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संदर्भ:
आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) बजट सत्र के दूसरे चरण में आप्रवासन और विदेशियों विधेयक, 2025 पेश करने के लिए तैयार है। यह विधेयक आप्रवासन और विदेशी नागरिकों की आवाजाही से संबंधित मौजूदा चार कानूनों को प्रतिस्थापित करेगा, जिससे इन नीतियों को अधिक आधुनिक और प्रभावी बनाया जा सके।
आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025 की आवश्यकता:
- वर्तमान में विदेशी और आव्रजन से संबंधित कानून: वर्तमान में भारत में विदेशियों और आव्रजन से जुड़े मामलों को निम्नलिखित कानूनों द्वारा नियंत्रित किया जाता है:
- विदेशी अधिनियम, 1946
- पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920
- विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, 1939
- आव्रजन (वाहकों की देयता) अधिनियम, 2000
- ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:
- इनमें से तीन कानून संविधान लागू होने से पहले बनाए गए थे, विशेष रूप से प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के समय।
- वैश्विक आव्रजन परिदृश्य में बदलाव के कारण, ये पुराने कानून अप्रासंगिक हो गए हैं और इनकी जगह एक एकीकृत विधेयक की आवश्यकता है।
- आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025 का उद्देश्य:
- कानूनों की बहुलता और ओवरलैप को समाप्त करना।
- विदेशियों से जुड़े विभिन्न पहलुओं को सुव्यवस्थित करना, जैसे:
- वीजा संबंधी प्रावधान
- विदेशियों का पंजीकरण
- यात्रा से जुड़े दस्तावेज (पासपोर्ट, परमिट आदि)
- विदेशी नागरिकों के भारत में प्रवेश और निकास की प्रक्रियाओं को सरल और प्रभावी बनाना।
आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025 : प्रमुख प्रावधान:
- विदेशी नागरिकों के अनिवार्य पंजीकरण और प्रतिबंध–
- भारत में आगमन पर अनिवार्य पंजीकरण आवश्यक होगा।
- आंदोलन, नाम परिवर्तन, और संरक्षित/प्रतिबंधित क्षेत्रों में निवास पर कड़े प्रतिबंध लागू होंगे।
- व्यक्ति को स्वयं यह प्रमाणित करना होगा कि वह विदेशी नहीं है।
- अवैध प्रवेश, जाली दस्तावेज और वीज़ा उल्लंघन पर दंड–
- बिना वैध पासपोर्ट/वीज़ा प्रवेश करने पर 5 वर्ष तक की जेल और ₹5 लाख तक जुर्माना।
- जाली दस्तावेजों से प्रवेश, निवास या प्रस्थान करने पर 2 से 7 वर्ष की जेल और ₹1 से ₹10 लाख तक जुर्माना।
- अधिक समय तक रुकना, वीज़ा शर्तों का उल्लंघन या प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने पर 3 वर्ष तक की जेल, ₹3 लाख तक जुर्माना या दोनों।
- रिपोर्टिंग आवश्यकताएँ– शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, अस्पतालों और नर्सिंग होम्सको विदेशी नागरिकों की जानकारीपंजीकरण अधिकारी को रिपोर्ट करनी होगी।
- वाहक (Carriers) की जिम्मेदारी और दंड–
- यदि कोई वाहक (जैसे विमान, जहाज, बस) बिना वैध दस्तावेज वाले विदेशी को लाता है, तो उसे ₹5 लाख तक जुर्माना देना होगा।
- यदि जुर्माना नहीं चुकाया गया तो वाहन या परिवहन माध्यम जब्त किया जा सकता है।
- जिस विदेशी को भारत में प्रवेश से मना किया गया है, उसे वाहक को सौंप दिया जाएगा, जो उसे शीघ्र भारत से बाहर ले जाने के लिए उत्तरदायी होगा।
- गिरफ्तारी और सरकारी नियंत्रण–
- आप्रवासन अधिकारी (Immigration Officer) को बिना वारंट गिरफ्तारी करने का अधिकार होगा।
- भारत सरकार को विदेशी नागरिकों की आवाजाही को नियंत्रित करने, प्रवेश और प्रस्थान को प्रतिबंधित करने तथा कुछ क्षेत्रों में उनकी पहुँच रोकने की अतिरिक्त शक्ति दी गई है।
- विदेशी नागरिकों को अपने खर्चे पर भारत से बाहर जाना होगा और बायोमेट्रिक डेटा प्रदान करना होगा।