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बढ़ती दवा प्रतिरोधक क्षमता के बीच सुपरबग ‘2050 तक 39 मिलियन लोगों की जान ले सकते हैं।

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में Lancet की एक अध्ययन से पता चला है कि 2025 और 2050 के बीच एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) या Superbugs के कारण दुनिया भर में 3.9 करोड़ से अधिक लोगों की मृत्यु हो सकती है।

  • 2050 तक 3.9 करोड़ से अधिक मौतें एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) के कारण हो सकती हैं।
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि बैक्टीरिया और वायरस जैसे सुपरबग्स दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर रहे हैं।
  • भारत का चिकित्सा पैनल एंटीबायोटिक्स के सही उपयोग के लिए दिशा-निर्देश तैयार करेगा।

 एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगी या परजीवी जैसे रोगजनक (पैथोजेन) उन दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं जो उन्हें मारने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध “वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य और विकास के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक” है। यह समस्या ज्यादातर इसलिए पैदा हुई है क्योंकि इंसानों, जानवरों और पौधों में एंटीमाइक्रोबियल दवाओं का गलत और अधिक उपयोग किया गया है, जिससे रोगजनक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो गए हैं।

 एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) पर नई स्टडी  (New study on antimicrobial resistance):

एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) की समस्या आने वाले समय में और गंभीर हो सकती है। नई एंटीबायोटिक्स विकसित करने और जिम्मेदार एंटीबायोटिक उपयोग को बढ़ावा देने की जरूरत है।

अध्ययन का निष्कर्ष (Study findings):

  • 1990 से 2021 के बीच 204 देशों में 22 रोगजनक (pathogens), 84 रोगजनक-औषधि संयोजनों और 11 संक्रामक सिंड्रोम्स पर अध्ययन किया गया।
  • 520 मिलियन से अधिक रिकॉर्ड्स और 19,513 अध्ययन स्थानों के आंकड़ों का उपयोग किया गया।
  • इस अध्ययन में मौतों और स्वास्थ्य हानि (DALYs) का अनुमान लगाया गया जो बैक्टीरियल AMR के कारण हुईं।

डाटा संग्रह के स्रोत:

  • मृत्यु दर का डाटा, अस्पतालों से डिस्चार्ज डेटा, माइक्रोबायोलॉजी डाटा, औषधि बिक्री रिकॉर्ड, एंटीबायोटिक उपयोग सर्वेक्षण और पहले प्रकाशित आंकड़े।
  • 2021 में बैक्टीरियल एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) के कारण लगभग 71 मिलियन मौतें हुईं, जिनमें से 1.14 मिलियन मौतें AMR के सीधे कारण थीं। पिछले 31 वर्षों में AMR मृत्यु दर में उम्र और क्षेत्र के आधार पर महत्वपूर्ण भिन्नताएँ देखी गई हैं।
  • AMR से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है, (खासकर बुजुर्गों में।)
  • 5 साल से कम उम्र के बच्चों में AMR से मौतों में 50% की कमी हुई, जो 488,000 से घटकर 193,000 हो गई है। 2050 तक यह संख्या फिर से आधी हो जाएगी।
  • लेकिन 70 साल से अधिक उम्र के वयस्कों में 80% वृद्धि हुई है। और 2050 तक 146% बढ़कर 512,353 से 3 मिलियन हो जाने की उम्मीद है।

MRSA सुपरबग का खतरा (The threat of MRSA superbugs):

  • मेथिसिलिन-रेजिस्टेंट स्टैफिलोकोकस ऑरियस (methicillin-resistant Staphylococcus aureus) से जुड़ी मौतें 1990 में 57,200 से बढ़कर 2021 में 1,30,000 हो गईं।

 सुपरबग (Superbugs):

