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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने बेटे हंटर बाइडन को टैक्स और हथियार मामलों में पूर्ण माफी (क्षमादान) दी। हंटर बाइेडन अवैध तरीके से बंदूक रखने और टैक्स चोरी के मामले में सजा का सामना कर रहे थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा क्षमादान प्रक्रिया:
- संविधानिक प्रावधान: अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद 2, खंड 2 के तहत राष्ट्रपति को संघीय आपराधिक मामलों में क्षमादान देने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन यह महाभियोग के मामलों पर लागू नहीं होता।
- आपराधिक रिकॉर्ड का प्रभाव: क्षमादान आपराधिक रिकॉर्ड को समाप्त नहीं करता, लेकिन दंड को कम करता है और कुछ अधिकारों को बहाल करता है।
- विवेकाधीन अधिकार: यह अधिकार राष्ट्रपति को एकतरफा निर्णय लेने की स्वतंत्रता प्रदान करता है, और इसके लिए कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती।
अमेरिकी राष्ट्रपतियों द्वारा क्षमादान की परंपरा:
अमेरिका में राष्ट्रपति द्वारा क्षमादान देने की प्रक्रिया एक लंबी और ऐतिहासिक परंपरा है। इसका उपयोग दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के राष्ट्रपतियों ने किया है।
- जो बाइडन के क्षमादान: डेमोक्रेट पार्टी के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल में अब तक कुल 26 क्षमादान दिए हैं।
- डोनाल्ड ट्रंप के क्षमादान: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान कुल 237 क्षमादान जारी किए। इसमें 143 सज़ा माफ़ी और 94 सज़ा में कटौती शामिल थी।
- बराक ओबामा के क्षमादान: डोनाल्ड ट्रंप के पूर्ववर्ती राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने 8 साल के कार्यकाल में 1,927 क्षमादान दिए। इसमें 1,715 सज़ा में बदलाव और 212 सज़ा माफ़ी शामिल थीं।
- बिल क्लिंटन का क्षमादान: 2001 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अपने सौतेले भाई रोजर क्लिंटन को कोकेन से जुड़े 1985 के अपराध में माफ़ी दी।
भारतीय प्रणाली में क्षमादान का अधिकार:
- अनुच्छेद 72 और 161:
- भारतीय संविधान के तहत, राष्ट्रपति और राज्यपाल को क्षमादान देने या सजा कम करने का अधिकार है।
- यह अधिकार मंत्रिपरिषद की सलाह पर दिया जाता है।
- क्षमादान का प्रभाव: भारत में क्षमादान से अपराधी को सजा, दोषसिद्धि और अयोग्यता से पूरी तरह मुक्त किया जाता है।
- क्षमता का दायरा:
- राष्ट्रपति का अधिकार (अनुच्छेद 72): राष्ट्रपति संघीय अपराधों, मृत्यु दंड और केंद्रीय कानूनों से जुड़े मामलों में क्षमादान, सजा टालने या कम करने का अधिकार रखते हैं।
- राज्यपाल का अधिकार (अनुच्छेद 161): राज्यपाल राज्य के अपराधों और राज्य की कार्यकारी शक्ति के तहत आने वाले मामलों में समान अधिकार रखते हैं।
क्षमादान शक्ति से जुड़ी चिंताएँ:
- मनमानी (Arbitrariness): आलोचकों का मानना है कि क्षमादान का अधिकार मनमानी तरीके से प्रयोग किया जा सकता है, जिससे पक्षपाती या राजनीतिक पूर्वाग्रह का आभास होता है। यह असमानता और असंवेदनशीलता की भावना को जन्म देता है।
- पारदर्शिता की कमी (Lack of Transparency): क्षमादान देने के निर्णय की प्रक्रिया अक्सर अस्पष्ट होती है। इससे पारदर्शिता की कमी महसूस होती है और जनता में इसके बारे में अधिक जानकारी और जवाबदेही की आवश्यकता होती है।
- न्यायिक प्रणाली पर प्रभाव (Impact on Justice System): क्षमादान न्यायपालिका की साख को प्रभावित कर सकता है। यह कानून के तहत समान न्याय के सिद्धांत से विपरीत हो सकता है, जिससे न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं।