Apni Pathshala

‘घरचोला’ को मिला जीआई टैग

Download Today Current Affairs PDF

गुजरात की पारंपरिक सांस्कृतिक हस्तशिल्प विरासत घरचोला को भारत सरकार द्वारा जीआई टैग (Geographical Indication Tag) प्रदान किया गया है। यह गुजरात की कला और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

घरचोला: गुजरात की सांस्कृतिक धरोहर

  1. अर्थ और महत्व:
    • ‘घरचोला’ का मतलब होता है घर पर पहना जाने वाला कपड़ा।
    • इसमें ‘घर’ से तात्पर्य दुल्हन के नए घर से है, और ‘चोला’ वह वस्त्र है जिसे पहनकर दुल्हन नए घर में प्रवेश करती है।
    • यह साड़ी गुजराती शादियों का एक अहम और पवित्र हिस्सा है।
  2. निर्माण और डिज़ाइन:
    • सामग्री: यह साड़ी मुख्यतः कॉटन या सिल्क से बनाई जाती है।
    • डिज़ाइन:
      • इस पर जरी का बारीक काम किया जाता है।
      • मोर, कमल, और फूल-पत्तियों की आकृतियां उकेरी जाती हैं।
      • इसकी पहचान इसके ग्रिड पैटर्न से होती है।
  3. उत्पत्ति: घरचोला बनाने की शुरुआत गुजरात के खंभात जिले से हुई थी।
  4. सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व:
    • शादियों में परंपरा: यह साड़ी न केवल पारंपरिक परिधान है, बल्कि गुजराती संस्कृति और मान्यताओं का प्रतीक भी है।
    • स्थानीय कारीगरों का समर्थन: जीआई-टैग मिलने से स्थानीय कारीगरों और बुनकरों को आर्थिक लाभ मिलता है।

घरचोला साड़ी सिर्फ एक परिधान नहीं, बल्कि गुजराती संस्कृति, परंपरा, और कला का प्रतीक है।

GI टैग से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें:

  1. भौगोलिक संकेतक (GI टैग): यह टैग किसी क्षेत्र की विशिष्ट पहचान और गुणवत्ता वाले उत्पाद को मान्यता देने के लिए दिया जाता है।
  2. गुजरात के हैंडीक्राफ्ट सेक्टर में योगदान: घरचोला के साथ, हैंडीक्राफ्ट सेक्टर में गुजरात को अब तक 23 जीआई टैग मिल चुके हैं।
  3. अन्य सेक्टर्स में स्थिति: हैंडीक्राफ्ट के अलावा, अन्य सेक्टर्स में गुजरात को अब तक केवल 4 जीआई टैग मिले हैं।
  4. महत्व: यह टैग उत्पाद की गुणवत्ता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करता है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उत्पाद को विशिष्ट पहचान प्रदान करता है।

जीआई टैग (GI Tag) क्या है?

  1. परिचय: GI (Geographical Indication) टैग एक ऐसा चिन्ह है जो किसी उत्पाद की विशेष भौगोलिक उत्पत्ति और उसकी विशिष्ट गुणवत्ता या प्रतिष्ठा को दर्शाता है। इसे बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  2. कानूनी आधार: GI टैग को पेरिस कन्वेंशन और TRIPS समझौते के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों का हिस्सा माना गया है।
  3. लाभ: GI टैग से संबंधित पंजीकृत मालिकों को निम्नलिखित अधिकार प्राप्त होते हैं:
    • कानूनी संरक्षण: अवैध उपयोग और नकल से सुरक्षा।
    • विशेष उपयोग का अधिकार: केवल पंजीकृत मालिक ही GI टैग का उपयोग कर सकते हैं।
    • गलत जानकारी और अनुचित प्रतिस्पर्धा को रोकना।
  4. उत्पादों के प्रकार: GI टैग का उपयोग विभिन्न प्रकार के उत्पादों के लिए किया जाता है, जैसे:
    • कृषि उत्पाद: जैसे चावल, चाय।
    • हस्तशिल्प: जैसे बनारसी साड़ी।
    • खाद्य पदार्थ: जैसे मिठाइयां।
    • औद्योगिक उत्पाद: जैसे विशेष कारीगरी वाले उत्पाद।
  5. पात्रता:
    • किसी व्यापार संघ, संगठन, या समूह द्वारा आवेदन किया जा सकता है।
    • उत्पाद की विशिष्टता को ऐतिहासिक रिकॉर्ड और उत्पादन प्रक्रिया के विवरण के साथ प्रमाणित करना आवश्यक है।
  6. कानूनी मान्यता:
  7. महत्व: GI टैग न केवल उत्पाद की विशिष्टता को मान्यता देता है, बल्कि स्थानीय कारीगरों और किसानों को आर्थिक लाभ और उनकी पहचान को भी मजबूत करता है।

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top