरण (refurbish) और पुनर्चक्रण (recycling) शामिल है।
  • लक्ष्य: कचरे को न्यूनतम करना और संसाधनों का अधिकतम उपयोग।

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