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संदर्भ:
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में नाग मार्क 2 मिसाइल के सफल क्षेत्र मूल्यांकन परीक्षण किए हैं। यह तीसरी पीढ़ी की “फायर-एंड-फॉरगेट” एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है, जिसे राजस्थान के पोखरण क्षेत्र परीक्षण स्थल पर परखा गया।
नाग मार्क 2 मिसाइल:
नाग मार्क 2 भारत में विकसित एक तृतीय पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है। यह फायर–एंड–फॉरगेट तकनीक से लैस है, जिससे ऑपरेटरों को लक्ष्यों को लॉक करने के बाद मिसाइल छोड़ने की अनुमति मिलती है। इस तकनीक के कारण मिसाइल को लॉन्च के बाद अतिरिक्त मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं होती, जिससे यह सटीक हमले सुनिश्चित करता है। यह मिसाइल आधुनिक आर्मर्ड खतरों को निष्क्रिय करने के लिए डिजाइन की गई है, और भारत की रक्षा शस्त्रागार में महत्वपूर्ण जोड़ है।
नाग मार्क 2 मिसाइल की मुख्य विशेषताएँ:
- फायर–एंड–फॉरगेट तकनीक: ऑपरेटर पहले लक्ष्यों को लॉक कर सकते हैं, जो जटिल युद्धक्षेत्र स्थितियों में भी सटीक हमलों को सुनिश्चित करती है।
- विविधता: यह आधुनिक आर्मर्ड खतरों को नष्ट करने में सक्षम है, जिसमें एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ERA) से लैस टैंकों को भी शामिल किया गया है।
- प्रभावी सीमा: परीक्षणों के दौरान अधिकतम और न्यूनतम सीमा पर मान्यता प्राप्त प्रदर्शन।
- प्लेटफॉर्म एकीकरण: इसे कई प्लेटफार्मों के साथ एकीकृत किया जा सकता है, जिसमें नाग मिसाइल कैरियर (NAMICA) शामिल है, जो संचालन में अधिक लचीलापन प्रदान करता है।
- उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली: इसे उन्नत इमेजिंग इंफ्रारेड (IIR) सीकर से लैस किया गया है, जो दिन और रात दोनों स्थितियों में सटीकता को बढ़ाता है।
नाग मिसाइल कैरियर (NAMICA) के साथ एकीकरण:
- सफल एकीकरण: नाग मार्क 2 मिसाइल को नाग मिसाइल कैरियर (NAMICA) संस्करण 2 के साथ सफलतापूर्वक एकीकृत किया गया।
- युद्धक्षेत्र में गतिशीलता: यह एकीकरण युद्धक्षेत्र में अधिक गतिशीलता और तैनाती की लचीलापन प्रदान करता है।
- ऑपरेशनल क्षमता: NAMICA के सफल मूल्यांकन ने इस हथियार प्रणाली को पूरी तरह से ऑपरेशनल बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
- प्रभावी तैनाती: मिसाइल को युद्ध परिस्थितियों में प्रभावी रूप से तैनात करने के लिए एकीकरण को सुनिश्चित किया गया है।
महत्व:
- स्वदेशी रक्षा क्षमता: भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करता है, जिससे विदेशी आयातों पर निर्भरता कम होती है।
- बढ़ी हुई युद्धक्षेत्र तत्परता: भारतीय सेना को एक अत्याधुनिक हथियार प्रणाली प्रदान करता है जो आर्मर्ड खतरों का मुकाबला करने में सक्षम है।
- संचालनात्मक प्रभावशीलता: उच्च सटीकता सुनिश्चित करती है कि लक्ष्यों को न्यूनतम सहयोगी क्षति के साथ निष्क्रिय किया जा सके।
- रणनीतिक प्रतिरोध: शत्रुओं के सामने भारत की मिसाइल प्रणाली में तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करता है, जिससे रणनीतिक प्रभाव बढ़ता है।