केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव के अनुसार ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पूरे देश में 52 करोड़ से ज़्यादा पौधे लगाए गए हैं। इस अभियान के तहत देश भर में वृक्षारोपण में एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
‘एक पेड़ मां के नाम‘ के बारे में –
- ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 05 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर की थी।
- इस अभियान की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों से इस पहल के माध्यम से रहने योग्य एक बेहतर पृथ्वी के निर्माण और सतत विकास में योगदान देने का अनुरोध किया था।
- “एक पेड़ मां के नाम” अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक वृहद वृक्षारोपण अभियान है।
- इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देश में वृक्षों की संख्या बढ़ाना, पर्यावरण संरक्षण करना और लोगों को वृक्षारोपण के प्रति जागरूक करना है।
अभियान का उद्देश्य:
- वृक्षारोपण को बढ़ावा देना: इस अभियान के माध्यम से लोगों को अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
- पर्यावरण संरक्षण: वृक्षारोपण से पर्यावरण प्रदूषण कम होता है, जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगता है और जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है।
- मिट्टी का संरक्षण: पेड़ मिट्टी को बांधकर रखते हैं, जिससे मिट्टी का कटाव रुकता है।
- जल संचयन: पेड़ वर्षा का जल सोखते हैं और भूजल स्तर को बढ़ाते हैं।
- जन जागरूकता: इस अभियान के माध्यम से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाता है।
अभियान की विशेषताएं:
- मातृत्व का भाव: इस अभियान में पेड़ को मां के समान माना जाता है और लोगों से अपील की जाती है कि वे एक पेड़ लगाकर अपनी मां को समर्पित करें।
- सामूहिक भागीदारी: इस अभियान में आम जन, स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्थान और गैर सरकारी संगठन शामिल होते हैं।
- विभिन्न प्रकार के पेड़: इस अभियान में विभिन्न प्रकार के पेड़ लगाए जाते हैं, जैसे कि फलदार पेड़, छायादार पेड़ और औषधीय पेड़।
- पेड़ों की देखभाल: इस अभियान में केवल पेड़ लगाना ही नहीं, बल्कि उनकी देखभाल करना भी महत्वपूर्ण होता है।
अभियान का प्रभाव:
- वृक्षों की संख्या में वृद्धि: इस अभियान के चलते देश में वृक्षों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- पर्यावरण में सुधार: इस अभियान से पर्यावरण प्रदूषण कम हुआ है और हवा और पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
- जलवायु परिवर्तन से लड़ाई: इस अभियान से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिली है।
- जन जागरूकता में वृद्धि: इस अभियान के माध्यम से लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
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