उन सूक्ष्मजीवों (microorganisms) को कहा जाता है, जो एंटीबायोटिक या एंटीमाइक्रोबियल दवाओं (antibiotics or antimicrobial drugs) के प्रति प्रतिरोधी (resistant) हो जाते हैं। इसका मतलब है कि जब इन सूक्ष्मजीवों से संक्रमित व्यक्ति पर सामान्य दवाएं असर नहीं करतीं, तो उन्हें ठीक करना मुश्किल हो जाता है। सुपरबग्स में मुख्य रूप से बैक्टीरिया (bacteria), वायरस (viruses), फंगी (fungi), और परजीवी (parasites) शामिल होते हैं, जो धीरे-धीरे अपनी संरचना में बदलाव कर लेते हैं और दवाओं के प्रभाव से बचने लगते हैं।

सुपरबग्स के कारण (Causes of Superbugs):

  • एंटीबायोटिक्स का अत्यधिक उपयोग (Excessive use of antibiotics): जब लोग बिना जरूरत या गलत तरीके से एंटीबायोटिक्स लेते हैं, तो इससे बैक्टीरिया में प्रतिरोध विकसित होता है।
  • अधूरी दवा खुराक (Incomplete drug dosage): दवाएं पूरी तरह से खत्म न करने से बैक्टीरिया जीवित रहते हैं और आगे चलकर प्रतिरोधी बन जाते हैं।
  • स्वच्छता की कमी (Lack of hygiene): गंदगी और संक्रमण फैलने से नए प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस उत्पन्न होते हैं जो प्रतिरोधी हो सकते हैं।
  • पशुओं में एंटीबायोटिक का उपयोग (Antibiotic use in animals): कृषि और पशुपालन में अत्यधिक एंटीबायोटिक उपयोग से भी सुपरबग्स का विकास होता है।

सुपरबग्स का खतरा (Threat of Superbugs):

  • सुपरबग्स से होने वाले संक्रमण का इलाज कठिन हो जाता है क्योंकि सामान्य एंटीबायोटिक्स (antibiotics) प्रभावी नहीं होतीं।
  • इससे अस्पताल में अधिक समय बिताना पड़ सकता है, इलाज महंगा हो जाता है, और मृत्यु दर बढ़ सकती है।
  • यह एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट है क्योंकि नए और अधिक शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स विकसित करना भी चुनौतीपूर्ण है।

सुपरबग्स से बचाव (Prevention of Superbugs):

  • एंटीबायोटिक्स का सही उपयोग(Proper use of antibiotics)
  • स्वच्छता का पालन (Following hygiene)
  • वैक्सीनेशन(Vaccination)
  • डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेना (Taking medicine as advised by the doctor)

सुपरबग्स एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) का ही एक हिस्सा हैं, और यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं।

भविष्य की संभावना (Future outlook):

  • अगर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हुआ, तो 2050 तक AMR से 9 मिलियन मौतें हो सकती हैं।
  • सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में दक्षिण एशिया (जैसे भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश), लैटिन अमेरिका ( Latin America) और उप-सहारा अफ्रीका (sub-Saharan Africa) शामिल हैं, जहां गुणवत्तापूर्ण देखभाल तक पहुंच सीमित है।
  • 2050 तक AMR के कारण होने वाली मौतों का अधिकांश हिस्सा 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में होगा।
  • 2022 से 2050 के बीच AMR के कारण मौतों में 6% की वृद्धि की संभावना है, लेकिन विकलांग जीवन वर्ष (DALYs) की संख्या में केवल 9.4% की वृद्धि होने की उम्मीद है। बेहतर देखभाल के परिदृश्य के तहत, 2025 और 2050 के बीच 92 मिलियन मौतें रोकने की संभावना है। Gram-नेगेटिव बैक्टीरिया के खिलाफ नई दवाओं के विकास से 11.1 मिलियन AMR मौतों को भी रोका जा सकता है।

भारत में AMR का समाधान (Solutions to AMR in India):

  • ICMR एंटीबायोटिक उपयोग के लिए दिशानिर्देश तैयार कर रहा है।
  • मुख्य क्षेत्रों में एंटीबायोटिक्स कब शुरू, बंद या बदलनी चाहिए, इस पर दिशानिर्देश बनाए जाएंगे।
  • निष्कर्ष
  • बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और नई एंटीबायोटिक्स से 2050 तक लाखों जानें बचाई जा सकती हैं।

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