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हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक परामर्श पत्र जारी किया, जिसमें बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने का प्रस्ताव दिया गया। इससे पहले, फरवरी 2021 में इस सीमा को 49% से बढ़ाकर 74% किया गया था।
बीमा कानूनों में संशोधन:
- उद्देश्य:
- नागरिकों के लिए बीमा की उपलब्धता और किफायती दरों को सुनिश्चित करना।
- बीमा उद्योग के विस्तार और विकास को प्रोत्साहित करना।
- व्यापार प्रक्रियाओं को सरल और सुगम बनाना।
- नेट ओनड फंड्स में बदलाव: विदेशी पुनर्बीमाकर्ताओं के लिए नेट ओनड फंड्स को 5,000 करोड़ रुपये से घटाकर 1,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव।
- आईआरडीएआई की शक्तियों का विस्तार: आईआरडीएआई को विशेष मामलों में underserved या unserved क्षेत्रों के लिए न्यूनतम 50 करोड़ रुपये पूंजी के साथ कम प्रवेश पूंजी निर्धारित करने का अधिकार मिलेगा।
- बीमा एजेंटों के लिए खुली संरचना:
- बीमा एजेंटों को एक से अधिक जीवन, सामान्य और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के साथ समझौता करने की अनुमति मिलेगी।
- वर्तमान में, बीमा एजेंटों को केवल एक जीवन, सामान्य और स्वास्थ्य बीमा कंपनी के साथ समझौता करने की अनुमति है।
कानूनों में संशोधन की आवश्यकता:
- पूंजी की आवश्यकता: बीमा उद्योग में हर साल लगभग ₹50,000 करोड़ की पूंजी लगाना जरूरी है ताकि देश में बीमा पैठ दोगुनी की जा सके।
- बीमा पैठ का महत्व: बीमा पैठ का अर्थ है बीमा प्रीमियम का GDP के अनुपात में मापन।
- बीमा कवरेज का विस्तार: बीमा कवरेज बढ़ाकर भारत हर साल लगभग 10 बिलियन डॉलर की बचत कर सकता है।
- असुरक्षित आबादी: बड़ी संख्या में भारतीय अभी भी बीमा से वंचित हैं, जिससे उच्च चिकित्सा खर्च जैसे जोखिम बने रहते हैं।
- आईआरडीए का लक्ष्य: ‘2047 तक सभी के लिए बीमा’ मिशन के तहत, आईआरडीए बीमा उद्योग की चुनौतियों को हल करने के लिए आक्रामक योजनाओं पर काम कर रहा है।
भारत में बीमा क्षेत्र: एक दृष्टि
- विश्व में स्थान:
- भारत उभरते हुए बीमा बाजारों में दुनिया में पाँचवें स्थान पर है।
- यह क्षेत्र हर साल 32-34% की दर से तेज़ी से बढ़ रहा है।
- बीमा पैठ (Insurance Penetration):
- कुल पैठ:
- 2021-22: 2%
- 2022-23: घटकर 4%
- जीवन बीमा:
- 2021-22: 2%
- 2022-23: घटकर 3%
- गैर-जीवन बीमा: 2021-22 और 2022-23: 1% (कोई बदलाव नहीं)।
- कुल पैठ:
- बीमा कंपनियों की संख्या:
- जीवन बीमा कंपनियाँ: 25
- सामान्य बीमा कंपनियाँ: 34
- पब्लिक सेक्टर बीमा कंपनियाँ: जीवन बीमा क्षेत्र में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) एकमात्र सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है।
- पुनर्बीमा क्षेत्र:
- भारत में पुनर्बीमा के लिए केवल एक राष्ट्रीय कंपनी है:
- जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (GIC Re)।
- भारत में पुनर्बीमा के लिए केवल एक राष्ट्रीय कंपनी है:
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI):परिभाषा: FDI के प्रमुख पहलू:
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